कृषि संकट पर चर्चा के लिए विशेष संसद सत्र की मांग करते हुए दिल्ली के बाहरी इलाके में बृजवासन से गुरुवार को एक लाख से ज्यादा किसानों ने मेगा विरोध प्रदर्शन शुरू किया। अखिल भारतीय किसान संघ समन्वय समिति (एआईकेएससीसी) द्वारा दो दिवसीय किसान मुक्ति मार्च का आयोजन किया गया है।
कल किसानों ने अनाज के उच्च न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) के लिए बिलों को पारित करने की मांग करते हुए निकट संसद का विरोध करने की योजना बनाई है। किसान कृषि ऋण से पूरी राहत चाहते हैं। विरोध करने वाले किसानों का आरोप है कि केंद्र “कृषि संकट को संबोधित करने में असफल रहा है।”
स्वराज अभियान नेता योगेंद्र यादव दिल्ली में मार्च का नेतृत्व कर रहे हैं। एआईकेएससीसी ने कहा कि ब्रिजवाना से शुरू होने वाले 25 किलोमीटर का मार्च, मजनू का तिला, निजामुद्दीन और आनंद विहार से गुज़रेगा। गायक, लेखकों और कवियों की शाम को किसानों को समर्पित एक सांस्कृतिक कार्यक्रम ‘एक शाम किसान के नाम’ में भाग लेने की उम्मीद है।
सीपीएम नेता और एआईकेसीसीसीसी के संयोजक हन्नान मुल्ला का कहना है कि 30 नवम्बर को किसान संसद के लिए रामलीला मैदान से अपने मार्च शुरू कर देंगे। संसद मार्ग पर किसान नेता और भाजपा को छोड़कर विभिन्न पार्टियां कृषि मुद्दों संबोधित करेंगे।
ऑल इंडिया किसान सभा (एआईकेएस) के राष्ट्रीय सचिव अतुल अंजन ने कहा कि दो दिवसीय बैठक के लिए कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और आंध्र प्रदेश, केरल और पश्चिम बंगाल के मुख्यमंत्रियों सहित विपक्षी दलों के नेताओं को आमंत्रित किया गया है। उन्होंने कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार को साफ करना होगा कि किसानों को राहत देने के लिए क्या कदम उठाए गए हैं।
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