कितना सुन्दर नजारा होगा जब आप एक नदी के नीचे रेल में यात्रा करें, ऐसा ही कुछ किया है कोलकाता मेट्रो ने। भारत में नदी तल के नीचे चलने वाली पहली मेट्रो रेल लाइन का काम लगभग पूरा होने जा रहा है। कोलकाता मेट्रो द्वारा नदी के नीचे बनाई ट्रांसपोर्ट टनल भारत की पहली मेट्रो रेल लाइन होगी। यहां दो सुरंगें बनाई गई है जिनसे अप और डाउन मेट्रो गुजरेगी। सुरंग को सुरक्षा की दृष्टि और पानी के रिसाव से बचाने के लिए 3 स्तर के सुरक्षा कवच बनाए गए हैं। यह इतनी मजबूत होगी कि इस सुरंग में 80 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से मेट्रो ट्रेन गुजरेगी।
कोलकाता मेट्रो की इस नई लाइन के फेज़-1 पर कार्य पूरा हो चुका है और शीघ्र ही मेट्रो सेवा का सफर शुरू हो जाएगी। यह सुरंग सॉल्ट लेक सेक्टर-5 से सॉल्ट लेक स्टेडियम तक यानी लगभग 5 किमी लंबी इस मेट्रो लाइन पर कमिश्नर रेलवे सेफ्टी की जांच 23 जुलाई मंगलवार को पूरी की जा चुकी है। उम्मीद है कि जल्द ही इसे मंजूरी मिल जाएगी। मंजूरी मिलने के बाद फेज-1 के इस सेक्शन पर मेट्रो की सेवाएं आम लोगों के लिए शुरू की जाएंगी।
इस सुरंग के बनने के साथ ही कोलकाता दुनिया के उन विकसित शहरों की श्रेणी में शामिल हो गया है जहां मेट्रो की लाइन नदी के नीचे से निकाली गई है। इन शहरों में प्रमुख हैं- लंदन, न्यूयार्क, सैन फ्रांसिस्को, सिंगापुर और हांगकांग आदि।
रेल मंत्री पीयूष गोयल ने इस टनल के बारे में बताया कि भारतीय रेल के तहत कार्य करने वाली कोलकाता मेट्रो ने देश की ऐसी पहली ट्रांसपोर्ट टनल बनाई है जो नदी के अंदर से होकर गुजरेगी। इस टनल को बनाने में दुनिया की सर्वोत्कृष्ट तकनीक का उपयोग किया गया है, जल्द ही इस पर यात्रियों के लिए रेल यातायात शुरू किया जाएगा।
बता दें कि टनल के इस प्रोजेक्ट पर वर्ष 2009 से निर्माण कार्य चल रहा है और संभावनाएं जताई जा रही है कि वर्ष 2021 में यह पूरी लाइन शुरू हो जाएगी। इसी लाइन पर भारतीय रेल के हावड़ा और सियालदाह स्टेशन मौजूद होंगे। रेलवे को उम्मीद है कि साल 2035 तक रोज़ाना करीब 10 लाख लोग कोलकाता मेट्रो की इस लाइन का इस्तेमाल कर सकेंगे।
देश में बन रही पहली अंडरवाटर टनल अप और डाउन लाइन पर यहां दो सुरंगें बनाई जा रही हैं जो करीब 1.4 किलोमीटर लंबी है। यहां हुगली नदी की चौड़ाई करीब 520 मीटर है और इस नदी तल के नीचे से होकर मेट्रो गुज़रेगी।
दूसरे चरण जापान के सहयोग से बनेगा
कोलकाता मेट्रो रेल की सुरंग का दूसरे चरण की परियोजना को पूरा करने के लिए जापान का सहयोग लिया जा रहा है। इस पर आने वाली लगभग 5000 करोड़ रुपये की लागत जापान बैंक आफ इंटरनेशनल को—ऑपरेशन (जेबीआइसी) के वित्तीय सहयोग से पूरी की जा रही है।
सुरंग बनाने में खर्च होंगे 8572 करोड़ रुपए
कोलकाता मेट्रो का ईस्ट-वेस्ट प्रोजेक्ट एक महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट है, जो करीब 16 किलोमीटर लंबा है। यह सॉल्ट लेक स्टेडियम से हावड़ा मैदान तक विस्तृत है। सॉल्ट लेक सेक्टर-5 से सॉल्ट लेक स्टेडियम के बीच इस लाइन पर करुणामयी, सेंट्रल पार्क, सिटी सेंटर और बंगाल केमिकल मेट्रो स्टेशन मौजूद हैं। कोलकाता मेट्रो भारतीय रेल के अधीन आता है। इस पूरे प्रोजक्ट की लागत 8572 करोड़ रुपए है। इस सुरंग को बनाने में रूस और थाइलैंड के विशेषज्ञों से सलाह ली गई है।
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