कोरोना संकट से पूरी दुनिया की अर्थव्यवस्था संकट में है। इस बीच चीन अपनी चाल चलकर कमजोर हुई कंपनियों का टेकओवर करने में जुटा है। इस मामले में केंद्र सरकार ने सख्त रूख अपनाते हुए विदेशी निवेश मामले के नियमों में बडा परिवर्तन कर दिया है। जानिये, क्या है मामला-
गौरतलब है कि कोरोना वायरस पूरी दुनिया में फैलाकर चीन अब कंपनियों के जबरन अधिग्रहण में लगा हुआ है और पिछले दिनों चीन के ही केंद्रीय बैंक पीपुल्स बैंक ऑफ चाइना ने भारत की हाउसिंग लोन देने वाली बडी कंपनी HDFC लिमिटेड के 1.75 करोड़ शेयर खरीद लिए थे जिसके बाद सरकार ने खतरे को भांपते हुए यह महत्वपूर्ण कदम उठाया है।
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अब बदले गए नियम के अनुसार कोई भी पड़ोसी देश एफडीआई निवेश के लिए पहले भारत सरकार से अनुमति लेगा और इस नियम को उन देशों पर भी लागू किया गया है जो चीन के साथ ही भारत की भूमि सीमा साझा करते हैं। गौरतलब है कि इस प्रकार का नियम इससे पहले एफडीआई प्रतिबंध को लेकर पाकिस्तान व बांग्लादेश पर भी लगाया गया था। खबरों के अनुसार केंद्र सरकार ने बदले हुए इन नियमों में चीन के नाम का स्पष्ट जिक्र नहीं किया है। Department for Promotion of Industry and Internal Trade की ओर से जारी प्रेस नोट के अनुसार सरकार ने मौजूदा परिस्थितियों में अवसरवादी अधिग्रहण व भारतीय कंपनियों के अधिग्रहण पर अंकुश लगाने के लिए ही FDI पॉलिसी में यह बदलाव किया है। अब इस नियम के बाद चीन सहित अन्य पड़ोसी देशों को भारत में निवेश के लिए सरकार से मंजूरी लेनी पडेगी।
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