भारत की 17वीं लोकसभा के लिए पहले चरण का मतदान हो चुका है। हालांकि अभी आगे अलग-अलग तारीख को 6 चरणों में वोटिंग होनी बाकी है। आगे के चरणों के लिए देश की कई लोकसभा सीटों पर उम्मीदवारों का नामांकन भरना जारी है। इस दौरान उम्मीदवार अपने नामांकन के साथ निर्वाचन आयोग को हलफनामा पेश कर रहे हैं। जेएनयू में देश विरोधी नारे विवाद से चर्चा में आए कन्हैया कुमार भी इस बार लोकसभा चुनाव लड़ने जा रहे हैं। हाल में कन्हैया ने अपना नामांकन पर्चा भरा। इस दौरान प्रस्तुत हलफनामे में उन्होंने खुद को बेरोज़गार बताया है, लेकिन फिर भी कन्हैया की सालाना आय लाखों में है।
जेएनयू छात्रसंघ के पूर्व नेता रहे कन्हैया कुमार खुद को बेरोज़गार बताते हैं लेकिन इसके बावजूद वे सालाना लाखों में कमाई रह रहे हैं। कन्हैया ने हलफनामे में अपनी सालाना आय 8.5 लाख रुपये बताई है। अपने नामांकन हलफनामे में कन्हैया ने कहा कि ‘बिहार टू तिहाड़’ नाम की उनकी किताब से कमाई हो रही है और वह बेरोजगार हैं। उन्होंने बताया कि वे किताब के अलावा लेक्चर से पैसे कमाते हैं। साथ ही वह फ्रीलांस लेखन का कार्य भी करते हैं। गौर करने वाली बात यह है कि इसके बावजूद कन्हैया खुद को बेरोजगार बता रहे हैं।
देशद्रोह के आरोप से चर्चा में आए कन्हैया के एफिडेविट के मुताबिक उनके पास 24000 रुपये कैश और बैंक में कुल सेविंग्स 3,57,848 रुपये है। उनके पास कोई कृषि भूमि नहीं है। उनके एफिडेविट में एक अचल संपत्ति का जिक्र है, जो उनका पैतृक घर है। यह घर बिहार के बेगूसराय में बताया गया है, जिसकी कुल कीमत 2 लाख रुपये है। गौरतलब है कि कन्हैया को चुनाव लड़ने के लिए 70 लाख से अधिक का चंदा मिल चुका है।
2019 के इस लोकसभा चुनाव में कन्हैया कुमार पहली बार और लेफ्ट के टिकट पर बिहार की बेगूसराय सीट से चुनाव लड़ रहे हैं। इस सीट पर भाजपा ने केन्द्रीय मंत्री गिरिराज सिंह को मैदान में खड़ा किया है। वहीं, लालू प्रसाद यादव के आरजेडी यानी राष्ट्रीय जनता दल ने तनवीर हसन को अपना उम्मीदवार बनाया है। कन्हैया पहली बार सीपीआई की ओर से चुनाव लड़ रहे हैं। कन्हैया यहां स्थानीय उम्मीदवार की हैसियत से चुनाव लड़ रहे हैं। इनके पिता बेगूसराय में किसान हैं और इनकी मां आंगनवाड़ी केन्द्र में काम करती हैं।
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जेएनयू छात्र नेता और देशद्रोह का आरोप झेल रहे कन्हैया कुमार ने 9 अप्रैल को बेगूसराय से अपना नामांकन भरा था। इस दौरान जेएनयू की पूर्व स्टूडेंट और अक्सर सोशल मीडिया पर अपने पोस्ट से विवादों में रहने वाली एक्ट्रेस स्वरा भास्कर, मानवाधिकार कार्यकर्ता तीस्ता सीतलवाड़, गुजरात के विधायक जिग्नेश मेवाणी, सीपीआई के राष्ट्रीय सचिव अतुल अंजन और जेएनयू छात्रनेता शेहला राशिद उनके समर्थन के लिए मौजूद थे। नामांकन के लिए घर से निकलने से पहले कन्हैया ने सोशल मीडिया पर कुछ फोटो शेयर की थी, जिसमें वह अपनी माता का आशीर्वाद लेते दिख रहे हैं। बेगूसराय एक जमाने में लेफ्ट का गढ़ रह चुका है लेकिन अब वहां कमल खिलने लगा है।
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