साल 2019 जाने वाला है। इस साल में हमने कई प्रमुख व्यक्तियों को खोया है जिन्होंने राजनीति के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान दिया। इस साल देश की दो बड़ी राजनीतिक पार्टी भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस ने अपने कई दिग्गज नेताओं को गंवा दिया है। आइए जानते हैं उन चर्चित व्यक्तियों के बारे में—
गोवा के मुख्यमंत्री और पूर्व रक्षा मंत्री डॉ मनोहर पर्रिकर का निधन 63 वर्ष की आयु में 17 मार्च 2019 को हो गया। वह पेंक्रियाज कैंसर से पीड़ित थे, जिसकी वजह से उनका देहांत हो गया।
डॉ मनोहर गोपालकृष्ण प्रभु पर्रिकर का जन्म 13 दिसंबर 1955 को गोवा के मापुसा में गौड़ सारस्वत ब्राह्मण परिवार में हुआ था। वह आईआईटी से स्नातक थे और भारत के किसी भी राज्य के पहले आईआईटी स्नातक मुख्यमंत्री बने।
पर्रिकर वर्ष 2000 से 2005, वर्ष 2012 से 2014, वर्ष 2014 से 2017 और 14 मार्च, 2017 से 17 मार्च, 2019 तक गोवा के मुख्यमंत्री रहे। उन्होंने वर्ष 2014 से 2017 तक भारत के रक्षा मंत्री की जिम्मेदारी संभाली। वह उत्तर प्रदेश से राज्यसभा के पूर्व सदस्य थे।
कांग्रेस की वरिष्ठ नेता और दिल्ली की मुख्यमंत्री रहीं शीला दीक्षित का निधन 20 जुलाई, 2019 को 81 वर्ष की उम्र में हो गया। दीक्षित वर्ष 1998 से 2013 तक लगातार 15 सालों तक दिल्ली की मुख्यमंत्री रही हैं। वह केरल की राज्यपाल भी रह चुकी हैं।
शीला दीक्षित का जन्म 31 मार्च, 1938 को पंजाब के कपूरथला में हुआ था। उनकी शिक्षा दिल्ली के जीसस एंड मेरी कॉन्वेंट स्कूल में हुई। बाद में दिल्ली विश्वविद्यालय के मिरांडा हाउस से इतिहास में मास्टर की डिग्री प्राप्त की।
उनकी शादी उन्नाव (उत्तर प्रदेश) के आईएएस अधिकारी स्वर्गीय विनोद दीक्षित से हुआ था, जोकि कांग्रेस के बड़े नेता और बंगाल के पूर्व राज्यपाल स्वर्गीय उमाशंकर दीक्षित के बेटे थे।
पूर्व विदेश मंत्री और भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की वरिष्ठ नेता सुषमा स्वराज का 67 वर्ष की उम्र में 6 अगस्त 2019 निधन हो गया। सुषमा स्वराज का जन्म 14 फरवरी, 1952 को हरियाणा के अंबाला में हरदेव शर्मा तथा लक्ष्मी देवी के घर हुआ। उन्होंने अम्बाला के सनातन धर्म कॉलेज से संस्कृत तथा राजनीति विज्ञान में स्नातक किया। इसके बाद उन्होंने पंजाब यूनिवर्सिटी से कानून की डिग्री हासिल की। सुषमा स्वराज के पति स्वराज कौशल को भी देश के सबसे कम उम्र में राज्यपाल बनने का गौरव हासिल है।
सुषमा वर्ष 1977 में जनता पार्टी में शामिल हो गई और बाद में भारतीय जनता पार्टी में। वर्ष 1998 में सुषमा दिल्ली की पहली महिला मुख्यमंत्री बनीं। अप्रैल 2006 में वह मध्य प्रदेश राज्य से राज्यसभा में तीसरी बार चुना गया। इसके बाद वर्ष 2009 में वह मध्य प्रदेश के विदिशा लोकसभा संसदीय क्षेत्र से सांसद चुनी गई और सुषमा 21 दिसंबर 2009 को 15वीं लोकसभा में विपक्ष की नेता बनी। वह मई 2014 तक इस पद पर बनी रही। वर्ष 2014 में सुषमा विदिशा लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र से दोबारा लोकसभा की सांसद निर्वाचित हुई और इस बार उन्हें भारत की पहली महिला विदेश मंत्री बनने का सौभाग्य प्राप्त हुआ। विदेश मंत्री रहते हुए सुषमा ने कई महत्वपूर्ण और जन हितैषी कदम उठाए।
भारत के पूर्व वित्त मंत्री और भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता अरुण जेटली का 24 अगस्त, 2019 को 66 साल की उम्र में निधन हो गया। 28 दिसंबर, 1952 को जन्में अरुण जेटली प्रसिद्ध राजनेता और वकील थे। वह वर्ष 2014 से 2019 तक भारत सरकार के वित्त और कॉर्पोरेट मामलों के मंत्री रहे थे।
जेटली ने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी सरकार और नरेंद्र मोदी सरकार में वित्त, रक्षा, कॉर्पोरेट मामलों, वाणिज्य और उद्योग, और कानून और न्याय के कैबिनेट विभागों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। वर्ष 2009 से 2014 तक वह राज्यसभा में विपक्ष के नेता रहे। वह भारत के सर्वोच्च न्यायालय के एक वरिष्ठ अधिवक्ता थे। उन्होंने ही वस्तु एवं सेवा कर की भारत में शुरुआत की। उन्होंने स्वास्थ्य ठीक नहीं रहने की वजह से वर्ष 2019 में मोदी मंत्रिमंडल में शामिल नहीं होने का फैसला लिया था।
अपने 96वें जन्मदिन से मात्र छह दिन पहले हाल ही 8 सितंबर, 2019 को अलविदा कहने वाले राम जेठमलानी तमाम बड़े केस लड़ने की वजह से चर्चित रहे थे। उन्होंने आरोपी पक्ष की तरफ से उतरने के बावजूद अपने कानूनी दांव पेचों से जमकर सुर्खियां बटोरी थीं। जेठमलानी ने वकील के तौर पर इंदिरा गांधी हत्याकांड और राजीव गांधी मर्डर केस में आरोपियों की तरफ़ से केस लड़ा था।
भारत के पूर्व मुख्य निर्वाचन आयुक्त टी एन शेषन का 10 नवंबर को 86 वर्ष की अवस्था में दिल का दौरा पड़ने से निधन चेन्नई में हो गया। वह भारत के 10वें मुख्य चुनाव आयुक्त थे। उनका कार्यकाल 12 दिसंबर, 1990 से 11 दिसंबर, 1996 तक रहा था। उन्हें भारतीय चुनावों में सुधार करने वाले व्यक्ति के रूप में याद किया जाता रहेगा। वह तमिलनाडु कैडर के वर्ष 1955 बैच के भारतीय प्रशासनिक सेवा अधिकारी थे। उन्होंने भारतीय चुनाव प्रणाली में कई बड़े बदलाव किए थे। उनके कार्यकाल में ही भारत में मतदाता पहचान पत्र बनाने की शुरुआत की गई थी। उन्हें वर्ष 1996 में मैग्सेसे पुरस्कार से नवाजा गया था।
भारत के महान गणितज्ञ वशिष्ठ नारायण सिंह का 14 नवंबर को पटना में 74 वर्ष की उम्र में निधन हो गया। वशिष्ठ नारायण 40 साल से मानसिक बीमारी सिजोफ्रेनिया से पीड़ित थे।
वशिष्ठ ने महान वैज्ञानिक आंइस्टीन के सापेक्षता सिद्धांत को चुनौती दी थी। उनके बारे में मशहूर है कि नासा में अपोलो की लॉन्चिंग से पहले जब 31 कम्प्यूटर कुछ समय के लिए बंद हो गए तो कम्प्यूटर ठीक होने पर उनक और कम्प्यूटर्स का कैलकुलेशन एक था।
रोहित शर्मा ने सनराइजर्स हैदराबाद के खिलाफ फील्डिंग की सजावट की और कप्तान हार्दिक पांड्या…
अग्निवीर स्कीम को लेकर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने एक बड़ा बयान दिया है। उन्होंने…
सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को नागरिकता संशोधन कानून (CAA) रोक लगाने से इनकार कर दिया…
चुनाव रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर बड़ी भविष्यवाणी की है। प्रशांत…
आज अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के दिन राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने इंफोसिस के चेयरमैन नारायण मूर्ति…
कोलकाता हाई के पूर्व जस्टिस अभिजीत गंगोपाध्याय भाजपा में शामिल हो गए है। उन्होंने हाल…
Leave a Comment