कारोबार

ईज ऑफ डूइंग बिजनेस रैंकिंग में भारत पहुंचा 63वें पायदान पर, अब यहां बिजनेस करना हुआ और आसान

भारत में कारोबार करना अब का​रोबारियों के लिए ज्यादा आसान है क्योंकि विश्व बैंक की ओर से जारी ‘ईज ऑफ डूइंग बिजनेस’ रैंकिंग में भारत ने 14 स्थानों की लंबी छलांग लगाते हुए 63वां स्थान हासिल किया है। इस सूची में दुनिया के 190 देशों को शामिल किया गया है। खबरों के मुताबिक पीएम नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सरकार द्वारा इस दिशा में हुए किए गए आर्थिक सुधारों को अब विश्व बैंक ने भी सराहा है। इससे भारत की अंतर्राष्ट्रीय छवि में सुधार आएगा।

विश्व बैंक की ईज ऑफ डूइंग बिजनेस रैंकिंग में दुनिया भर के देशों में प्रथम स्थान पर न्यूजीलैंड, द्वितीय स्थान पर सिंगापुर और तीसरे स्थान पर हांगकांग रहा है। जापान को इस सूची में 29वां और चीन को 31वां स्थान हासिल हुआ है।

सरकार का लक्ष्य था टॉप-50 में आना

हालांकि मोदी सरकार का लक्ष्य विश्व बैंक की इस रैंकिंग में टॉप—50 में आने का था। जब नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में वर्ष 2014 में एनडीए की सरकार बनी थी, तब भारत की रैंकिंग दुनिया के 190 देशों में 142वें स्थान पर थी। जिसके बाद इस सरकार ने लगातार ईज ऑफ डूइंग बिजनेस रैंकिंग को सुधारने के लिए प्रयास किए। जिसके परिणामस्वरूप ही आज भारत की रैंकिंग 63वीं हैं। इससे पूर्व भारत वर्ष 2018 में इस रैंकिंग में 77वें पायदान पर था। वर्ष 2017 में भारत का कारोबारियों के प्रति रूख सकारात्मक था और इन्हीं वजह से यह इस वर्ष 30 स्थान चढ़कर 100वें पायदान पर रहा था।

इस रैंकिंग में जहां भारत का बेहतर प्रदर्शन रहा है वहीं देश के भीतर अलग-अलग स्थानों का भी सर्वे किया जाता है। इस सर्वे में भारत का लुधियाना शहर पहले स्थान पर है। इसके बाद हैदराबाद दूसरे, भुवनेश्वर तीसरे, गुरुग्राम चौथे और अहमदाबाद पांचवें स्थान पर है।

इस कारण से है महत्वपूर्ण

भारत द्वारा विश्व बैंक की इस रैंकिंग में लगातार बेहतर प्रदर्शन कर रहा है। यह रैंकिंग ऐसे समय में जारी की गई है जब भारतीय रिजर्व बैंक, वर्ल्ड बैंक, अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF), मूडीज सहित कई एजेंसियों ने आर्थ‍िक सुस्ती को देखते हुए जीडीपी में बढ़त के अनुमान को घटा दिया हैं देश में आर्थि‍क मंदी का माहौल है और अर्थव्यवस्था के लगभग सभी मोर्चों पर नकारात्मक खबरें आ रही थीं।

क्या होती है ईज ऑफ़ डूइंग बिजनेस रैंकिंग

 

ईज ऑफ डूइंग बिजनेस का मतलब है कि किसी देश द्वारा अपने यहां बिजनेस करने वाले बिजनेसमैन को सुविधाएं कितनी आसानी से उपलब्ध करवाई जाती है। यानी ईज ऑफ़ डूइंग बिजनेस के जरिए किसी देश द्वारा अपने यहां पर किसी कारोबार को शुरू करने में कितना समय लगेगा, ​भवन बनाने के लिए कितने समय में अनुमति मिलेगी। इस सूची को तैयार करने के लिए किसी देश में कारोबार करने के लिए कंस्ट्रक्शन परमिट, रजिस्ट्रेशन, लोन और टैक्स पेमेंट का सिस्टम आदि को आधार बनाया जाता है।

माना कि कोई कारोबारी अपना कारोबार भारत में शुरू करना चाहता है। यदि उसे यहां की बहुत कठिन कानूनी प्रक्रिया से गुजरना पड़े और संबंधित विभागों से अप्रूवल लेने के लिए बहुत दिक्कतों का सामना करना पड़े, बिना रिश्वत दिए आसानी से कारोबार करने की मंजूरी नहीं मिलती है। उसे इसके लिए बहुत से दस्तावेजों को सौंपना पड़ता है, जिसके बावजूद भी वह यहां अपना कारोबार को स्थापित नहीं करपाता है तो हम कह सकते हैं कि भारत में बिजनेस शुरू करना बहुत कठिन है। ऐसे माहौल में भारत की रैंकिंग बहुत अच्छी नहीं कही जा सकती है।

Rakesh Singh

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