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भारत में स्कूल-कॉलेज से ज्यादा हर दूसरी गली में है एक मंदिर : रिपोर्ट

भाखड़ा-नांगल बांध का उद्घाटन करते समय, भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने बड़े बांधों, स्टील प्लांट और कारखानों को आधुनिक भारत के मंदिर बताया। भारत ने अपनी स्वतंत्रता के बाद से आधुनिकता और तकनीक के क्षेत्र में तेजी से बढ़ोतरी की है लेकिन लोगों के लिए धर्म अभी भी कई अन्य क्षेत्रों की तुलना में अधिक महत्व रखता है।

जनगणना के अनुसार, भारत में स्कूल-कॉलेज, होटल, अस्पताल या कारखानों से ज्यादा मंदिर है। भारत की जनगणना के अनुसार घरों की संख्या पर डेटा तैयार किया जाता है। जनगणना में शामिल किया गया घर कोई भी इमारत हो सकती है जिसका एक अलग से आने-जाने का रास्ता हो। ऐसे में हर घर को एक यूनिट माना जाता है। जनगणना में शामिल किए गए घर आवासीय या गैर-आवासीय दोनों हो सकते हैं।

2011 की जनगणना के अनुसार, भारत में 330 मिलियन घर हैं। इनमें से अधिकांश, लगभग 216 मिलियन घर हैं लेकिन लगभग 3.01 मिलियन मंदिर हैं जो स्कूल और कॉलेजों की संख्या (2.1 मिलियन) से अधिक है।

डेटा राज्यों के अनुसार अलग-अलग हो सकता है। हिमाचल प्रदेश में, जनगणना के 50% से कम घरों का उपयोग आवासीय उद्देश्यों के लिए किया जाता है। गोवा में होटल, लॉज, गेस्ट हाउस आदि के रूप में इस्तेमाल होने वाले घरों या इमारतों का हिस्सा पर्यटन स्थल के रूप में पूरे भारतीय औसत से 5 गुना अधिक है।

2001 और 2011 के आंकड़ों की तुलना से पता चलता है कि अभी के आंकड़ों के संदर्भ में, खाली घरों में सबसे अधिक वृद्धि देखी गई। आवासीय घरों की संख्या में सबसे बड़ी गिरावट देखी गई है।

वहीं एक जिला स्तरीय विश्लेषण से कुछ दिलचस्प पैटर्न भी सामने आया। राजधानी दिल्ली के कई जिले जैसे चांदनी चौक और करोल बाग जैसे एरिया में सबसे अधिक दुकानें / ऑफिस और कारखानें हैं। बिहार में स्वास्थ्य के बुनियादी ढांचे की हालत का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि राज्य के 20 जिलों में से 12 में घरों के मुकाबले सबसे कम अस्पताल हैं।

भारत में मंदिरों की इतनी बड़ी संख्या क्या बताती है? क्या ऐसा इसलिए है क्योंकि भारत देश कुछ ज्यादा धार्मिक है या ऐसा इसलिए है क्योंकि भारत में कई धर्मों के लोग हैं?

जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में समाजशास्त्र के प्रोफेसर एस.एस.जोधा इस बारे में बताते हैं कि भारत का सामाजिक ढ़ांचा इसमें अहम रोल निभाता है। भारत में, मंदिरों को किसी समुदाय द्वारा अपनी उपस्थिति या महत्व को दिखाने के लिए भी उपयोग किया जाता है। उदाहरण के लिए, जब भी कोई जाति विशेष समूह संपन्नता की ओर बढ़ता है तो वह एक अलग मंदिर या गुरुद्वारे बनाता है। वहीं लोगों के प्रवासन के कारण भी देश में मंदिरों की संख्या बढ़ गई है।

जोधा के अनुसार धर्म ने जब से व्यापारिक खाका पहना है और हर रोज सामने आते कई धार्मिक गुरुओं और देव-पुरुषों के कारण भारत में मंदिरों के लिए लोगों का क्रेज बरकरार है।

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