अंतर्राष्ट्रीय बाजार में मंदी, अमेरिका और चीन के बीच ट्रेड वॉर एवं भारत में जम्मू-कश्मीर मुद्दे पर जारी अनिश्चिताओं के बीच सप्ताह के पहले कारोबारी दिन सोमवार को शेयर बाजार में भारी गिरावट दर्ज की गई है। शेयर बाजार में गिरावट की वजह सोमवार को गृहमंत्री अमित शाह ने जम्मू-कश्मीर पर ऐतिहासिक भाषण देते हुए यहां लागू धारा-370 को समाप्त करने का संकल्प राज्यसभा में पेश किया गया। शाह के इस संकल्प के बीच पाकिस्तान के शेयर मार्केट में इस साल की सबसे बड़ी गिरावट दर्ज की गई है।
पाकिस्तान के शेयर बाजार के प्रमुख बेंचमार्क इंडेक्स केएसई-100 ने करीब 600 अंकों की गिरावट दर्ज करते हुए 31 हजार 100 के स्तर पर पहुंच गया। यह गिरावट पिछले कारोबारी दिन के मुकाबले करीब 1.75 प्रतिशत से अधिक रही है। ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान का शेयर बाजार की हालात बेहद खराब है और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर उसका प्रदर्शन पिछले दो साल में सबसे खराब रहा है।
आपको बता दें कि इस साल फरवरी महीने में हुए पुलवामा आतंकी हमले के के बाद भारत द्वारा अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पाकिस्तान की आतंक पर नकेल कसने में नाकामयाबी को उजागर किया और एयरस्ट्राइक कर आतंकियों के ठिकानों पर हमला किया तब से ही पाकिस्तान के बाजार में गिरावट का दौर जारी है। इस तरह से यहां के बाजार ने कुल तीन कारोबारी दिनों में 2000 अंकों से ज्यादा की बढ़त गंवा दी थी।
पाकिस्तान के शेयर बाजार का इस तरह धड़ाम से गिरने के पीछे की वजह भारत द्वारा कश्मीर को लेकर कठोर निर्णय है। भारत के गृहमंत्री अमित शाह ने अपने चुनावी वादे को पूरा करने के उद्देश्य से सोमवार को राज्यसभा में जम्मू-कश्मीर से धारा 370 हटाने का संकल्प प्रस्तुत किया है। यही नहीं जम्मू-कश्मीर को केंद्र शासित प्रदेश बनाने का प्रस्ताव भी रखा गया। इस प्रस्ताव को प्रस्तुत करने से पूर्व ही जम्मू-कश्मीर में पिछले कुछ दिनों से राजनीतिक हलचल की वजह बढ़ने से भी पाकिस्तान के शेयर बाजार पर इसका असर हो रहा है। शाह के इस निर्णय से पहले ही कश्मीर में अचानक अतिरिक्त सुरक्षाबलों की तैनाती बढ़ा दी गई और मोबाइल इंटरनेट की सेवाओं पर पाबंदी लगा दी गई है। साथ ही राज्य के कई राजनेताओं को घर में नजरबदं कर दिया गया है।
आतंक के गढ़ पाकिस्तान को पुलवामा आतंकी हमले के बाद से ही अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर शर्मिंदा होना पड़ा है। उसके बाजारों में महंगाई रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई है। पाकिस्तान ब्यूरो ऑफ स्टैटिक्स द्वारा जारी नए आंकड़ों के अनुसार, उपभोक्ता मूल्य सूचकांक पर मापी जाने वाली महंगाई इस वर्ष जुलाई में बढ़कर 10.34 प्रतिशत रही, जोकि पिछले महीने 8.9 प्रतिशत पर थी। यह पिछले वर्ष के जुलाई महीने में 5.84 प्रतिशत रही।
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