केरल में कांग्रेस की राज्य इकाई ने पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी से वायनाड से लोकसभा चुनाव लड़ने का आग्रह किया है। राज्य इकाई का मानना है कि केरल निर्वाचन क्षेत्र में राहुल की उपस्थिति दक्षिण भारत में कांग्रेस को बढ़ावा देगी।
वायनाड उत्तर केरल में है और कर्नाटक और तमिलनाडु दोनों में इसकी सीमाएं लगती हैं। लोक सभा निर्वाचन क्षेत्र वायनाड, कोझीकोड और मलप्पुरम के तीन राजस्व जिलों में फैला हुआ है। इसमें सात विधानसभा क्षेत्र कलपेट्टा, मंथनवडी और सुल्तान बाथरी वायनाड राजस्व में, थिरुवमबदी कोझीकोड राजस्व जिले में और नीलांबुर, एरनाड और वंदूर मलप्पुरम राजस्व जिले में शामिल हैं।
वायनाड सीट निर्वाचन क्षेत्रों के परिसीमन के बाद 2009 में अस्तित्व में आई। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एम.आई. शनवास ने सीट पर पहला चुनाव जीता जिन्होंने सीपीआई के एम रहमतुल्ला को 1.5 लाख वोटों के बड़े अंतर से हराया। शनवास ने 2014 में सीट बरकरार रखी हालांकि इस बार वे केवल 20,000 वोटों के अंतर से जीत पाए।
नवंबर 2018 में शानवास की मृत्यु हो गई। आम चुनाव में छः महीने से भी कम समय बचा था तो कोई उपचुनाव नहीं हुआ और वर्तमान में सीट खाली है।
वायनाड को केरल में कांग्रेस के लिए सबसे सुरक्षित निर्वाचन क्षेत्रों में से एक माना जाता है और यहां पार्टी के टिकट के कई दावेदार हैं। शानवस कांग्रेस के ’I’ गुट के थे और उस गुट के नेता, रमेश चेन्निथला ने अपने समूह के लिए सीट की मांग की थी।
प्रतिद्वंद्वी समूह के नेता ओमन चांडी द्वारा लोबिंग के बाद उनके विश्वासपात्र और युवा नेता टी सिद्दीकी की उम्मीदवारी को अंतिम रूप दिया गया था। जबकि कांग्रेस ने वायनाड के लिए पार्टी के उम्मीदवार की औपचारिक रूप से घोषणा नहीं की है। सिद्दीकी ने अपने अभियान की शुरुआत की है और शनिवार को कई रोडशो और बैठकें की हैं।
बीजेपी ने वायनाड को अपने सहयोगी बीडीजेएस को आवंटित किया है जिसे अभी अपने उम्मीदवार की घोषणा करनी है। भले ही वायनाड का लोकसभा में दो बार कांग्रेस के उम्मीदवार द्वारा प्रतिनिधित्व किया गया हो लेकिन सात विधानसभा क्षेत्र में से तीन कालीपेट्टा, मंतववदी और थिरुवमबदी फिलहाल सीपीआई (एम) के साथ हैं और एक चौथा विधानसभा क्षेत्र नीलांबर, सीपीआई (एम) द्वारा विधायक पीवी अनवर के पास है।
अन्य तीन विधानसभा क्षेत्र सुल्तान बाथरी, वंदूर और एरनाड कांग्रेस-लेड यूडीएफ के साथ हैं, जिसमें इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग शामिल है।
पूरे वायनाड क्षेत्र में कांग्रेस समर्थक वोटबैंक विशेष रूप से मुस्लिम और ईसाई हैं। मलप्पुरम में नीलाम्बुर विधानसभा सीट का प्रतिनिधित्व कांग्रेस क्षत्रप आर्यदान मुहम्मद किया करते थे कई दशकों से खराब स्वास्थ्य के कारण 2016 में चुनावी राजनीति को उन्होंने छोड़ना पड़ा था।
थिरुवमबदी का विधानसभा क्षेत्र भी यूडीएफ गढ़ रहा है जहां पिछले दो दशकों से आईयूएमएल चुनाव लड़ रहा है। निर्वाचन क्षेत्र केरल के प्रमुख कृषि बेल्टों में से एक है। नवीनतम जनगणना के अनुसार वायनाड राजस्व जिला निर्वाचन क्षेत्र का एक बड़ा हिस्सा है जहां कि 3.86 प्रतिशत आबादी शहरी क्षेत्रों में केवल रहती है।
देश के सबसे बड़े काली मिर्च उगाने वाले जिलों में से एक वायनाड में कृषि क्षेत्र का संकट गंभीर रूप से महसूस किया जा रहा है। कॉफी प्रमुख फसल में से एक है और 2018 की विनाशकारी बाढ़ से कई कॉफी उगाने वाले क्षेत्र बुरी तरह से प्रभावित हुए थे। जिले में 2005-07 में एक कृषि क्षेत्र का संकट देखा गया, जब कई कर्ज में डूबे किसानों ने आत्महत्या कर ली।
वायनाड जिले की केरल में सबसे बड़ी जनजातीय आबादी है। वायनाड राजस्व जिले की जनसंख्या 49.48 प्रतिशत हिंदू, 28.68 प्रतिशत मुस्लिम, और 21.34 प्रतिशत ईसाई है।
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