हलचल

क्या इस बार मिलेगा गुर्जरों को आरक्षण ? समझें कानूनी पेंच जो बने हैं राह का रोड़ा

एक बार फिर 6 दिन तक परेशान होने के बाद राजस्थान की जनता के लिए एक अच्छी खबर है। दिल्ली-मुंबई रेलमार्ग को जाम और राज्य के कई हाईवे पर बैठे नाराज गुर्जरों को शांत करने के लिए सरकार ने आखिर कदम उठा लिया। राजस्थान सरकार ने कल विधानसभा में गुर्जर समेत 5 जातियों को 5 फीसदी आरक्षण वाला बिल पास कर दिया।

राजस्थान में पिछड़े वर्ग यानि OBC को 21% आरक्षण हासिल है अब गुर्जर, गाड़िया लुहार, बंजारा, राइका-रैबारी और देवासी जातियों को अति पिछड़ा वर्ग (MBC) में 5% आरक्षण दिया गया है जिसके बाद पिछड़े वर्ग का आरक्षण अब 26% हो चुका है।

विधानसभा में कल पास हुआ बिल

सरकार ने गुर्जर समेत 5 जातियों को 5 फीसदी आरक्षण देने के लिए कल बिल पेश किया जिसके बाद राज्यपाल ने इसे मंजूरी दे दी। आपको पता होगा कि इससे पहले भी कई बार 5% आरक्षण को लेकर सदन में ऐसे बिल पेश और पास किए जा चुके हैं लेकिन इसके बावजूद भी मामला कानूनी पेंच में फंस कर रह जाता है।

13 साल से ऐसे ही लटका है गुर्जर आरक्षण का मसला

गुर्जरों की आरक्षण की मांग 2006 से ऐसे ही जारी है। लगभग हर सरकारों के दौरान गुर्जरों ने विरोध प्रदर्शन किए हैं। 2017 में वसुंधरा राजे सरकार ने ऐसा ही बिल पेश किया था जिसके बाद मामला सुप्रीम कोर्ट में जाकर अटक गया। हर बार कोर्ट में जाकर यह मामला अटक जाता है क्योंकि इससे कुल आरक्षण की सीमा 50 फीसदी से ऊपर हो जाती है।

ये नौंवी अनुसूची वाला पेंच क्या है?

हर बार आंदोलन के बाद कागजी आश्वासन से संतुष्ट होने वाले गुर्जर इस बार यह चाहते हैं कि उनको अदालती कार्यवाही में ना उलझाते हुए नौंवी अनुसूची में शामिल कर आरक्षण दिया जाना चाहिए। वहीं संविधान में संशोधन की भी मांग उठ रही है।

लेकिन जमीनी तौर पर अगर देखें तो अभी संविधान में संशोधन करना इतना आसान नहीं है। 16वीं लोकसभा खत्म हो चुकी है। कुछ दिनों बाद चुनावी गहमागहमी शुरू हो जाएगी और आचार संहिता लग जाएगी।

वहीं संविधान में नौंवी अनुसूची का कवच भी अब कमजोर हो गया है। 24 अप्रैल, 1973 के बाद से सुप्रीम कोर्ट ने फैसला दिया कि नौंवी अनुसूची में शामिल किए जाने वाले मामलों की भी न्यायिक समीक्षा की जाएगी। आपको बता दें कि संविधान की नौंवी अनुसूची में उन मामलों को डाला जाता है जिन्हें सरकार कोर्ट में नहीं घसीटना चाहती है।

अब आगे क्या होगा? 

गुर्जरों का पिछले 12-13 साल से चल रहा यह आंदोलन हर बार राजनीति पेचीदगियों में उलझ जाता है। वर्तमान में कांग्रेस की राज्य सरकार ने बिल तो पास कर दिया लेकिन वादा पूरा ना करने का आरोप केंद्र की मोदी सरकार पर लगा दिया। ऐसे में राजस्थान विधानसभा में भी विपक्षी नेताओं के सहयोग के बिना आगे की राह आसान तो नहीं होगी।

sweta pachori

Leave a Comment

Recent Posts

रोहित शर्मा ने कप्‍तान हार्दिक पांड्या को बाउंड्री पर दौड़ाया।

रोहित शर्मा ने सनराइजर्स हैदराबाद के खिलाफ फील्डिंग की सजावट की और कप्‍तान हार्दिक पांड्या…

9 months ago

राजनाथ सिंह ने अग्निवीर स्कीम को लेकर दिया संकेत, सरकार लेगी बड़ा फैसला

अग्निवीर स्कीम को लेकर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने एक बड़ा बयान दिया है। उन्होंने…

9 months ago

सुप्रीम कोर्ट का CAA पर रोक लगाने से इनकार, केंद्र सरकार से मांगा जवाब

सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को नागरिकता संशोधन कानून (CAA) रोक लगाने से इनकार कर दिया…

9 months ago

प्रशांत किशोर ने कि लोकसभा चुनाव पर बड़ी भविष्यवाणी

चुनाव रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर बड़ी भविष्यवाणी की है। प्रशांत…

9 months ago

सुधा मूर्ति राज्यसभा के लिए नामित, PM मोदी बोले – आपका स्वागत है….

आज अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के दिन राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने इंफोसिस के चेयरमैन नारायण मूर्ति…

10 months ago

कोलकाता हाई कोर्ट के पूर्व जस्टिस अभिजीत गंगोपाध्याय ने थामा भाजपा दामन, संदेशखाली पर बोले – महिलाओं के साथ बुरा हुआ है…

कोलकाता हाई के पूर्व जस्टिस अभिजीत गंगोपाध्याय भाजपा में शामिल हो गए है। उन्होंने हाल…

10 months ago