बिजनेसमैन, डॉक्टर, ट्रैवलर एंग्लो इंडियन शेक दीन मोहम्मद पर आज गूगल ने अपना डूडल बनाया है। मोहम्मद का जन्म जनवरी 1759 में पटना में हुआ था। 1794 में आज ही के दिन उन्होंने इंग्लैंड में पहली अंग्रेजी किताब को प्रकाशित किया। भारत और इंग्लैंड के बीच रिश्ते बढ़ाने में उनका अहम योगदान रहा है। उनके पिता ईस्ट इंडिया कंपनी में काम करते थे। जब शेक दीन मोहम्मद 10 साल के थे तो उनके पिता का निधन हो गया। इसके बाद उन्हें कैप्टन गॉडफ्रे इवान बेकर के विंग में शामिल कर लिया गया। वो ईस्ट इंडिया कंपनी की बंगाल रेजिमेंट के सैनिक रहे।
मोहम्मद ने भारतीय खानपान और नाम को यूरोप में फैलाया। इसी कारण उन्हें पश्चिम दुनिया के गैर-यूरोपीय प्रवासी लोगों की सूची में सबसे महत्वपूर्ण शख्सियतों में से एक माना जाता है। 1782 में इंग्लैंड जाने के बाद शेक दीन मोहम्मद ने 1810 में ‘Hindoostane Coffee House’ के नाम से भारतीय रेस्तरां खोला, लेकिन वह दो साल के अंदर ही बंद करना पड़ा। यह रेस्तरां ब्रिटेन में किसी भी एशियाई द्वारा खोला गया पहला रेस्तरां था।
इसके बाद उन्होंने 1814 में ब्राइटन जाकर ‘शैम्पू’ की शुरुआत की। यह एक स्टीम बाथ और भारतीय चिकित्सीय मालिश वाला पार्लर था, जिसने मोहम्मद को पूरे यूरोप में पहचान दिलाई। शैम्पू शब्द हिंदी के चंपी शब्द से प्रेरित होकर बना है, जिसका अर्थ होता है ‘सिर की मालिश’। शैम्पू की सफलता देखकर 1822 में चौथे किंग जॉर्ज ने उन्हें अपने पर्सनल चंपी सर्जन के तौर पर नियुक्त कर लिया। शेक दीन मोहम्मद की मृत्यु 1851 में हुई और उन्हें सेंट निकोलस चर्च के एक कब्रिस्तान में दफनाया गया। आज भी ब्राइटन संग्राहालय में उनकी तस्वीर मौजूद है।
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