इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च यानि आईसीएमआर ने हाल ही में कोरोना जांच के लिए ड्राई स्वैब जांच को मंजूरी दे दी है। जानकारी के अनुसार, यह मौजूदा आरटी-पीसीआर विधि से अधिक सटीक और तेज और सस्ता है। इसे सेलुलर और आणविक जीव विज्ञान (सीसीएमबी) केंद्र हैदराबाद के शोधकर्ताओं की एक टीम ने तैयार किया है। वहीं, मौजूदा आरटी-पीसीआर टेस्ट संवेदनशील माना जाता है, लेकिन यह ज्यादा समय लेने वाला है।
सीसीएमबी के शोधकर्ताओं द्वारा तैयार की गई ड्राई स्वैब से जांच में स्वैब को एकत्र कर सूखी अवस्था में ही प्रयोगशाला में ले जाया जाता है। इस प्रकार यह विधि वायरस के बिखराव के बिना नमूने की आसान हैंडलिंग की सुविधा प्रदान करती है, जिससे संक्रमण फैलने के जोखिम से बचा जा सकता है। इसमें लैब कर्मियों में संक्रमण के फैलाने का खतरा भी न के बराबर रहता है।
सीसीएमबी के निदेशक डॉ. राकेश मिश्रा ने बताया कि ड्राई स्वैब को एक ट्यूब में डालकर 40 डिग्री सेल्सियस पर ले जाया जाता है। इसमें एकत्र नमूने 3 दिनों तक परीक्षण के लिए उपयुक्त रहते हैं। इन्हें एक कमरे के तापमान में एक दिन यानि 24 घंटे के लिए रखा जा सकता है। इसलिए इस ड्राई स्वैब विधि में वायरल आरएनए का पता लगाने में भी कोई समस्या नहीं आती है।
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