नया साल आ गया है और हर साल की तरह इस साल भी लोगों को सरकार से कई तरह की उम्मीदें हैं। वैसे अगर बात करें एजुकेशन की तो साल 2018 में इस क्षेत्र में भी कई तरह के बदलाव हुए हैं। चाहें वो बदलाव छात्रवृत्ति को लेकर हो या फिर परीक्षाओं के क्षेत्र में। मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कई 2018 में कई उल्लेखनीय फैसले लिए। आज हम आपको उन्हीं कुछ बदलावों के बारे में बताने जा रहे हैं जो 2019 में भी आपके लिए काफी मददगार रहेंगें :
एमएचआरडी ने सबसे बड़ी राहत दी छोटे बच्चों को जो अपने स्कूल बैग के वजन से काफी परेशान थे। इस फैसले में सभी कक्षा के छात्रों के लिए अलग-अलग गाइडलाइन तैयार की गई। इसके अंतर्गत कक्षा पहली और दूसरी के छात्रों के लिए स्कूल बैग का वजन 1.5 किलो से अधिक नहीं होना चाहिए।
वहीं कक्षा तीसरी, चौथी और पांचवीं के लिए ये सीमा 2 से 3 किलो, छठी और सांतवीं के लिए 4 किलो और आठवीं, नवीं के छात्रों के लिए स्कूल बैग का वजन 4.5 किलो से अधिक नहीं होना चाहिए। इनके अलावा दसवीं कक्षा के छात्रों के लिए स्कूल बैग के वजन की सीमा पांच किलों तय की गई है।
यूजीसी नेट परीक्षा को लेकर भी फैसला आया था कि ये परीक्षा ऑनलाइन होगी। नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) ने इसकी अधिसूचना जारी की थी। इसके साथ ही यह भी साफ हो गया कि यूजीसी नेट और जेईई मेन दोनों साल में दो बार होगी। केवल मेडिकल की प्रवेश परीक्षा नीट साल में एक बार होगी।
शिक्षा के क्षेत्र में एक खास बदलाव यह भी हुआ कि नीट, जेईई और नेट की परीक्षा का आयोजन करने की जिम्मेदारी अब नेशनल टेस्टिंग एजेंसी के कंधों पर आ गई है। ये फैसला इस साल के बड़े फैसलों में से एक है। आपको बता दें कि इससे पहले यह परीक्षा सीबीएई आयोजित कराती थी।
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