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एयरफोर्स चीफ आरकेएस भदौरिया ने भरी उड़ान, तेजस का दूसरा स्क्वॉड्रन वायुसेना में शामिल

भारत के अंतरर्राष्ट्रीय बॉर्डर पर दो पड़ोसी देशों के साथ चल रहे तनाव के बीच भारतीय वायुसेना की ताकत में और इजाफ़ा हो गया है। दरअसल, बुधवार को स्वदेशी विमान तेजस का दूसरा स्क्वॉड्रन वायुसेना में शामिल हो गया है। इस स्क्वाड्रन को ‘फ्लाइंग बुलेट्स’ नाम दिया गया है। भारतीय वायुसेना अध्यक्ष एयर चीफ मार्शल आरकेएस भदौरिया ने तमिलनाडु के सुलूर एयरबेस पर तेजस विमानों के नए और दूसरे स्क्वॉड्रन को वायु सेना की 18वीं स्क्वाड्रन को सौंपा। वायु सेना प्रमुख ने 45वीं स्क्वाड्रन के साथ तेजस लड़ाकू विमान में उड़ान भरी और इस लाइट कॉम्बैट सिंगल सीटर एयरक्राफ्ट को खुद उड़ाया।

28 से ज्यादा प्रकार के विमान उड़ा चुके भदौरिया

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि तेजस भारत में विकसित एक लड़ाकू विमान है और इसके वायु सेना में शामिल होने से हमारी एयरफोर्स की ताकत में और इजाफ़ा होगा। वहीं, वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल आरकेएस भदौरिया के बारे में एक दिलचस्प बात ये है कि वे अब तक राफेल लड़ाकू विमान सहित 28 से ज्यादा प्रकार के लड़ाकू और परिवहन विमानों को उड़ा चुके हैं। एयरफोर्स चीफ राकेश कुमार सिंह भदौरिया प्रायोगिक टेस्ट पायलट होने के साथ कैट ‘ए’ कैटेगरी के क्वालिफाइड फ्लाइंग इंस्ट्रक्टर और पायलट अटैक इंस्ट्रक्टर भी हैं।

चौथी पीढ़ी का लड़ाकू विमान है स्वेदशी तेजस

भारत में विकसित और निर्मित तेजस चौथी पीढ़ी का एक लड़ाकू विमान है, जिसे एयरोनॉटिकल डेवलपमेंट एजेंसी और हिंदुस्तान एरोनॉटिक्स लिमिटेड यानी एचएएल ने विकसित किया है। भारतीय वायु सेना पहले ही 40 तेजस विमानों का ऑर्डर दे चुकी है और जल्दी ही एचएएल को 83 और विमानों का ऑर्डर दिया जा सकता है, जिसमें लगभग 38,000 करोड़ रुपए खर्च होंगे। स्क्वाड्रन एलसीए तेजस विमान से लैस है। तेजस विमानों वाली भारतीय वायु सेना की यह दूसरी स्क्वाड्रन है।

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बता दें, वायु सेना की 18वीं स्क्वाड्रन की स्थापना वर्ष 1965 में की गई थी। इसका आदर्श वाक्य ‘तीव्र और निर्भय’ है। पाकिस्तान के साथ हुए 1971 के युद्ध में सक्रिय भूमिका निभाने वाली इस स्क्वाड्रन को 15 अप्रैल 2016 को सेवा मुक्त कर दिया गया था। इससे पहले इसमें मिग-27 विमान शामिल थे। स्क्वाड्रन को एक अप्रैल 2020 को फिर से शुरू किया गया। इस स्क्वाड्रन को नवंबर 2015 में राष्ट्रपति द्वारा ध्वज प्रदान किया गया।

Raj Kumar

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