हलचल

सेना में महिला अधिकारियों को दो महीने के भीतर स्थायी कमीशन दें: सुप्रीम कोर्ट

देश की सर्वोच्च अदालत ने गुरुवार को भारतीय सेना और नौसेना में महिला अधिकारियों को स्थायी कमीशन की मांग को लेकर दायर याचिका पर बड़ा फैसला सुनाया। सुप्रीम कोर्ट ने याचिका पर सुनवाई करते हुए निर्देश दिया कि सेना एक महीने के भीतर महिला अधिकारियों के लिए स्थायी कमीशन देने पर विचार करे और नियत प्रक्रिया का पालन करते हुए दो महीने के भीतर इन्हें स्थायी कमीशन दें। भारतीय सेना और नौसेना में महिला अधिकारियों के लिए स्थायी आयोग को लेकर कोर्ट ने कहा कि सेना द्वारा अपनाए गए मानकों की कोई न्यायिक समीक्षा नहीं हो सकती है।

इस मामले को लेकर महिला अधिकारियों की ओर से दायर याचिका पर सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने अपना फैसला सुनाते हुए कहा कि जब एक महिला सेना में कॅरियर चुनती है, कई कड़ी परीक्षाओं को पार करती है। यह तब और मुश्किल हो जाता है, जब समाज महिलाओं पर चाइल्डकेयर और घरेलू काम की जिम्मेदारी डालता है।

महिलाओं को बराबर अवसर दिए बिना रास्ता नहीं निकलता

भारतीय सेना में महिला अफसरों को स्थायी कमीशन देने संबंधी मामले की सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने तल्ख टिप्पणी की। जज जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि वर्ष 2010 तक सीमा पार से फायरिंग का आंकड़ा 250 बार से अधिक नहीं है, जिन आंकड़ों को रिकॉर्ड में रखा गया है, वे बेंचमार्किंग के मामले को पूरी तरह से गलत साबित होते हैं। उन्होंने कहा कि हमारी सामाजिक व्यवस्था पुरुषों ने पुरुषों के लिए बनाई है, समानता की बात झूठी है। आर्मी ने मेडिकल के लिए जो नियम बनाए वो महिलाओं के खिलाफ भेदभाव करता है। महिलाओं को बराबर अवसर दिए बिना रास्ता नहीं निकल सकता।

सेना की 17 महिला अधिकारियों की याचिका पर सुनवाई

आपको जानकारी के लिए बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को भारतीय सेना की 17 महिला अधिकारियों की ओर से दायर की गई एक याचिका पर सुनवाई की। याचिका में आरोप लगाया गया था कि सेना ने उच्चतम न्यायालय के फैसले के बावजूद अभी तक महिला अधिकारियों को 50 फीसदी तक स्थायी आयोग प्रदान नहीं किया है। गौरतलब है कि भारतीय सेना में महिला अधिकारियों को स्थायी कमीशन देने के दिल्ली हाईकोर्ट के फैसले पर बीते साल सुप्रीम कोर्ट ने भी मुहर लगा दी थी। सर्वोच्च न्यायालय ने कहा था कि केंद्र सेना में कम्बैट इलाकों को छोड़कर सभी इलाकों में महिलाओं को स्थायी कमान देने के लिए बाध्य है।

Read More: देश के 48वें चीफ जस्टिस होंगे एनवी रमना, सीजेआई बोबडे ने भेजी सिफारिश

Raj Kumar

Leave a Comment

Recent Posts

रोहित शर्मा ने कप्‍तान हार्दिक पांड्या को बाउंड्री पर दौड़ाया।

रोहित शर्मा ने सनराइजर्स हैदराबाद के खिलाफ फील्डिंग की सजावट की और कप्‍तान हार्दिक पांड्या…

9 months ago

राजनाथ सिंह ने अग्निवीर स्कीम को लेकर दिया संकेत, सरकार लेगी बड़ा फैसला

अग्निवीर स्कीम को लेकर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने एक बड़ा बयान दिया है। उन्होंने…

9 months ago

सुप्रीम कोर्ट का CAA पर रोक लगाने से इनकार, केंद्र सरकार से मांगा जवाब

सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को नागरिकता संशोधन कानून (CAA) रोक लगाने से इनकार कर दिया…

9 months ago

प्रशांत किशोर ने कि लोकसभा चुनाव पर बड़ी भविष्यवाणी

चुनाव रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर बड़ी भविष्यवाणी की है। प्रशांत…

9 months ago

सुधा मूर्ति राज्यसभा के लिए नामित, PM मोदी बोले – आपका स्वागत है….

आज अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के दिन राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने इंफोसिस के चेयरमैन नारायण मूर्ति…

10 months ago

कोलकाता हाई कोर्ट के पूर्व जस्टिस अभिजीत गंगोपाध्याय ने थामा भाजपा दामन, संदेशखाली पर बोले – महिलाओं के साथ बुरा हुआ है…

कोलकाता हाई के पूर्व जस्टिस अभिजीत गंगोपाध्याय भाजपा में शामिल हो गए है। उन्होंने हाल…

10 months ago