सिर पर साफा बांधे और किसी ग्वाले के गेटअप में रहने वाले वसुंधरा सरकार में मंत्री रह चुके ओटाराम देवासी की हार को लेकर काफी चर्चाएं हो रही है। हालांकि चर्चा का केंद्र तो भाजपा ही है मगर देवासी की हार को भी प्रमुखता इसलिए मिल रही है क्योंकि वो देश और राजस्थान के पहले गौ मंत्री रह चुके हैं। देश में गायों का मुद्दा पहले भी सियासी भूचाल लाता रहा है मगर गायों की रक्षा का जिम्मा जिनके हाथों में सौंपा गया था वो अपनी सीट की भी रक्षा नहीं कर पाए।
एक पुलिसवाले से नेता बने देवासी वैसे तो काफी साधारण व्यक्तित्व के हैं जिनके पास अपनी करीब 20 से 25 गायें हैं रेबारी जाति से नाता रखते हैं जो जानवरों के प्रति विशेष प्रेम के लिए जानी जाती है। देवासी को वसुंधरा राजे सरकार में पहली बार गौपालन मंत्री की जिम्मेदारी सौंपी गई थी मगर उनके मंत्रालय में गायों की हालत खराब ही रही। राजस्थान की सिरोही सीट से चुनाव लड़ने वाले देवासी को निर्दलिय उम्मीदवार संयम लोढ़ा ने 10,253 वोटों से हराया है। देवासी गौपलन मंत्री रहने के दौरान ग्वाले की वेषभूषा में ही अपने दफ्तर जाया करते थे। इनके इलाके में इन्हें लोग ‘भोपा’ यानी तांत्रिक के नाम से भी बुलाया करते हैं। देवासी मूंडरा माता मंदिर के महंत भी रह चुके हैं।
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