कहते हैं लोकतंत्र में जनप्रतिनिधि जनता का प्रतिनिधित्व करता है, यह सच भी है तभी तो संसद में वहीं जनप्रतिनिधि कानून बनाते समय हर वाद-विवाद के बाद ही किसी एक्ट को पास करते हैं। जब वही जनप्रतिनिधि लोगों में उस एक्ट को गलत तरीके से जनता के सामने प्रस्तुत करते हैं तो कुछ भी गलत हो सकता है। यही हुआ जबसे देश में नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) बना तब से इसका विरोध किया जा रहा है। इन नेताओं के एक्ट को गलत तरीके से पेश करने और भड़काऊ भाषणों ने दिल्ली में दंगों को जन्म दिया। अब संसद में वही नेता स्वीकार कर रहे हैं कि इससे मुसलमानों की नागरिकता नहीं जाएगी।
हमारे देश में पिछले दो महीने से मुस्लिमों के बीच नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) और राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर) को नागरिकता पर संकट के रूप में पेश किया जाता रहा है। जिसमें पूरा विपक्ष इसको गलत तरीके से प्रस्तुत कर रहा था, लेकिन गुरुवार को राज्यसभा में कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल ने संसद के अंदर खुद स्वीकार किया कि सीएए से किसी की नागरिकता नहीं जाएगी।
जब केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने राज्यसभा में सीएए पर विपक्ष को निशाना बनाते हुए कहा कि सीएए को लेकर विपक्ष लोगों के बीच अफवाह फैला रही है, कोई यह बता दे कि इससे किसी भी नागरिक की नागरिकता कैसे जाएगी? यही नहीं गृह मंत्री ने जोर देकर कहा कि सिब्बल तो वकील हैं, वह बताएं कि सीएए से किसकी नागरिकता जा रही है।
इस जवाब में कांग्रेस सांसद कपिल सिब्बल ने कहा कि हम ऐसा नहीं कह रहे हैं कि इस बिल के आने से लोगों की नागरिकता छिनेगी। लेकिन एनपीआर में लोगों से दस सवाल और पूछे जाएंगे। जिसका जवाब नहीं मिलेगा, तो उसके आगे ‘डी’ लिख दिया जाएगा। यानी ‘डाउटफुल’।
शाह ने सदन को आश्वस्त किया कि कोई ‘डी’ लगने वाला नहीं है। किसी को इससे डरने की जरूरत नहीं है। उन्होंने स्पष्ट किया कि एनपीआर में न तो कोई दस्तावेज मांगा जाएगा और न ही किसी सवाल का जवाब नहीं देने पर कोई सवाल उठाया जाएगा। उसके बाद पूछताछ होगी। इसमें मुसलमानों की बात नहीं है, इसमें गरीब, शोषित और दलित लोगों को दिक्कत पेश आएगी। ये सभी लोगों के लिए है।
इसके बाद शाह ने सदन को भरोसा दिलाया कि एनपीआर में किसी से कोई दस्तावेज नहीं मांगा जाएगा और जो जितनी सूचना देना चाहेगा, उतना ही दे, यह वैकल्पिक है। शाह ने यह भी कहा कि कोई डाउटफुल मार्क नहीं लगेगा। देश में किसी को भी एनपीआर से डरने की जरूरत नहीं है।
गृहमंत्री ने संसद में सभी दलों से अपील की कि यदि वे एक होकर कहें कि सीएए से किसी की नागरिकता नहीं जाएगी तो देश में एक भी दंगे नहीं होंगे। कपिल सिब्बल के यह कहने के बाद कि कोई नहीं कह रहा कि सीएए किसी की नागरिकता छीनेगा।
इस पर शाह ने उन्हें आगाह किया कि वह कांग्रेस के कई नेताओं को कोट कर सकते हैं जिसमें उन्होंने कहा है कि सीएए मुसलमानों की नागरिकता छीन लेगा।
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