बुधवार 29 अप्रैल को सुबह पृथ्वी के पास एक बहुत ही बड़े आकार का उल्कापिंड गुजरेगा। हालांकि इससे लोगों को घबराने की जरूरत नहीं हैं लेकिन वैज्ञानिक इस हलचल पर पूरी नजर बनाए हुए हैं। जानिये क्या है पूरा मामला
गौरतलब है कि लंबे समय से पृथ्वी के पास उल्कापिंड गुजरने की खबरें मीडिया में आ रही हैं जिससे लोगों में हल्की घबराहट भी है। एक तरफ दुनिया में कोरोना का कहर बना हुआ है और कई लोगों की मौत हो चुकी है वहीं लोग अब इस होने वाली घटना को लेकर चिंतित हैं हालांकि वैज्ञानिकों का कहना है कि इस घटना से लोगों को घबराने की आवश्यकता नहीं है।
नासा के वैज्ञानिकों के अनुसार 29 अप्रैल बुधवार को सुबह 5 बजकर 56 मिनट पर ईस्टर्न टाइम में यह पहाड जैसा उल्कापिंड पृथ्वी के बेहद पास से गुजरेगा। वैज्ञानिकों का कहना है कि उल्कापिंड पृथ्वी पर वैश्विक प्रभाव पैदा करने के लिए काफी है मगर लोगों को अभी घबराने की आवश्यकता नहीं है।
वैज्ञानिकों के अनुसार इस उल्कापिंड की गति लगभग 19 हजार किलोमीटर प्रति घंटे है और इसका नाम 1998 OR2 रखा गया है। हालांकि वैज्ञानिकों का यह भी कहना है कि अगर इस पिंड ने अपनी थोडी सी भी जगह चेंज की तो पृथ्वी पर बडा संकट आ सकता है इसलिए भारत सहित दुनियाभर के वैज्ञानिक इस स्थिति पर गहरी नजर बना हुए हैं। वैज्ञानिकों का यह भी कहना है कि पृथ्वी से इसकी टकराने की संभावना बहुत ही कम है इसलिए चिंतित होने की जरूरत नहीं है। अंतरिक्ष वैज्ञानिकों का यह भी बयान आया है कि इस तरह उल्कापिंड की घटनाएं प्रत्येक 100 साल में धरती से टकराने की 50 हजार बार संभावनाएं रहती है मगर ऐसा बहुत ही कम बार हुआ है कि इतना बड़ा उल्कापिंड पृथ्वी से टकराया हो।
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