हलचल

भारत ने ​के-4 बैलिस्टिक मिसाइल का किया सफ़ल परीक्षण, जानिए क्या है इसकी ताकत

भारत रक्षा क्षेत्र में आधुनिकीकरण की दिशा में तेजी से काम कर रहा है। अपने किसी भी दुश्मन देश को मुंहतोड़ जवाब देने के लिए भारत ने रविवार को शक्तिशाली के-4 बैलिस्टिक मिसाइल का सफ़ल परीक्षण किया। आंध्र प्रदेश के समुद्री तट से दागी गई इस मिसाइल की रेंज 3500 किलोमीटर है। सबसे ख़ास बात है कि K-4 मिसाइल पनडुब्बी से दुश्मन के ठिकानों को निशाना बनाने में सक्षम है। के-4 मिसाइल 200 किलो वजनी परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम है। साथ ही यह दुश्मन के रडार पर आसानी से नहीं आती है। जानकारी के अनुसार, मिसाइल का परीक्षण दिन के समय समुद्र में पानी के भीतर बने प्लेटफॉर्म से किया गया। परमाणु हमला करने में सक्षम इस मिसाइल की पहुंच पाकिस्तान, चीन एवं दक्षिण एशिया के कई देशों तक होगी।

डीआरडीओ ने तैयार की स्वदेशी ताकतवर मिसाइल

के-4 बैलिस्टिक मिसाइल का विकास रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) ने किया है। इस मिसाइल को अरिहंत श्रेणी की परमाणु क्षमता से संपन्न पनडुब्बियों में तैनात किया जाना है। हालांकि, परमाणु क्षमता से संपन्न पनडुब्बियों पर तैनाती से पहले भारत इस के-4 बैलिस्टिक मिसाइल के अभी कुछ और परीक्षण करेगा। बता दें कि भारतीय नौसेना के पास फिलहाल अरिहंत ही एक ऐसा परमाणु क्षमता वाला पोत है, जो परिचालन में है। K-4 उन दो अंडरवाटर मिसाइलों में से एक है, जिन्हें भारत नौसेना के लिए तैयार कर रहा है। इसके अलावा दूसरी मिसाइल बीओ-5 है, जिसकी रेंज 700 किलोमीटर है।

हाल में पिनाका और अग्नि-2 किया था सफल परीक्षण

डीआरडीओ ने पिछले माह 20 दिसंबर को पिनाका मिसाइल का फिर से ओडिशा तट से सफल परीक्षण किया था। इस मिसाइल से दुश्मन के 90 किलोमीटर तक के क्षेत्र में हमला किया जा सकता है। इससे पहले 17 नवंबर, 2019 को 2000 कि‍लोमीटर की मारक क्षमता वाली बैलिस्टिक मिसाइल अग्नि-2 का सफलतापूर्वक रात्रिकालीन परीक्षण किया गया। यह स्वदेशी मिसाइल अपने साथ 1000 किलोग्राम तक विस्फोटक ले जाने की क्षमता रखती है।

Read More: लेफ्टिनेंट जनरल एसके सैनी होंगे भारतीय सेना के डिप्टी चीफ, जानिए उनके बारे में..

क्या होती है बैलिस्टिक मिसाइल?

बैलिस्टिक मिसाइल उस प्रक्षेपास्त्र को कहते हैं जिसका प्रक्षेपण पथ सब ऑर्बिटल बैलिस्टिक पथ होता है। इसका उपयोग किसी हथियार (नाभिकीय अस्त्र) को किसी पूर्व निर्धारित लक्ष्य पर दागने के लिए किया जाता है। यह मिसाइल प्रक्षेपण के प्रारंभिक स्तर पर ही गाइड की जाती है। इसके बाद का पथ आर्बिटल मैकेनिक के सिद्धांतों पर एवं बैलिस्टिक सिद्धांतों से निर्धारित होता है। अभी तक इसे रासायनिक रॉकेट इंजन से छोड़ा जाता था। बैलिस्टिक मिसाइलों का आकार काफ़ी बड़ा होता है और वो भारी वज़न का बम साथ ले जाने में सक्षम होती हैं।

 

Raj Kumar

Leave a Comment

Recent Posts

रोहित शर्मा ने कप्‍तान हार्दिक पांड्या को बाउंड्री पर दौड़ाया।

रोहित शर्मा ने सनराइजर्स हैदराबाद के खिलाफ फील्डिंग की सजावट की और कप्‍तान हार्दिक पांड्या…

8 months ago

राजनाथ सिंह ने अग्निवीर स्कीम को लेकर दिया संकेत, सरकार लेगी बड़ा फैसला

अग्निवीर स्कीम को लेकर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने एक बड़ा बयान दिया है। उन्होंने…

8 months ago

सुप्रीम कोर्ट का CAA पर रोक लगाने से इनकार, केंद्र सरकार से मांगा जवाब

सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को नागरिकता संशोधन कानून (CAA) रोक लगाने से इनकार कर दिया…

8 months ago

प्रशांत किशोर ने कि लोकसभा चुनाव पर बड़ी भविष्यवाणी

चुनाव रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर बड़ी भविष्यवाणी की है। प्रशांत…

8 months ago

सुधा मूर्ति राज्यसभा के लिए नामित, PM मोदी बोले – आपका स्वागत है….

आज अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के दिन राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने इंफोसिस के चेयरमैन नारायण मूर्ति…

9 months ago

कोलकाता हाई कोर्ट के पूर्व जस्टिस अभिजीत गंगोपाध्याय ने थामा भाजपा दामन, संदेशखाली पर बोले – महिलाओं के साथ बुरा हुआ है…

कोलकाता हाई के पूर्व जस्टिस अभिजीत गंगोपाध्याय भाजपा में शामिल हो गए है। उन्होंने हाल…

9 months ago