भारत का रक्षा निर्यात अपने सर्वकालिक उच्चतम स्तर पर पहुंच गया है। पीआईबी की ओर से दी गई जानकारी के अनुसार वर्ष 2013-14 में देश का रक्षा निर्यात 686 करोड़ रुपये था जो वर्ष 2022-23 में बढ़कर 16,000 करोड़ हो गया है। इस में 23 गुना की वृद्धि दर्ज की गई है। सरकार की ओर से जारी बयान के अनुसार रक्षा निर्यात में यह वृद्धि देश के वैश्विक रक्षा सामग्री निर्माण में बढ़ोतरी को दर्शाता है। भारत फिलहाल 85 से अधिक देशों को रक्षा सामग्री का निर्यात कर रहा है।
भारत के रक्षा उद्योग ने वैश्विक मानकों के साथ उत्पादन करने की अपनी क्षमता का प्रदर्शन किया है। वर्तमान में एक सौ से अधिक फर्म रक्षा उत्पादों का निर्यात कर रहे हैं। देश के रक्षा निर्यात को बढ़ावा देने के लिए केंद्र सरकार ने बीते नौ वर्षों के दौरान कई नीतिगत कदम उठाए हैं। निर्यात की प्रक्रिया को पूर्व की तुलना में आसान किया गया है। इससे उद्योग जगत को काम करने में आसानी हो रही है। रक्षा उत्पादों के निर्यात के मामले में भी सरकार इज ऑफ डूइंग बिजनेस को बढ़ावा दे रही है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार की ओर से चलाए जा रहे ‘आत्मनिर्भर भारत’ अभियान की पहल से भी रक्षा निर्माण क्षेत्र को फायदा मिला है। इससे देश में निर्मित रक्षा उत्पादों के डिजाइन, डेवलपमेंट और निर्माण में नए-नए प्रयोगों का रास्ता प्रशस्त हुआ है। भारत सरकार की विभिन्न पहलों का परिणाम है कि विदेशी रक्षा उत्पादों पर देश की निर्भरता भी बीते वर्षों में बहुत हद तक कम हो गई है। साथ ही देश में बने हथियारों की कई अन्य देशों से मांग आ रही है।
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