बदलती आधुनिक जीवनशैली में अधिकतर लोगों को हाई ब्लड प्रेशर जैसी गंभीर समस्या ने अपनी गिरफ्त ले रखा है और इसे ही हाइपरटेंशन कहा जाता है। यह एक छिपी हुई बीमारी है जिसे हर कोई भांप नहीं पाता है, इसका पता चिकित्सा सेवाओं से ही चल पता है। इसकी वजह से कोरोनरी हार्ट डिजीज, हार्ट फेल्योर, स्ट्रोक और किडनी फेल्योर जैसी जानलेवा बीमारी हो सकती है। इस बीमारी से कोई व्यक्ति चाहे वह युवा हो या उम्रदराज, इससे पीड़ित हो सकता है।
क्या है हाइपरटेंशन
सामान्य ब्लड प्रेशर हमारे शरीर में रक्त को विभिन्न अंगों तक पहुंचाता है। किसी भी व्यक्ति का ब्लड प्रेशर सिस्टोलिक और डायस्टोलिक ब्लड प्रेशर के रूप में जाना जाता है। सिस्टोलिक ऊपर की धमनियों में दबाव को दर्शाता है और डायस्टोलिक ब्लड प्रेशर नीचे वाली धमनियों में दबाव को दर्शाता है। एक स्वस्थ व्यक्ति का ब्लड प्रेशर 120 mm Hg और 80 mm Hg के बीच होता है। परंतु किन्हीं कारणों से जब यह ब्लड प्रेशर 140 mm Hg के पार पहुंच जाता है तो इस स्थिति को हाइपरटेंशन कहते हैं। सामान्यत: एक व्यक्ति का दिनभर में ब्लड प्रेशर कई बार कम—ज्यादा होता रहता है, लेकिन उसमें यह स्थिति अधिक समय तक बनी रहे तो यह सेहत के लिए घातक हो सकता है। हाई ब्लड प्रेशर की स्थिति में ह्रदय रोग और स्ट्रोक का खतरा अधिक रहता है। आज के समय में यह भारत में लोगों की मौत का एक का बड़ा कारण बन रहा है।
इस कारण से बढ़ रहा है हाइपरटेंशन
रात को लेट भोजन करना, गुस्सा, सिगरेट, एल्कोहल के ज्यादा सेवन, स्मार्टफोन पर घंटों तक व्यस्त रहना और शारीरिक कसरत न करना और फास्ट फूड खाना आदि जीवनशैली की आदतों की वजह से हाइपरटेंशन की समस्या बढ़ने लगती है। ये सब हाई ब्लड प्रेशर का कारण बनते हैं।
मोटापा, तनाव और नमक के ज़्यादा सेवन से हाइपरटेंशन हो सकता है। इसके अलावा जेनेटिक प्रोब्लम की वजह से भी हाइपरटेंशन होती है।
कैसे है जानलेवा हाइपरटेंशन
हाई ब्लड प्रेशर या हाइपरटेंशन से शरीर के कई अंग प्रभावित होते हैं इससे हार्ट, ब्रेन और किडनी प्रभावित होते हैं। यह कोरोनरी आर्टरी डिज़ीज़ के मरीजों के लिए साइलेंट किलर है। हाइपरटेंशन कोरोनरी आर्टरी की परतों को नुकसान पहुंचाता है। इसकी वजह से कोरोनरी आर्टरी में रुकावट पैदा हो जाती है। जब ब्लड प्रेशर उच्च होता है, तो ब्लड धमनियों (आर्टरी) की साइड की परतों को तेजी से हिट करता है। इसकी वजह से धमनियों की परतों को नुकसान पहुंचता है। वो क्षतिग्रस्त हो जाती हैं। धमनियों में होने वाले इस नुकसान से रुकावट आ जाती है। काफी लंबे वक्त से हाइपरटेंशन होने पर हार्ट की मांसपेशियों में कमज़ोरी आ जाती है। हार्ट फेल होने की संभावना बढ़ जाती है।
किडनी में रक्त वाहिकाओं के कमजोर होने या सिकुड़ जाने की वजह से शरीर के कई अंग अपना काम करना बंद कर देते हैं।
ऐसे करें हाइपरटेंशन से बचाव
हाइपरटेंशन से पीड़ित लोगों को इससे बचने के लिए अपनी जीवनशैली में सकारात्मक बदलाव करने होंगे, जैसे—
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