टेक ज्ञान

जानिए यूनाइटेड नेशन और डब्ल्यूएचओ ने एप्पल कंपनी के खिलाफ याचिका दायर क्यों की है?

अमेरिकन मल्टीनेशनल टेक्नोलॉजी कंपनी एप्पल दुनिया में अपने प्रोडक्ट्स की वजह से ख़ास पहचान रखती है। इसके प्रोडक्ट्स का विश्वभर के लगभग सभी देशों में क्रेज देखा जाता है। एप्पल कंपनी कमाई के मामले में वर्षों से दुनिया की टॉप कंपनियों में बनी हुई है। एक समय यह ब्रांड लोगों के लिए लग्जरी स्टेट्स सिंबल बन गया था। अब बात करते हैं इस ब्रांड के हालिया मामले की। यूनाइटेड नेशन, डब्ल्यूएचओ और 250 साइंटिस्ट ने एप्पल के ख़िलाफ़ याचिका दायर की है। अगर आप एप्पल यूजर हैं तो भी और नहीं हैं तो भी आपको यह ख़बर ज़रूर पढ़नी चाहिए। आइए जानते हैं एप्पल के ख़िलाफ़ हाल में दायर याचिका वाला नया मामला क्या है जिसकी चारों ओर चर्चाएं हो रही है…

एप्पल के ख़िलाफ़ याचिका पर 40 देशों के साइंटिस्ट ने जताई सहमति

एक स्टडी के अनुसार, एप्पल एयरपॉड्स के इस्तेमाल से कैंसर जैसी घातक बीमारी हो सकती हैं। इस रिपोर्ट के बाद यूनाइटेड नेशन और वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन (डब्ल्यूएचओ) द्वारा दायर की गई एक याचिका में इसका खुलासा हुआ है। इस याचिका पर 40 देशों के 250 साइंटिस्ट ने सहमति जताई है। टेक एक्सपर्ट्स ने खासतौर पर एयरपॉड्स के इस्तेमाल को लेकर चेतावनी दी थी। स्टडी के मुताबिक़, एप्पल का एयरपॉड्स कान की अंदरुनी सतह ऐसी तरंगों को छोड़ता है जो कि मनुष्य के लिए बहुत नुकसानदायक हैं। जानवरों पर एक स्टडी में इसकी पुष्टि हुई है कि रेडियो फ्रीक्वेंसी तरंगों से कैंसर होने का खतरा बहुत ज्यादा है।

कम पावर की तरंगों भी बन सकती हैं कैंसर का कारण

साइंटिस्ट के मुताबिक़, रेडियो तरंगों से सबसे ज्यादा ख़तरनाक हाई लेवल तरंगे होती है, जो गर्मी पैदा करती है यहां तक की कई बार यह जला भी देती है। साइंटिस्ट अभी भी कम पावर वाली रेडियो तरंगो को लंबे समय तक काम में लेने के लिए प्रयास में लगे हुए हैं। रिपोर्ट के अनुसार रेडियो तरंगों ने जानवरों की प्रजनन क्षमता, न्यूरोलॉजिकल और अनुवांशिक रुप से काफी नुकसान पहुंचाया था। याचिका दायर करने वाले साइंटिस्ट का मानना है कि इन तरंगों से भविष्य में और ज्यादा दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है, हालांकि इसके लिए वो नियमकों को जिम्मेदार मानते हैं, जिन्हें इस पर रोक लगाना चाहिए। उनका कहना है कि इसके सही कारण ढूंढने के लिए अभी काफी रिसर्च करने की ज़रूरत है। साइंटिस्ट ने माना है कि सुरक्षा मानकों को स्थापित करने वाली विभिन्न एजेंसियां आम लोगों की रक्षा के लिए पर्याप्त कदम उठाने में फेल रही हैं।

एक साल में एप्पल ने बेचे करीब 3 करोड़ एयरपॉड्स

जानकारी के अनुसार, एप्पल कंपनी ने पिछले साल यानी 2018 में 2 करोड़ 90 लाख जोड़ी व्हाइट वायरलेस एयरपॉड्स सेल किए। इससे पहले वर्ष 2017 में कंपनी ने 1 करोड़ 60 लाख पेयर एयरपॉड्स सेल किए थे। गौरतलब है कि स्मार्टफोन से वायरलेस एयरपॉड्स को ब्लूटूथ से कनेक्ट किया जाता है। इसमें पॉपुलर शार्ट डिस्टेंस रेडियो कम्युनिकेशन टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया जाता है। किसी भी उपकरण को वायरलेस कम्युनिकेट करने के लिए इलेक्ट्रो मैग्नेटिक एनर्जी की अलग-अलग तरंगों का इस्तेमाल करना पड़ता है, ब्लूटूथ कम पावर की रेडियो तरंगों का इस्तेमाल करता है। जिससे कैंसर जैसा ख़तरा बढ़ जाता है।

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Raj Kumar

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