हलचल

“सेना का राजनीतिकरण रोको” 150 सैन्य अधिकारियों ने राष्ट्रपति को लिखा खत!

लोकसभा चुनाव शुरू हो चुके हैं और सात चरणों में पूरा होने वाले चुनाव का पहला चरण पूरा हो चुका है। चुनावों से काफी पहले ही राजनैतिक पार्टियां अपने अपने तरीके से माहौल बनाने में जुटी थीं।

विपक्ष सरकार को भ्रष्टाचार, रोजगार, किसान जैसे मुद्दों पर घेरने की कोशिश में लगा था वहीं सत्ता पक्ष सेना और राष्ट्रवाद के मुद्दे के सहारे आगे बढ़ रही थी। ऐसे में 150 से ज्यादा पूर्व सैन्य अधिकारियों ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को एक लेटर लिखा है और आग्रह किया है कि सेना को राजनीति से दूर रखा जाए और चुनाव में सेना के राजनीतिकरण को रोका जाना चाहिए।

पत्र में कोविंद से आग्रह किया गया कि वे “सभी आवश्यक राजनीतिक दलों को तत्काल निर्देश दें कि वे सैन्य, सैन्य वर्दी या प्रतीकों और सैन्य संरचनाओं या कर्मियों द्वारा किसी भी कार्य को राजनीतिक उद्देश्यों के लिए या अपने राजनीतिक एजेंडा को आगे बढ़ाने के लिए इस्तेमाल ना करें।

हस्ताक्षरकर्ताओं में आठ पूर्व सेवा प्रमुख शामिल हैं। भारतीय सेना के पूर्व सेनाध्यक्ष जनरल सुनीथ फ्रांसिस रोड्रिग्स, जनरल शंकर रॉयचौधरी, जनरल दीपक कपूर, नौसेना के पूर्व प्रमुख एडमिरल लक्ष्मीनारायण रामदास, एडमिरल विष्णु भागवत, एडमिरल अरुण प्रकाश, एडमिरल सुरेश मेहता वायु सेना प्रमुख, एयर चीफ मार्शल एनसी सूरी ने इस पर साइन किए हैं।

पूर्व सैन्य अधिकारियों ने लेटर में कहा है कि सीमा पर स्ट्राइक जैसे सैन्य अभियानों का श्रेय लेना राजनीतिक दलों की सबसे असामान्य और पूरी तरह से अस्वीकार्य गतिविधि है। यहां तक कि देश की सेना को ‘मोदी जी की सेना’ कहने से कार्यरत और सेवानिवृत्त सैन्यकर्मियों के बीच बेचैनी है।

यहां पता चल रहा है कि वे उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री आदित्यनाथ के बयान का जिक्र कर रहे थे। उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में एक रैली के दौरान भारतीय सेना को “मोदी की सेना” कहा गया, साथ ही साथ सत्तारूढ़ भाजपा के कई सदस्यों ने बालाकोट हवाई हमले का श्रेय लिया।

उन्होंने कहा कि वे चुनाव मंच और अभियानों की मीडिया तस्वीरों से चिंतित थे, जिनमें पार्टी कार्यकर्ता सैन्य वर्दी पहने हुए दिखाई देते हैं और सैनिकों और विशेष रूप से भारतीय वायु सेना विंग कमांडर अभिनंदन वर्थमान की तस्वीरों वाले पोस्टरों का इस्तेमाल करते हैं।

पत्र में साफ तौर पर कहा गया है कि सेना का इस तरह दुरुपयोग सेना में सेवारत महिला एवं पुरूष जवानों के मनोबल पर प्रतिकूल प्रभाव डालेगा। हम आपसे यह सुनिश्चित करने की अपील करते हैं कि हमारी सेना के धर्मनिरपेक्ष और राजनीतिक स्वरूप को सुरक्षित रखें।

आप यहां पर पूरे लेटर को पढ़ सकते हैं।

Neha Chouhan

12 साल का अनुभव, सीखना अब भी जारी, सीधी सोच कोई ​दिखावा नहीं, कथनी नहीं करनी में विश्वास, प्रयोग करने का ज़ज्बा, गलत को गलत कहने की हिम्मत...

Leave a Comment

Recent Posts

रोहित शर्मा ने कप्‍तान हार्दिक पांड्या को बाउंड्री पर दौड़ाया।

रोहित शर्मा ने सनराइजर्स हैदराबाद के खिलाफ फील्डिंग की सजावट की और कप्‍तान हार्दिक पांड्या…

8 months ago

राजनाथ सिंह ने अग्निवीर स्कीम को लेकर दिया संकेत, सरकार लेगी बड़ा फैसला

अग्निवीर स्कीम को लेकर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने एक बड़ा बयान दिया है। उन्होंने…

8 months ago

सुप्रीम कोर्ट का CAA पर रोक लगाने से इनकार, केंद्र सरकार से मांगा जवाब

सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को नागरिकता संशोधन कानून (CAA) रोक लगाने से इनकार कर दिया…

8 months ago

प्रशांत किशोर ने कि लोकसभा चुनाव पर बड़ी भविष्यवाणी

चुनाव रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर बड़ी भविष्यवाणी की है। प्रशांत…

8 months ago

सुधा मूर्ति राज्यसभा के लिए नामित, PM मोदी बोले – आपका स्वागत है….

आज अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के दिन राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने इंफोसिस के चेयरमैन नारायण मूर्ति…

8 months ago

कोलकाता हाई कोर्ट के पूर्व जस्टिस अभिजीत गंगोपाध्याय ने थामा भाजपा दामन, संदेशखाली पर बोले – महिलाओं के साथ बुरा हुआ है…

कोलकाता हाई के पूर्व जस्टिस अभिजीत गंगोपाध्याय भाजपा में शामिल हो गए है। उन्होंने हाल…

8 months ago