उछल कूद

आज ही के दिन भारतीय क्रिकेट टीम ने दूसरी बार विश्व कप जीत रचा इतिहास

2 अप्रैल का दिन भारतीय क्रिकेट के इतिहास में एक बड़ी कामयाबी के साथ स्वर्णिम अक्षरों में दर्ज हुआ। आज से ठीक 8 साल पहले पहले 2 अप्रैल, 2011 को भारतीय क्रिकेट टीम ने दूसरी बार क्रिकेट विश्व कप अपने नाम किया था, इससे पहले भारतीय क्रिकेट टीम ने पहली बार 25 जून, 1983 में वेस्टइंडीज को हराकर विश्व कप जीता था उस समय टीम के कप्तान थे कपिल देव।

ये खास पल आज भी हर भारतीय क्रिकेट प्रेमी के दिलोदिमाग में बसा हुआ है। ये पल शायद ही कभी भूल पाए। भारतीय क्रिकेट टीम पहली ऐसी टीम बनी जिसने अपनी मेजबानी में हुए विश्व कप जीता हो।

वैसे तो इस विश्व कप विजेता टीम के हर खिलाड़ी ने अपना योगदान जरूरत के मुताबिक दिया था, जब फाइनल में वीरू—सचिन की जोड़ी अच्छी शुरूआत देने में असफल रही तो पहले गौतम गंभीर और महेन्द्र सिंह धोनी और बाद में धोनी—युवराज की जोड़ी ने टीम को जीत दिलाने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई और कप्तान महेन्द्र सिंह धौनी ने शानदार छक्का लगाकर विजय दिलाई। फाइनल मुकाबले में श्रीलंका के खिलाफ 6 विकेट से जीत दर्ज की थी।

आइए, 8 साल पहले जीते क्रिकेट विश्व कप की कुछ यादों को ताजा करते हैं —

यूं रचा भारत ने अपनी सरजमीं पर इतिहास

भारत के महान बल्लेबाज और क्रिकेट के भगवान सचिन ने अपने 24 साल के कॅरियर में क्रिकेट के लिए कई रिकॉर्ड बनाए, परंतु उनके जीवन में इस विशेष उपलब्धि को पाने के लिए अंतिम विश्व कप तक इंतजार करना पड़ा। इस 2011 की विश्वकप विजेता टीम के हिस्सा बने और उनका सपना पूरा हो सका।

मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम में खेले गए इस फाइनल मुकाबले में टॉस दो बार टॉस हुआ था। पहली बार में श्रीलंकाई कप्तान कुमार संगकारा ने ध्यान ही नहीं दिया कि उन्होंने हेड कॉल किया है या फिर टेल।

दूसरी बार हुए टॉस जीतकर श्रीलंका ने पहले बल्लेबाजी करते हुए अपने अनुभवी बल्लेबाज महेला जयवर्धने (107) के शतक की मदद से निर्धारित 50 ओवर में 6 विकेट खोकर 274 रन बनाए और भारत को 275 रनों का लक्ष्य दिया। भारत की ओर से जहीर खान और युवराज सिंह ने दो-दो विकेट लेकर श्रीलंका का बड़े स्कोर बनाने से रोकने में सफलता पाई।

लक्ष्य का पीछा करने उतरी भारतीय टीम की शुरूआत बेहद ही खराब रही क्योंकि सलामी बल्लेबाज वीरेन्द्र सहवाग फाइनल मैच में अपना खाता भी खोल नहीं पाये और वे पहले ही ओवर में पवेलियन लौट गए। साथ ही देश के क्रिकेट प्रेमियों को एक बड़ा झटका लगा। सहवाग के थोड़ी देर बाद सचिन तेंदुलकर भी 18 रन बनाकर पवेलियन लौट गये और अब जिम्मेदारी मौजूदा कप्तान कोहली और गौतम गंभीर के कंधों पर आ गई जिन्होंने धैर्य के साथ भारतीय पारी को आगे बढ़ाया, जिससे भारतीय दर्शकों को इस जोड़ी कुछ उम्मीद नजर आने लगी ही थी कि कोहली भी 35 रन की पारी खेल पवेलियन लौट गये। इस समय भारतीय टीम को स्कोर महज 114 रन था और ​जीत अभी दूर थी।

अब बारी कप्तान धोनी की थी और उन्होंने अपने अनुभवी खिलाड़ी का बखूबी साथ दिया। गंभीर ने अपनी 97 रन की यादगार पारी खेल देश को जीत की दहलीज पर ले गये, पर वे आखिरी तक अपने कप्तान का साथ न दे सके और पवेलियन लौट गये। उनके बाद खेलने आये युवराज के साथ कप्तान धोनी ने टीम को जीत दिलाकर विश्वकप पर अपना कब्जा जमाया। कप्तान धौनी ने शानदार 91 रन की पारी खेली और 10 गेंद शेष रहते भारतीय टीम को चैम्पियन बना दिया और साथ ही उन्होंने सचिन के सपने को (टीम इंडिया को फिर चैम्पियन) भी पूरा कर दिया।

श्रीलंका की तरफ से 49वें ओवर में नुवान कुलसेकरा गेंदबाजी करने आए और उनकी दूसरी गेंद पर कप्तान धौनी ने छक्का लगाकर भारत को जीत तक पहुंचाया दिया।

इस जीत के साथ ही भारतीय टीम में जश्न शुरू हुआ ही साथ में पूरे देश में एक खुशनुमा माहौल दिखा और जश्न में डूब गया। ऐसा लग रहा था जैसे दीवाली हो।

गंभीर और कप्तान धोनी ने बने टीम इंडिया के खेवनहार

​श्रीलंका के स्पिन गेंदबाजी आक्रमण को देखेत हुए कप्तान धोनी ने चौथे नंबर पर बल्लेबाजी करने की ठानी और गंभीर के साथ मिलकर भारतीय टीम की जीत के लिए शतकीय साझेदारी निभाई।

जब भारतीय टीम का 41वां ओवर चल रहा था और अभी जीत के लिए 52 रनों की जरूरत थी, तभी अच्छी लय में नजर आ रहे बल्लेबाज गंभीर, थिसारा परेरा की गेंद पर बोल्ड हो गए और वे अपने शतक बनाने से सिर्फ 3 रनों से चूक गए। गंभीर ने शानदार बल्लेबाजी करते हुए 97 रनों की पारी खेली थी।

भारतीय टीम की जीत में गंभीर की 122 गेंदों में 97 रनों की यादगार पारी खेली। वहीं कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने 79 गेंदों में 91 रनों की नाबाद पारी खेलकर देश को विश्व कप जीताने में अहम भूमिका निभाई थी।

छक्का लगाकर विश्व कप जीताने का रिकॉर्ड धोनी के नाम

भारतीय कप्तान धोनी के नाम इस विश्व कप में एक खास रिकॉर्ड दर्ज हुआ। कप्तान धोनी ने फाइनल मैच छक्के के साथ जिताया जो एक रिकॉर्ड था। उनसे पहले विश्वकप फाइनल में किसी खिलाड़ी ने यह कारनामा नहीं किया था। धोनी ही एकमात्र खिलाड़ी है जिन्होंने विश्वकप फाइनल में जीत के लिए छक्का लगाया।

Rakesh Singh

Leave a Comment

Recent Posts

रोहित शर्मा ने कप्‍तान हार्दिक पांड्या को बाउंड्री पर दौड़ाया।

रोहित शर्मा ने सनराइजर्स हैदराबाद के खिलाफ फील्डिंग की सजावट की और कप्‍तान हार्दिक पांड्या…

8 months ago

राजनाथ सिंह ने अग्निवीर स्कीम को लेकर दिया संकेत, सरकार लेगी बड़ा फैसला

अग्निवीर स्कीम को लेकर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने एक बड़ा बयान दिया है। उन्होंने…

8 months ago

सुप्रीम कोर्ट का CAA पर रोक लगाने से इनकार, केंद्र सरकार से मांगा जवाब

सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को नागरिकता संशोधन कानून (CAA) रोक लगाने से इनकार कर दिया…

8 months ago

प्रशांत किशोर ने कि लोकसभा चुनाव पर बड़ी भविष्यवाणी

चुनाव रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर बड़ी भविष्यवाणी की है। प्रशांत…

8 months ago

सुधा मूर्ति राज्यसभा के लिए नामित, PM मोदी बोले – आपका स्वागत है….

आज अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के दिन राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने इंफोसिस के चेयरमैन नारायण मूर्ति…

9 months ago

कोलकाता हाई कोर्ट के पूर्व जस्टिस अभिजीत गंगोपाध्याय ने थामा भाजपा दामन, संदेशखाली पर बोले – महिलाओं के साथ बुरा हुआ है…

कोलकाता हाई के पूर्व जस्टिस अभिजीत गंगोपाध्याय भाजपा में शामिल हो गए है। उन्होंने हाल…

9 months ago