पिछले कुछ वर्षों में शहीद वीरांगनाओं के सेना में शामिल होने की संख्या में तेजी से बढ़ोतरी हुई है। ये वीरांगनाएं अपने जांबाज शहीद पति की तरह ही देश की सुरक्षा में अपना सर्वस्व न्यौछावर करने के लिए तैयार रहती हैं। ऐसी ही एक कहानी शहीद स्क्वाड्रन लीडर समीर अबरोल की पत्नी की है। अपने शहीद पति की तरह बहादुर यह वीरांगना जल्द ही इंडियन एयरफोर्स में शामिल होने जा रही है। स्क्वाड्रन लीडर समीर 1 फरवरी, 2019 को मिराज-2000 लड़ाकू विमान क्रैश होने के कारण शहीद हो गए। अब शहीद की पत्नी गरिमा अबरोल ने अपने और शहीद पति के सपने को साकार करने के लिए सर्विस सिलेक्शन बोर्ड (एसएसबी) की परीक्षा उत्तीर्ण कर ली है।
शहीद स्क्वाड्रन लीडर समीर के पिता संजीव अबरोल ने इस बारे में जानकारी देते हुए बताया कि गरिमा अबरोल जनवरी 2020 तक भारतीय वायु सेना में शामिल हो जाएंगी। उन्होंने कहा कि बेटे समीर के शहीद होने के बाद उनकी पत्नी गरिमा ने यह फैसला किया था कि वह भी पति की तरह वायु सेना में शामिल होकर दुश्मनों से देश की रक्षा करेगी। गरिमा ने पति की शहादत के बाद पीछे मुड़कर नहीं देखा। उन्होंने वायुसेना में शामिल होने के लिए पढ़ाई शुरू कर दी और अब एसएसबी की परीक्षा भी पास कर ली है। शहीद समीर के पिता संजीव और माता सुषमा अबरोल ने बताया कि गरिमा पिछले कुछ महीनों से एसएसबी परीक्षा पास करने के लिए कड़ी मेहनत कर रही थीं, जिसका फल उन्हें अब परिणाम में मिल गया है।
शहीद के पिता की जानकारी के मुताबिक़, गरिमा अबरोल वायु सेना की प्रशासनिक टीम में हिस्सा होंगी। उन्होंने कहा कि उनकी वीरांगना बहू ने इस उपलब्धि से हम सभी का गौरव बढ़ाने का काम किया है। गरिमा की यह ख़ास उपलब्धि उन लाखों महिलाओं के लिए मिसाल बनेंगी, जो अक्सर जीवन के कठिन दौर में परेशानियों से टूट जाती हैं। ऐसी महिलाओं को गरिमा से सीखने की जरूरत है।
उल्लेखनीय है कि पति समीर के शहीद होने के बाद पत्नी गरिमा अबरोल ने इंस्टाग्राम पर एक भावुक पोस्ट डाली, जिसके बाद वह गरिमा सुर्खियों में आई थीं। अपनी उस पोस्ट में उन्होंने अपने शहीद पति को देश का और अपना सच्चा हीरो बताते हुए मार्मिक तरीके से लिखा था। गरिमा की उस पोस्ट को पढ़ने वाले हर व्यक्ति की आंख नम हो गई थी। बता दें, शहीद वीरांगना की वह पोस्ट मीडिया और सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हुई थी।
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शहीद समीर अबरोल के पिता संजीव अबरोल ने मीडिया को जानकारी देते हुए बताया कि 17 जुलाई को समीर का 33वां जन्मदिवस है। इस अवसर पर शहीद बेटे की स्मृति में गांधीनगर स्थित उनके आवास पर रक्तदान शिविर का आयोजन करना तय किया गया है। उन्होंने कहा कि आगे भी इसी तरह हर वर्ष शहीद बेटे समीर की याद में कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा। शहीद के पिता ने सभी लोगों से अपील करते हुए कहा कि 17 जुलाई को अधिक से अधिक लोग रक्तदान करें।
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