सरकारी थिंक टैंक नीति आयोग ने अपना वार्षिक स्वास्थ्य सूचकांक जारी किया जिसमें केरल, आंध्र प्रदेश और महाराष्ट्र को जनसंख्या हेल्थ इंडेक्स में शीर्ष तीन स्थान में शामिल किया है, जबकि इस सूची में उत्तर प्रदेश सबसे निचले पायदान पर रहा। नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार ने मंगलवार को ‘हेल्दी स्टेट प्रोग्रेसिव इंडिया’ नामक रिपोर्ट जारी की।
नीति आयोग ने यह रिपोर्ट केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय और विश्व बैंक के तकनीकी सहयोग से मिलकर तैयार की है। रिपोर्ट में हेल्थ इंडेक्स को तीन श्रेणियों में बांटा गया है, इसके अनुसार इस इंडेक्स को बड़े राज्य, छोटे प्रदेश और केंद्रशासित प्रदेश की तीन श्रेणियों में विभाजित है। यह दूसरा मौका है जब आयोग ने स्वास्थ्य सूचकांक के आधार पर राज्यों की रैंकिंग जारी की है। इसमें देश के 21 बड़े राज्यों में से 12 में लड़कों की तुलना में लड़कियों की संख्या में कमी आई है, वहीं कुछ राज्यों में लड़कियों के अनुपात में सुधार भी देखा जा रहा है।
आयोग द्वारा जारी हेल्थ इंडेक्स के दूसरे संस्करण में हरियाणा, राजस्थान, और झारखंड तीनों राज्यों में स्वास्थ्य संबंधी सेवाएं सुधार की ओर अग्रसर हैं, जबकि उत्तर प्रदेश, बिहार, ओडिशा, मध्य प्रदेश, उत्तराखंड आदि राज्य सबसे खराब प्रदर्शन करने वाले रहे हैं।
लिंगानुपात कहीं घटा, तो कहीं बढ़ा
इस सूची में गुजरात, हिमाचल, राजस्थान और महाराष्ट्र जैसे बड़े राज्यों में लिंगानुपात के आंकड़ों में लड़कियों की संख्या में कमी दर्ज की गई वहीं हरियाणा, पंजाब और मध्यप्रदेश में इनकी संख्या में बढ़ोतरी दर्ज की गई है। इसमें साल 2013-15 को आधार मानकर 2014-16 से तुलना की गई है।
झारखंड राज्य में लड़कियों की संख्या में वृद्धि दर्ज की गई है। यहां वर्ष 2014-16 में लड़कियों की संख्या प्रति एक हजार लड़कों पर 902 थी जो इस रिपोर्ट में 16 बढ़कर 918 हो गई है। वहीं मध्य प्रदेश में यह आंकड़ा प्रति एक हजार लड़कों पर 919 से बढ़कर 922 हो गया है।
इन राज्यों में घटी बेटियों की संख्या
राज्य 2014-16 कमी
तेलंगाना 918 -17
पश्चिम बंगाल 951 -14
बिहार 916 -8
केरल 967 -8
हिमाचल प्रदेश 924 -7
गुजरात 854 -6
आंध्र प्रदेश 918 -5
इन राज्यों में बढ़ी बेटियों की संख्या
राज्य 2014-16 वृद्धि
झारखंड 902 +16
जम्मू-कश्मीर 899 +7
उत्तराखंड 844 +6
पंजाब 889 +4
तमिलनाडु 911 +4
23 स्वास्थ्य संकेतकों के आधार पर रैंकिंग
स्वास्थ्य सूचकांक के निर्माण में 23 स्वास्थ्य संकेतकों के आधार पर राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों का एक समग्र मूल्यांकन किया है, जिसमें अन्य मापदंडों के साथ मृत्यु दर, कुल प्रजनन दर और लिंग अनुपात को प्रमुखता दी गई है। यदि किसी राज्य में इन सब मानकों पर स्थिति खराब है तो उसका हेल्थ स्कारे कम होगा।
केरल बड़े राज्यों में, तो मिजोरम छोटे राज्यों में अव्वल
हेल्थ इंडेक्स में जहां बड़े राज्यों की सूची में केरल 74.01 अंक के साथ अव्वल रहा वहीं छोटे आठ राज्यों की सूची में 74.97 अंक के साथ मिजोरम पहले पायदान पर रहा है। मणिपुर दूसरे और मेघालय तीसरे स्थान पर है। केंद्र शासित प्रदेशों में चंडीगढ़ पहले स्थान पर है, जबकि दिल्ली पांचवें नंबर पर है।
अपने राज्य में नागरिकों को स्वास्थ्य एवं चिकित्सीय सेवाएं उपलब्ध करवाने में 21 बड़े राज्यों में उत्तर प्रदेश हेल्थ इंडेक्स में अंतिम पायदान पर रहा है। पिछली बार भी उत्तर प्रदेश सबसे अंतिम पायदान पर था।
हेल्थ इंडेक्स में ओवरऑल रैंकिंग (2017-18) टॉप पांच बड़े राज्य
1 केरल (74.01)
2 आंध्र प्रदेश (65.13)
3 महाराष्ट्र (63.99)
4 गुजरात (63.52)
5 पंजाब (63.01)
रोहित शर्मा ने सनराइजर्स हैदराबाद के खिलाफ फील्डिंग की सजावट की और कप्तान हार्दिक पांड्या…
अग्निवीर स्कीम को लेकर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने एक बड़ा बयान दिया है। उन्होंने…
सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को नागरिकता संशोधन कानून (CAA) रोक लगाने से इनकार कर दिया…
चुनाव रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर बड़ी भविष्यवाणी की है। प्रशांत…
आज अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के दिन राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने इंफोसिस के चेयरमैन नारायण मूर्ति…
कोलकाता हाई के पूर्व जस्टिस अभिजीत गंगोपाध्याय भाजपा में शामिल हो गए है। उन्होंने हाल…
Leave a Comment