भारत दुनिया की सबसे पुरानी संस्कृति और समाज वाले देशों में से एक है। एक समय ऐसा भी था जब मदिरा सिर्फ़ कुछ देवताओं के चढ़ाने और राज परिवार या बड़े अमीरों के घर में सेवन किया जाता था। लेकिन अब वक़्त के साथ देश और लोग भी बदल गए हैं। नई पीढ़ी में मदिरा सेवन के बीच में न धर्म का कोई अंतर है और न समाज के किसी वर्ग का दख़ल। 130 करोड़ अबादी वाले इस देश में लोगों की एक बड़ी संख्या सरेआम तो कुछ चोरी-छिपे शराब पी रही हैं। ताज़ा आंकड़े बताते हैं कि भारत किस तरह शराब का दीवाना बनता जा रहा है। देश में बकार्डी रम के दीवानों की संख्या इतनी कदर बढ़ी है कि मैक्सिको को पीछे छोड़ भारत विश्व का दूसरा सबसे बड़ा बाज़ार बन गया है।
ताज़ा रिपोर्ट्स के अनुसार, अब भारतीय उपभोक्ता धीरे-धीरे महंगे उत्पादों की तरफ़ आकर्षित हो रहे हैं। अभी तक भारतीय स्पिरिट सेगमेंट में व्हिस्की का कब्ज़ा है। वहीं, बकार्डी रम ने भारत में पिछले एक साल में अपने एपोनिमस ब्रांड के करीब 17 लाख केस की बिक्री की है। जबकि मैक्सिको में उसने सिर्फ 14 लाख केस बेचे हैं। गौर करने वाली बात यह है कि एक साल पहले बकार्डी ने दोनों देशों में इस ब्रांड के 14-14 लाख केस बेचे थे। एक ही साल में भारत ने इस मामले में मैक्सिको को पीछे छोड़ दिया है। इंटरनेशनल वाइन ऐंड स्पिरिट्स रिसर्च (आईडब्ल्यूएसआर) के अनुसार, बरमूडा की रम कंपनी बकार्डी के लिए अमरीका सबसे बड़ा बाजार है। अमरीका में बकार्डी रम के सालाना करीब 64 लाख केस की बिक्री होती है।
एक बिजनेस अख़बार की रिपोर्ट् के अनुसार, बकार्डी रम ने पिछले एक साल में भारत में अपनी बिक्री में 19 फीसदी की बढ़त दर्ज की है। उसके ज्यादातर ब्रांड प्रीमियम सेगमेंट में उपलब्ध हैं। दूसरे नंबर पर आने के बाद भारत अब बकार्डी के लिए दुनिया के शीर्ष प्राथमिकता वाले बाज़ार में शामिल हो गया है। जिसके बाद कंपनी यहां लगातार नए ब्रांड लाने और शुरुआती स्तर पर विस्तार की योजना बना रही है। बकार्डी ने भारत में रम समेत कुल 3,125 करोड़ रुपए मूल्य के 61 लाख केस सेल किए हैं। इनमें बॉम्बे सफायर जिन, ग्रे गूज और डेवर्स स्कॉच आदि भी शामिल हैं।
बता दें, डियाजियो और परनॉर्ड रिकार्ड के बाद बकार्डी भारत में तीसरी सबसे बड़ी इंटरनेशनल स्पिरिट कंपनी है। अगर वॉल्यूम के हिसाब बात करें तो पिछले तीन साल में कंपनी की बिक्री करीब दो गुना हो चुकी है। उल्लेखनीय है कि भारत के करीब 34.3 करोड़ केस की सालाना स्पिरिट बिक्री में 70 फीसदी पर व्हिस्की का कब्ज़ा है। वहीं, अब भारत में अपनी ग्रोथ को देखते हुए बकार्डी अब सिर्फ रम तक सीमित नहीं रहना चाहती। उसने हाल में रेसेर्वा ओको रम लॉन्च किया, जो आठ साल पुराना रम है।
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बकार्डी के रम की बिक्री में करीब 22 फीसदी की ग्रोथ है, जबकि इसके मुकाबले डियाजियो की बिक्री में 3 फीसदी की गिरावट आई है। इनके अलावा ओल्ड मॉन्क ब्रांड वाले मोहन मीकिन की बिक्री में 7 फीसदी का इजाफ़ा है। वहीं, खोडेज ब्रांड की बिक्री में 5 प्रतिशत की ग्रोथ हुई है।
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