बनारस की ज्ञानवापी मस्जिद के सर्वे को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट में अंजुमन मस्जिद कमेटी द्वारा दायर याचिका पर मंगलवार को सुनवाई हुई। इस दौरान सर्वोच्च अदालत ने कहा कि ज्ञानवापी परिसर में जिस जगह शिवलिंग मिला है, उस जगह को सुरक्षित रखा जाए। इसके साथ ही शीर्ष अदालत ने यह भी कहा कि लोगों को नमाज अदा करने से रोका न जाए।
सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता से कहा कि उसे कुछ मुद्दों पर उनसे मदद की जरूरत है। साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ट्रायल कोर्ट ने वाराणसी के जिलाधिकारी को उस परिसर को सील करने का निर्देश दिया जहां शिवलिंग पाया गया है। वजू खाना में प्रवेश प्रतिबंधित है और इसका उपयोग नहीं किया जाएगा। केवल 20 लोगों को नमाज की अनुमति दी जाएगी। इसके साथ ही अदालत ने सर्वे पर रोक लगाने से भी इनकार कर दिया। साथ ही मामले की सुनवाई गुरुवार तक स्थगित कर दी।
सुप्रीम कोर्ट ने मस्जिद कमेटी से कहा कि वह ट्रायल कोर्ट को आदेश 7 नियम 11 (वादपत्र की अस्वीकृति के लिए) के तहत आपके आवेदन का निपटान करने का आदेश देगा। सुनवाई के दौरान मस्जिद समिति के वरिष्ठ अधिवक्ता अहमदी ने कहा कि वह निचली अदालत के एक आयुक्त की नियुक्ति सहित सभी आदेशों पर रोक लगाने की मांग कर रहे हैं और यथास्थिति का आदेश दिया जाना चाहिए क्योंकि ये आदेश अवैध है और संसद के कानून के खिलाफ है। वकील ने कहा कि वाराणसी कोर्ट ने सोमवार को आयुक्त द्वारा यह बताए जाने के बाद कि ज्ञानवापी मस्जिद परिसर के अंदर एक शिवलिंग पाया गया है, परिसर में एक स्थान को सील करने का आदेश दिया। उन्होंने कहा कि परिसर सील नहीं रह सकते और आदेश अवैध हैं। यदि परिसर को सील कर दिया जाता है, तो यथास्थिति में परिवर्तन होता है। पूजा स्थल अधिनियम की धारा 3 यह स्पष्ट करती है कि ऐसा नहीं किया जा सकता है।
सुप्रीम कोर्ट ने वाराणसी के प्रसिद्ध काशी विश्वनाथ मंदिर से सटे ज्ञानवापी मस्जिद परिसर के वीडियोग्राफिक सर्वेक्षण का आदेश देने वाले वाराणसी कोर्ट के आदेश को चुनौती देते हुए अंजुमन इंतेजामिया मस्जिद की याचिका पर सुनवाई शुरू की।
हिंदू सेना के अध्यक्ष विष्णु गुप्ता के वकील ने सुप्रीम कोर्ट से अनुरोध किया कि ज्ञानवापी मसले पर अंजुमन इंतेजामिया मस्जिद प्रबंध समिति वाराणसी की याचिका की सुनवाई में उन्हें भी पक्षकार बनाया जाए। जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ की बेंच ने उनसे कहा कि वह भी सुनवाई के दौरान मौजूद रहें। समझा जा रहा है कि दोपहर एक बजे शीर्ष कोर्ट में यह सुनवाई होगी। जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस पीएस नरसिम्हा की पीठ इस मामले को सुनेगी।
हिंदू सेना ने मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में दखल याचिका दायर करने के साथ ही उसे भी अंजुमन की अपील पर सुनवाई के दौरान हस्तक्षेपकर्ता के रूप में पक्ष रखने का मौका दिया जाए। अंजुमन कमेटी ज्ञानवापी मस्जिद के सर्वे पर रोक लगवाना चाहती है। हालांकि निचली कोर्ट के निर्देश पर सर्वे का काम पूरा हो चुका है।
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