भारतीय सेना के बड़े अफसरों को यह ख़बर थोड़ा परेशान कर सकती है। दरअसल, एक रिपोर्ट के मुताबिक़, इंडियन आर्मी ने अपने बड़े अफसरों के प्रमोशन पर फिलहाल रोक लगा दी है। इसके पीछे की एक बड़ी वजह यह बताई जा रही है कि उसने ऐसा अपनी ताकत बढ़ाने के मकसद से किया है। वैसे भारतीय सेना में पदोन्नति की नीति में बड़ा बदलाव संभव नहीं है, क्योंकि ब्रिगेडियर की पोस्ट खत्म कर के मेजर जनरल के पदों की संख्या 300 से बढ़ाकर एक हजार करने वाले प्रस्ताव पर फिलहाल होल्ड लगा दिया गया है। हालांकि, कहा जा रहा है कि इन्डिपेंडेंट बैटल ग्रुप्स (आईबीजी) के बन जाने पर मेजर जनरल्स की संख्या अपने आप धीरे-धीरे बढ़ जाएगी।
टाइम्स नाऊ चैनल की एक रिपोर्ट के मुताबिक़, मौजूदा समय में इंडियन आर्मी के पास दस से बारह हजार मजबूत डिवीजन और 3500 मजबूत ब्रिगेड्स हैं, जबकि भविष्य में हाई कमान आईबीजी की संख्या सात हजार मानी जा रही है। कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में यह भी बताया गया है कि आजकल पहले आईबीजी पर प्रयोग चल रहा है।सरकार के सूत्रों के हवाले से यह बात भी कही गई है कि आगे उथल-पुथल की स्थिति न पैदा हो इसलिए यह काम (पदों की संख्या बढ़ाने का) धीरे-धीरे किया जाएगा। आईबीजी के पास पैदल सेना, कवच और तोपें भी होंगी। वैसे, आईबीजी के बेड़े का आकार और संख्या जरूरतों और ऑपरेशंस पर निर्भर करेगा। एक सैन्य दल (कॉर्प्स) में दो से तीन डिवीजन के बजाय चार आईबीजी होंगे, जबकि पहला आईबीजी, पश्चिमी कमांड में नौ कॉर्प्स का हिस्सा हो सकता है।
सरकारी सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार बताया गया है कि कुछेक अधिकारियों, आर्मी ऑर्डिनेंस कॉर्प्स या फिर आर्मी सर्विस कॉर्प्स से तैयार होने वाले आईबीजी की वजह से जन-बल में बचत की जा सकेगी। वहीं टाइम्स नाऊ मीडिया की रिपोर्ट के मुताबिक़, इंडियन आर्मी ने अगले पांच सालों में लगभग 1.5 लाख कर्मचारियों की कटौती के बारे में सोचा है। लेकिन जैसे-जैसे आईबीजी में संख्या बल बढ़ेगा, वैसे-वैसे स्टाफ में मेजर जनरल का आंकड़ा भी धीरे-धीरे बढ़ने लग जाएगा।
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यहां तक कि अब आईबीजी की कमान मेजर जनरल के हाथों में होगी। आगे यह कमान ब्रिगेडियर को सौंपी जाएगी, जिनके पद कुछ समय बाद मेजर जनरल में अपग्रेड कर दिए जाएंगे। हालांकि रिपोर्ट से मिली जानकारी में यह बात भी सामने आई है कि ब्रिगेडियर का पद फौरी तौर पर खत्म नहीं किया जाएगा। यह काम भी धीमी गति के साथ के साथ किया जाता रहेगा।
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