टेक ज्ञान

भारत: पिछले दो वर्ष में दोगुने हुए साइबर हमले, बंद एटीएम कार्ड से कैश निकाल रहे साइबर ठग

देश में पिछले कुछ वर्षों से डिजिटल बैंकिंग पर साइबर हमले बहुत तेज रफ्तार से बढ़ रहे हैं। जांच एजेंसियों के जानकारी के अनुसार, पिछले दो वर्ष में साइबर हमले लगभग दोगुने हो गए हैं। साइबर हमलों की संख्या वर्ष 2018 में 1.59 लाख थी, जो बीते वर्ष बढ़ कर 2.90 लाख के पार हो गई है। हालिया मामलों के अनुसार, अब साइबर ठग एटीएम को निशाना बना कर बंद या ब्लॉक हो चुके एटीएम कार्ड से भी पैसा निकालने लगे हैं। इसके लिए वे एटीएम बूथ तक में छेड़छाड़ कर रहे हैं। इन मामलों को ‘मैन इन द मिडल’ (MITM) कहा गया है। भारतीय रिजर्व बैंक ने इन्हें रोकने के लिए बैंकों को डिजिटल प्रक्रिया और एटीएम दोनों की सुरक्षा बढ़ाने का निर्देश दिया है।

एटीएम स्विच व होस्ट के संदेशों को बदल कर दे रहे अंजाम

केंद्र सरकार ने सभी बैंकों से कहा है कि यह साइबर ठगी एटीएम स्विच और एटीएम होस्ट के बीच होने वाले संदेशों को बदल कर अंजाम दी जा रही है। मामले से जुड़े एक एक अधिकारी ने मीडिया को बताया कि यह नये प्रकार की साइबर ठगी है, जो एटीएम से पैसा निकालने में उपयोग हो रही है। उन्होंने बताया कि ठग अब एटीएम बूथ में लगी लोकल एरिया नेटवर्क (लेन) केबल में छेड़छाड़ कर रहे हैं, क्योंकि यह कई बार खुले पड़े मिल रहे हैं। इस दौरान एटीएम मशीन और राउटर या स्विच के बीच होने वाले संदेश को बदलने वाला उपकरण फिट कर दिया जाता है।

इसके बाद साइबर ठग बंद एटीएम कार्ड से पैसा निकालते हैं। एटीएम स्विच कार्ड को बंद या ब्लॉक देखकर पैसा निकासी खारिज करने का संदेश एटीएम होस्ट को भेजता है, लेकिन ठगों का डाला उपकरण इस संदेश को निकासी स्वीकार होने के संदेश में बदल देता है। निकासी स्वीकार होने का संदेश मिलने पर पैसा निकल आता है।

बिना पिन के भी पैसा निकाल सकते हैं साइबर ठग

आपको जानकारी के लिए बता दें कि अगर किसी बैंक ग्राहक का एटीएम कार्ड खो जाए या चोरी होकर साइबर ठगों के पास पहुंच जाए। ग्राहक संबंधित बैंक में अपने कार्ड खोने की शिकायत कर इसे तुरंत ब्लॉक करवा देता है और निश्चित हो जाता है कि उस कार्ड से कोई पैसा नहीं निकल सकता। लेकिन एमआईटीएम मामले में साइबर ठग बंद एटीएम कार्ड और बिना पिन के भी ग्राहक के खाते से पैसा निकाल सकते हैं।

साल दर साल बैंकिंग पर बढ़ रहे साइबर अटैक

गौरतलब है कि डिजिटल बैंकिंग पर एमआईटीएम के साथ फिशिंग हमले, नेटवर्क स्कैनिंग व तलाशी, वेबसाइट हैकिंग और वायरस हमले भी बढ़ रहे हैं। साल 2018 के मुकाबले यह मामले करीब दोगुने हो चुके हैं। वर्ष 2019 के बाद इनमें करीब 45 हजार की बढ़ोतरी हुई है। बता दें, आरबीआई ने सुरक्षा के लिए बैंकों को निर्देश दिए हैं कि सभी बैंक अपने एटीएम स्विच व टर्मिनल के बीच संदेशों को एनक्रिप्ट करें। इससे साइबर ठग यह संदेश नहीं पढ़ पाएंगे। साथ ही एटीएम बूथ पर वायरिंग व समस्त उपकरण पूरी तरह कवर करें ताकि इनसे किसी प्रकार की छेड़छाड़ की गुंजाइश न हो।

Read More: अब फेसबुक वीडियो से भी पैसे कमा पाएंगे यूजर्स, इस तरह से होगी कमाई

Raj Kumar

Leave a Comment

Recent Posts

रोहित शर्मा ने कप्‍तान हार्दिक पांड्या को बाउंड्री पर दौड़ाया।

रोहित शर्मा ने सनराइजर्स हैदराबाद के खिलाफ फील्डिंग की सजावट की और कप्‍तान हार्दिक पांड्या…

9 months ago

राजनाथ सिंह ने अग्निवीर स्कीम को लेकर दिया संकेत, सरकार लेगी बड़ा फैसला

अग्निवीर स्कीम को लेकर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने एक बड़ा बयान दिया है। उन्होंने…

9 months ago

सुप्रीम कोर्ट का CAA पर रोक लगाने से इनकार, केंद्र सरकार से मांगा जवाब

सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को नागरिकता संशोधन कानून (CAA) रोक लगाने से इनकार कर दिया…

9 months ago

प्रशांत किशोर ने कि लोकसभा चुनाव पर बड़ी भविष्यवाणी

चुनाव रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर बड़ी भविष्यवाणी की है। प्रशांत…

9 months ago

सुधा मूर्ति राज्यसभा के लिए नामित, PM मोदी बोले – आपका स्वागत है….

आज अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के दिन राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने इंफोसिस के चेयरमैन नारायण मूर्ति…

10 months ago

कोलकाता हाई कोर्ट के पूर्व जस्टिस अभिजीत गंगोपाध्याय ने थामा भाजपा दामन, संदेशखाली पर बोले – महिलाओं के साथ बुरा हुआ है…

कोलकाता हाई के पूर्व जस्टिस अभिजीत गंगोपाध्याय भाजपा में शामिल हो गए है। उन्होंने हाल…

10 months ago