महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव नतीजे आए करीब 20 दिन हो गए हैं, लेकिन अभी तक राज्य में कोई भी पार्टी नई सरकार नहीं बना पाई है। महाराष्ट्र और हरियाणा विधानसभा चुनाव के नतीजे एक दिन ही 21 अक्टूबर को आए थे। जहां हरियाणा में नतीजे के अगले कुछ ही दिनों में जजपा-बीजेपी की नई सरकार बन गई, वहीं महाराष्ट्र में सबसे ज्यादा सीटों पर जीत दर्ज करने वाली बीजेपी अभी तक सरकार बनाने के लिए शिवसेना को राज़ी नहीं कर सकी है। महाराष्ट्र में शिवसेना और बीजेपी ने इस बार गठबंधन में चुनाव लड़ा था। बीजेपी ने जहां 105 सीटों पर जीत दर्ज की, वहीं शिवसेना ने 56 सीटों पर चुनाव जीता। राज्य में सरकार बनाने के लिए 145 विधायकों की जरूरत है।
शिवसेना-बीजेपी के पास नई सरकार बनाने के लिए जरूरी बहुमत है, लेकिन चुनाव के नतीजे आने के बाद शिवसेना ने पहले ढाई साल अपना मुख्यमंत्री बनाने की मांग कर दी। जबकि भारतीय जनता पार्टी सीएम पद शेयर नहीं करना चाहती है। सीएम पद को लेकर इन दोनों पार्टियों के बीच घमासान चल रहा है। शिवसेना-बीजेपी के अपने-अपने रुख पर कायम रहने की वजह से महाराष्ट्र में नई सरकार बनने की सभी संभावनाएं अब कम होती जा रही हैं। ऐसी सूरत में महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी की भूमिका बेहद महत्वपूर्ण हो गई है।
राज्य के सभी मुख्य दलों ने राज्यपाल कोश्यारी से मुलाकात कर ली है, लेकिन अभी तक किसी भी दल ने सरकार बनाने का दावा पेश नहीं किया है। ऐसे में अब संविधान के अनुसार, अगर राज्य में शनिवार तक किसी पार्टी ने सरकार नहीं बनाई तो राज्यपाल के पास ये तीन विकल्प होंगे।
महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी निवर्तमान मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को राज्य का अगला मुख्यमंत्री चुने जाने तक कार्यवाहक मुख्यमंत्री बनाए रख सकते हैं। वे अडणवीस को नीतिगत फैसले छोड़कर बाकी प्रशासनिक फैसले लेने की इजाजत भी दे सकते हैं।
दूसरा विकल्प ये होगा कि राज्यपाल कोश्यारी विधानसभा का सत्र बुलाएं और सदन में नेता सदन चुनने का निर्देश दें। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि वर्ष 1998 में उत्तर प्रदेश विधानसभा में ये हो चुका है। उस वक़्त कल्याण सिंह और तत्कालीन मुख्यमंत्री जगदंबिका पाल के बीच वोटिंग के जरिए सदन का नेता और मुख्यमंत्री का चुनाव हुआ था। वोटिंग में कल्याण सिंह विजयी रहे और वे ही यूपी के सीएम बने थे।
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महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी किसी भी दल के सरकार बनाने में असमर्थ रहने पर केन्द्र को अपनी रिपोर्ट भेज सकते हैं और उसके बाद विधानसभा को निलंबित कर राष्ट्रपति शासन लगाने की अनुशंसा की जा सकती है। फिलहाल किसी भी दल को सरकार बनाने के लिए 9 नवंबर दोपहर 12:00 बजे तक का वक़्त है। अगर शनिवार दोपहर तक किसी भी दल ने सरकार बनाने का दावा नहीं किया तो राज्यपाल कोश्यारी इन तीन विकल्प में से कोई एक विकल्प को चुन सकते हैं।
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