भारत में जब हैदराबाद रियासत के निजामों की बात होती है तो इसमें उनकी अमीरी की बात सबसे आगे होती है। ऐसा कहा जाता है कि भारत की आजादी के दिन यानि 15 अगस्त, 1947 को अगर दुनिया के सबसे धनी लोगों पर सर्वे करा लिया जाता तो भारत की हैदराबाद रियासत के निज़ाम मीर उस्मान अली खान दुनिया के सबसे अमीर राजाओं में से एक होते। राजाओं के राज करने के अपने तरीके थे, लेकिन उसमें में कहीं ना कहीं पॉलिटिक्स शामिल थीं। अन्य बड़े लोगों पर दबाव बनाने के लिए तरीके थे, चाल थी।
ऐसे ही निज़ाम हैदराबाद रियासत के रहे। दावा किया जाता है कि वे हर बड़े आदमी का न्यूड़ फोटो अपने पास रखते थे। आज 6 अप्रैल को हैदराबाद रियासत के अंतिम निज़ाम मीर उस्मान अली खान की 137वीं बर्थ एनिवर्सरी है। इस ख़ास अवसर पर जानिए उनके जीवन के बारे में कुछ रोचक बातें…
भारत की आजादी की कहानी लिखने वाले डोमिनीक लापिएर और लैरी कॉलिन्स अपनी किताब ‘फ्रीडम ऐट मिडनाइट’ में लिखते हैं कि हैदराबाद के निज़ाम मीर उस्मान अली खान को फ़ोटोग्राफ़ी का और अश्लील चित्रों का बहुत ज्यादा शौक था। अपने ये दोनों शौक़ एक में मिलाकर उन्होंने हिंदुस्तान में अश्लील चित्रों का सबसे बड़ा संग्रह अपने पास जमा कर लिया था।
किताब में दावा किया गया है कि इन तस्वीरों को जमा करने के लिए बूढ़े नवाब ने अपने मेहमानखाने की दीवारों और छतों में खुफिया कैमरे लगवा रखे थे, जो उन कमरों में होने वाली एक-एक हरकत की तस्वीरें खींचने का काम करते थे। किताब में लेखक ने बताया कि महल के मेहमानखाने के बाथरूम के आइने के पीछे भी निज़ाम मीर उस्मान अली खान ने एक कैमरा लगवा रखा था, जो एक निश्चित अंतराल में फोटो लेने का काम करता था। यह कैमरा हिंदुस्तान की बड़ी से बड़ी हस्तियों की तस्वीरें निजाम के पाखाने में लेता रहता था। इसमें निवृत्त होने और न्यूड स्नान करने की मुद्रा में फोटो होते थे।
कहा जाता है कि हैदराबाद रियासत के निज़ाम मीर उस्मान अली खान ऐसा इस नीयत के साथ करते थे कि उन्हें ये सब करने में बहुत रस मिलता था, आनंद आता था। साथ ही वे अपने समकक्ष राजाओं की छवि धूमिल करने के लिए भी ऐसी तस्वीरों का इस्तेमाल करते थे। गौरतलब है कि हैदराबाद के निज़ाम मीर उस्मान अली खान यहां के आखिरी निज़ाम साबित हुए।
ब्रिटिश-भारत शासन काल में हैदराबाद रियासत देश की सबसे बड़ी रियासत थी। उसके आखिरी निज़ाम मीर उस्मान अली ख़ान का जन्म 6 अप्रैल, 1886 को पुरानी हवेली, हैदराबाद में हुआ था। जबकि उनका निधन वर्ष 1947 में आज़ादी के 20 साल बाद 24 फ़रवरी, 1967 को हो गया। इसके बाद उनके परिवार के काफ़ी लोग रहने के लिए भारत से बाहर तुर्की चले गए थे। हालांकि, अभी भी कुछ लोग यहां हैदराबाद निज़ाम के परिवार का होने का दावा करते रहते हैं।
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