ये हुआ था

विशेषः कहां हुई थी रिपब्लिक डे की पहली परेड, जानिए ऐसे ही कुछ रोचक तथ्य

देश 72वां गणतंत्र दिवस उल्लास, उमंग और बड़े उत्साह के साथ मना रहा है। हर साल की तरह इस साल भी गणतंत्र दिवस के इस राष्ट्रीय महापर्व पर देश की राजधानी में कोने-कोने को सजाया गया है। लेकिन कोरोना महामारी के कारण इस बार काफी सख्ती भी बरती जा रही है। हमारे देश का गणतंत्र एक रोचक सफर से गुजरा है और इसके कई ऐतिहासिक मायने हैं। भारत हर साल गणतंत्र दिवस के दिन अपने शौर्य और गणतंत्र की महानता पूरे देश को बताता है। रिपब्लिक डे के मौके पर हम आपको इससे जुड़ी कुछ ऐसी ही बातें बताने जा रहे हैं, जिनके बारे में शायद ही आपको पता होगा..

रिपब्लिक-डे के बारे में ये बातें हैं ख़ास

1- गणतंत्र दिवस की भव्य परेड पूरी दुनिया में चर्चा का हिस्सा रहती है। इस दिन राजपथ पर लाखों लोगों की भीड़ के साथ केंद्र सरकार के प्रतिनिधि और कई राष्ट्रों से आए मेहमान मौजूद होते हैं।

2- गणतंत्र दिवस के मौके पर परेड की शुरूआत 1950 में आजाद भारत का संविधान लागू होने के दिन से हुई थी। हालांकि साल 1950 से 1954 तक गणतंत्र दिवस की परेड राजपथ पर न होकर चार अलग जगहों पर हुई थी। राजपथ का नाम उस समय ‘किंग्सवे’ हुआ करता था।

3- गणतंत्र दिवस के दिन कार्यक्रम की औपचारिक शुरूआत राष्ट्रपति के आने के बाद होती है। राष्ट्रपति अपनी कार और घुड़सवारों की सुरक्षा के साथ आते हैं।

4- गणतंत्र दिवस के दिन हर साल राष्ट्रगान के दौरान 21 तोपों की सलामी देते हैं। 21 तोपों की ये सलामी पूरे राष्ट्रगान के दौरान चलती है। 21 तोपों की सलामी देने वाली भारतीय सेना 7 तोपों को पौन्डर्स कहते हैं।

5- 26 जनवरी की परेड के लिए तैयारियां 6 से 7 महीने पहले शुरू हो जाती है और तकरीबन 600 घंटे की प्रेक्टिस के बाद ये दल राजपथ पर परेड करते हैं। इसके अलावा 26 जनवरी से पहले फुल ड्रेस रिहर्सल होती है जिसमें सारे दल करीब 12 किमी की परेड करती है।

6- परेड में शामिल होने वाली सभी राज्यों की झांकियां 5 किमी प्रति घंटा की स्पीड से चलती है। इस बार की बात करें तो परेड में सिर्फ 22 झांकियां ही देखने को मिलेंगी क्योंकि हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, बिहार, झारखंड, छत्तीसगढ़, राजस्थान इत्यादि राज्यों की झांकी इस बार नहीं होगी। वहीं सभी झांकियों की थीम महात्मा गांधी की 150वीं जयंती पर रखी गई है।

7- परेड के सबसे रोचक हिस्से को ‘फ्लाई पास्ट’ कहा जाता है, जिसमें 41 फाइटर प्लेन और हेलिकॉप्टर वायुसेना की अलग-अलग जगहों से उड़ान भरते हैं। उड़ते समय यह आकाश में कई कलाबाजी दिखाते हुए रंग उड़ाते हैं।

8- आपको जानकर हैरानी होगी कि साल 2001 में भारत सरकार को गणतंत्र दिवस के एक दिन का खर्चा करीब 145 करोड़ रुपये पड़ा वहीं साल 2014 में यह खर्चा 320 करोड़ रुपये तक पहुंच गया।

Read More: 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस मनाये जाने के पीछे की ये है पूरी कहानी

Raj Kumar

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