ये हुआ था

बर्थडे: दिग्गज लेग स्पिनर अनिल कुंबले का बतौर बल्लेबाज शुरू हुआ था करियर

टीम इंडिया के पूर्व कोच व कप्तान रहे दिग्गज लेग स्पिनर अनिल कुंबले आज अपना 53वां जन्मदिन मना रहे हैं। उनका जन्म 17 अक्टूबर 1970 को कर्नाटक में बेंगलुरु के पास कुंबला गांव में हुआ था। कुंबले के पिता का नाम कृष्णा स्वामी और माता का नाम सरोजा था। उनका सरनेम ‘कुंबले’ उनके पैतृक गांव ‘कुंबला’ के नाम के पर रखा गया। कुंबले को उनके क्रिकेट साथी ‘जंबो’ के नाम से पुकारते हैं। इसके पीछे उनकी लंबाई 6 फीट एक इंच है। अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में भारत की ओर से गेंदबाजी के सबसे ज्यादा रिकॉर्ड अनिल कुंबले के नाम ही दर्ज हैं। इस खास अवसर पर जानिए अपने समय के महान भारतीय स्पिनर कुंबले के बारे में कुछ अनसुनी बातें…

बचपन से रहा क्रिकेट से लगाव

अनिल कुंबले ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा बेंगलुरु के होली सेंट इंग्लिश स्कूल और हाई स्कूलिंग नेशनल हाई स्कूल, बसवनागुडी से पूरी की। कुंबले को बचपन से क्रिकेट के प्रति बेहद लगाव था। उन्होंने गली क्रिकेट से खेलना शुरु किया और 13 साल की उम्र में ‘यंग क्रिकेटर्स’ क्लब ज्वॉइन कर लिया था। कुंबले ने नेशनल कॉलेज, बसवनागुडी से अपनी प्री यूनिवर्सिटी कॉलेज शिक्षा प्राप्त की। इसके बाद उन्होंने साल 1991-92 में राष्ट्रीय विद्यालय कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग से मैकेनिकल इंजीनियरिंग में बी.ई की डिग्री ली।

कुंबले के बड़े भाई का नाम दिनेश कुंबले है। अनिल कुंबले ने एक शादीशुदा महिला से शादी की। उनकी पत्नी का नाम चेतना कुंबले हैं, जिनसे उन्हें बेटा मयस कुंबले और बेटी स्वस्ति कुंबले हैं। चेतना की पहली शादी से हुई एक बेटी आरुणी कुंबले हैं, जिसे उन्होंने स्टेप डॉटर के रूप में अपनाया।

10 विकेट लेने वाले पहले भारतीय गेंदबाज

पूर्व क्रिकेटर अनिल कुंबले ने 19 साल की उम्र में कर्नाटक टीम के लिए घरेलू क्रिकेट में खेलना शुरु कर दिया था। उन्होंने अपना फर्स्ट क्लास क्रिकेट डेब्यू हैदराबाद के खिलाफ साल 1989 में किया, जिसमें उन्होंने चार विकेट लिए थ। कुंबले के बेहतरीन प्रदर्शन को देखते हुए उनका पाकिस्तान के खिलाफ भारत की अंडर-19 टीम में चयन कर लिया गया था। उन्होंने अपने 18 वर्ष के अंतर्राष्ट्रीय करियर में कई रिकॉर्ड अपने नाम किए हैं। वे टेस्ट और वनडे में भारत की ओर से सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले गेंदबाज हैं।

इसके अलावा कुंबले के नाम टेस्ट क्रिकेट में एक पारी में सभी 10 विकेट लेने को अनोखा रिकॉर्ड भी दर्ज है। वे एकमात्र भारतीय गेंदबाज हैं, जिनके नाम यह गज़ब रिकॉर्ड है। उन्होंने पाकिस्तान के खिलाफ़ टेस्ट सीरीज में दिल्ली के फिरोजशाह कोटला मैदान में खेले गए मुकाबले में एक पारी में सभी 10 विकेट चटकाए थे। उनके इस शानदार प्रदर्शन से भारत ने पाकिस्तान से 2 मैचों की टेस्ट श्रृंखला जीती और कुंबले को ‘मैन ऑफ द मैच’ भी बने थे। इसी ख़ास उपलब्धि के कारण अनिल कुंबले ने क्रिकेट के ‘हॉल ऑफ फेम’ में अपना नाम दर्ज कराया। उनसे पहले 10 विकेट लेने का रिकॉर्ड इंग्लैंड के जिम लेकर ने 31 जुलाई, 1956 को बनाया था।

बैट्समैन से स्पिनर गेंदबाज बने थे कुंबले

अनिल कुंबले अपने करियर के शुरुआती मैच एक बल्लेबाज के रूप में खेले थे। लेकिन वर्ष 1990 में हुए मैच में पाकिस्तान के विरुद्ध खेलते हुए उन्होंने दिल्ली में 113 रन बनाए। उसी वर्ष उन्होंने अपने टेस्ट जीवन की शुरुआत की, जिसमें उन्होंने मैनचेस्टर के ओल्ड ट्रेफर्ड स्टेडिमय में इंग्लैंड के खिलाफ खेलते हुए अपने प्रथम मैच में तीन विकेट लिए थे। इसके बाद उनकी गेंदबाजी में निखार आने लगा और भारत के सबसे सफल गेंदबाज के रूप में शुमार हो गए। कुंबले को लेग स्पिनर माना जाता रहा, लेकिन वे स्पिन कम मीडियम फास्ट गेंदबाजी करते थे, जो उनकी बॉलिंग गति से पता चलता है।

ऐसे रहा अनिल कुंबले का क्रिकेट करियर

अनिल कुंबले ने भारत के लिए अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में श्रीलंका के खिलाफ अप्रैल 1990 में एकदिवसीय क्रिकेट में डेब्यू किया था। इसी वर्ष उन्होंने इंग्लैड के खिलाफ अपने टेस्ट करियर की शुरुआत की। भारत की ओर से सबसे सफ़लतम गेंदबाज अनिल कुंबले ने 132 टेस्ट मैच की 236 पारियों में 619 विकेट चटकाए हैं। वहीं, उन्होंने 271 एकदिवसीय मैच की 265 पारियों में 337 विकेट लेने का रिकॉर्ड अपने नाम किया है। मार्च 2007 में कुंबले ने अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास ले लिया।

इसके बाद वे क्रिकेट से जुड़ी कई अहम जिम्मेदारी निभा चुके हैं। 24 जून, 2016 को बीसीसीआई ने ​अनिल कुंबले को टीम इंडिया का मुख्य कोच नियुक्त किया था, लेकिन कप्तान कोहली से मतभेदों के चलते 20 जून 2017 को उन्होंने अपने पद से इस्तीफ़ा दे दिया। 2019 में इंडियन प्रीमियर लीग यानि आईपीएल के 2020 सत्र के लिए किंग्स इलेवन पंजाब टीम ने अनिल कुंबले को अपना मुख्य कोच अपॉइंट किया था। वह इस सत्र (2021) में भी पंजाब के मुख्य गेंदबाजी कोच बने हुए थे।

Read: वेदा कृष्णमूर्ति ने महज़ 18 साल की उम्र में टीम इंडिया के लिए कर लिया था डेब्यू

Raj Kumar

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