भाजपा के नेता हिमंत विस्व सरमा ने आज सोमवार को असम के 15वें मुख्यमंत्री के तौर पर पद की शपथ ली। उन्हें श्रीमंत शंकरदेव कलाक्षेत्र में दोपहर 12 बजे के करीब असम के राज्यपाल जगदीश मुखी ने पद एवं गोपनियता की शपथ दिलाई। मुख्यमंत्री सरमा के अलावा भाजपा के 10 और उसके अन्य गठबंधन सहयोगी एजीपी के दो व यूपीपीएल के एक विधायक को मंत्री पद की शपथ दिलाई गई। इस शपथ ग्रहण समारोह में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा समेत कई अन्य वरिष्ठ नेता भी शामिल हुए। नये सीएम हिमंत सरमा के सामने सबसे बड़ी चुनौती कोरोना पर नियंत्रण पाना होगी। बता दें, साल 2014 में तरुण गोगोई से मतभेद होने के बाद हिमंत बिस्वा सरमा ने कांग्रेस छोड़ दी थी और उसके बाद भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गए।
हिमंत बिस्व सरमा ने असम के मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ ग्रहण से पहले मॉं भगवती का आशीर्वाद लिया। सरमा ने कामाख्या देवी मंदिर और डोल गोविंद मंदिर पहुंचकर पूजा-अर्चना की। इससे पहले विधायक दल की बैठक में पूर्व मुख्यमंत्री सर्वानंद सोनोवाल ने सरमा का नाम आगे बढ़ाया था, जिस पर सभी विधायकों ने सहमति जताई। उसके बाद हिमंत बिस्व सरमा ने रविवार को राजभवन में राज्यपाल जगदीश मुखी से मुलाकात कर सरकार गठन का दावा पेश किया।
आपको बता दें कि चुनाव के बाद असम में मुख्यमंत्री पद को लेकर तस्वीर साफ नहीं हो पा रही थी। सर्वानंद सोनोवाल से ज्यादा इस बार सरमा की दावेदारी ज्यादा मानी जा रही थी। पार्टी हाईकमान ने भी चुनाव प्रचार में सरमा पर ज्यादा भरोसा जताया था। इसी सिलसिले में भाजपा नेतृत्व ने दोनों नेताओं को इस मुद्दे पर चर्चा के लिए शनिवार को दिल्ली बुलाया था। रविवार को गुवाहाटी में विधायक दल की बैठक में सरमा के नाम पर मुहर लगा दी गई। ऐसी संभावना है कि सोनोवाल को केंद्र सरकार में जगह मिलेगी।
विधायक दल के नेता के रूप में हिमंत बिस्व सरमा का नाम पेश करने वाले सर्वानंद सोनोवाल ने कहा कि नॉर्थ ईस्ट डेमोक्रेटिक अलायंस (नेडा) के संयोजक सरमा मेरे लिये छोटे भाई के समान हैं। मैं उन्हें इस नई यात्रा के लिए शुभकामनाएं देता हूं। वहीं, सरमा ने कहा कि उनके पूर्ववर्ती सर्वानंद सोनोवाल मार्गदर्शक बने रहेंगे। सरमा ने सर्वसम्मति से राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) विधायक दल का नेता चुने जाने के बाद अपने संबोधन में कहा कि वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह, भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा, सोनोवाल और अन्य पार्टी नेताओं के आभारी हैं, जिन्होंने राज्य के लोगों की सेवा करने का उन्हें मौका दिया। गौरतलब है कि सरमा लगातार पांचवीं बार असम की जलुकबाड़ी विधानसभा सीट से विधायक निर्वाचित हुए हैं।
मालूम हो असम की 126 सदस्यीय विधानसभा में सत्तारूढ़ एनडीए गठबंधन को 75 सीटें मिली हैं। इसमें 60 सीटों पर जीत के साथ भाजपा सबसे बड़ी पार्टी बनी, जबकि उसके गठबंधन साझेदार असम गण परिषद (एजीपी) को 9 और यूनाइटेड पीपुल्स पार्टी लिबरल (यूपीपीएल) को छह सीटें मिली हैं। सरमा पहली बार राज्य के सीएम बने हैं।
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