अमूमन 25 साल के युवा अपने कॅरियर को तराश रहे होते हैं। कॅरियर में नई मंजिले पाने के ख्वाब देख रहे होते हैं लेकिन इस उम्र में फिल्मी दुनिया की एक एक्ट्रेस ने कुछ समय पहले मौत को गले लगा लिया था। हम बात कर रहे हैं जिया खान की। आज ही के दिन जिया ने अपने फ्लैट पर फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली थी। सूरज पंचोली के साथ जिया रिलेशनशिप में थी और इसी रिश्ते की परेशानियों के कारण वे कुछ समय से डिप्रेशन में थीं। जिया की बॉडी के पास से एक सुसाइड नोट भी मिला था। खैर, उस दिन क्या हुआ और किन हालातों में जिया ने आत्महत्या की यह आज भी रहस्य है। लेकिन उनके सुसाइड नोट से यह साफ था कि वे काफी डिप्रेशन में थीं और इसी कारण उन्होंने मौत को गले लगाया था।
जिया चूंकि उभरता हुआ सितारा थीं इसलिए उनकी मौत ने सुर्खियां बटोरी थी लेकिन आंकड़ों पर गौर किया जाए तो देश भर में रोज कई युवा डिप्रेशन में आकर अपनी जीवन लीला समाप्त कर लेते हैं। आखिर यह डिप्रेशन है क्या और यह क्यों एक व्यक्ति को मौत के मुंह तक ले जाता है? आइए जानने की कोशिश करते हैं।
हमारे जीवन में भावनाओं का बहुत अहम रोल होता है। यही भावनाएं हमें विभिन्न दिशा में लेकर जाती हैं। लेकिन जब कोई शख्स जीवन की विभिन्न घटनाओं को नकारात्मक रूप में लेने लगता है तो उसे सब कुछ गलत नज़र आने लगता है। लगातार इस स्थिति में रहने के बाद व्यक्ति को अपना जीवन निरर्थक लगने लगता है। वह खुद को ही हर गलत बात का जिम्मेदार मानने लगता है। हताशा और निराशा उसे इस कदर घेर लेती है कि वह चाहकर भी सकारात्मक दिशा में नहीं सोच पाता। यही तनाव उसे डिप्रेशन की दुनिया में खींचता चला जाता है। चिकित्सकों के अनुसार तनाव से शरीर में एड्रीनलीन और कार्टिसोल जैसे कई हार्मोन का स्तर बढ़ता जाता है।
जब व्यक्ति डिप्रेशन की दुनिया में बुरी तरह फंस जाता है तो उसे किसी तरह की राह नज़र नहीं आती है। उसके पास एक ऐसी अंधकार वाली दुनिया बन जाती है, जहां से वह कुछ देख नहीं पाता। ऐसे में उसके मन जीवन समाप्त करने का खयाल आने लगता है। उसे लगता है कि मृत्यु ही उसकी हर परेशानी का हल है। वह यह मानने लगता है कि यदि वह मर जाएगा तो सारी परेशानियां अपने आप ही खत्म हो जाएंगी, बस यही सोच व्यक्ति को मौत के कुूएं में धकेल देती है।
— हमेशा तनाव में रहना
— हमेशा अकेले रहना
— लोगों से बात ना करना
— हमेशा हीन भावना से ग्रसित रहना
— नींद ना आना
— किसी काम में मन ना लगना
— हर बात का नकारात्मक मतलब निकालना
— जीवन को लेकर बड़ी सोच विकसित करें
— अच्छी किताबें पढ़ें
— लोगों से मिलते जुलते रहें
— करीबी लोगों से हर परेशानी साझा करें
— तनाव बढ़ाने वाली बातों से दूर रहें
— एक ही विषय पर हद से ज्याद ना सोचें
— अपना पसंदीदा काम करें
— हैल्दी डाइट लें
— एक्सरसाइज करें
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