11 अक्टूबर को दुनियाभर में विश्व मोटापा दिवस के रूप में मनाया जाता है। हम सभी जानते हैं कि मोटापा सेहत के लिए हानिकारक होता है। मोटापा दूर करने में गिलोय बहुत फायदेमंद होता है। गिलोय एक बहुवर्षीय लता (बेल) होती है। गिलोय या गुडुची या चक्रांगी, का वैज्ञानिक नाम टीनोस्पोरा कोर्डीफोलिया है। इसमें कई चमत्कारी गुण समाए हुए हैं, जो इसे ख़ास बनाते है। इसके अमृत रूपी गुणों के कारण ही इसे अमृता जड़ भी कहा जाता है। गिलोय यह आयुर्वेदिक चिकित्सा पद्धति से कई रोगों को दूर करने में सबसे उत्तम औषधि मानी जाती है। आयुर्वेद में इसका रस, पाउडर और कैप्सूल के रूप में उपयोग किया जाता है। यहां तक कि मोटापा घटाने से लेकर इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए भी यह कारगर साबित होता है। आइए विश्व मोटापा दिवस पर जानते हैं गिलोय सेवन के फायदे..
गिलोय मोटापा दूर करने में रामबाण मानी जाती है। मोटापा से परेशान व्यक्ति को प्रतिदिन इसका सेवन कर जल्द ही इससे निज़ात पा सकता है। गिलोय के एक चम्मच रस में एक चम्मच शहद मिलाकर सुबह-शाम लेने से मोटापे की समस्या दूर हो जाती है। इसके अलावा जब कभी-कभी शरीर का कुछ हिस्सा सूजा हुआ लगता है, उस स्थिति में इसका इस्तेमाल फायदेमंद साबित होता है। यह बॉडी के सूजन में भी चमत्कारिक परिणाम देता है।
कब्ज होने पर अक्सर पेट फूला हुआ रहता है। इसके कारण कई बार पेट दर्द की शिकायत भी रहती है। ऐसे में गिलोय के जूस का सेवन बड़ा कारगर साबित होता है। यह कब्ज तो दूर करेगा ही, साथ में पेट भी अपने नैचुरल साइज में रहेगा। इसके अलावा अगर किसी व्यक्ति के पेट में कीड़े हो गए हों और इनके कारण शरीर में खून की कमी हो रही है, तो संबंधित पीड़ित व्यक्ति को कुछ दिनों तक नियमित रूप से गिलोय का सेवन करना चाहिए।
डायबिटीज के मरीज को नियमित रूप से गिलोय का सेवन करना लाभदायक साबित होता है। डायबिटीज के मरीजों के लिए यह वरदान माना जाता है। डायबिटीज के शिकार लोगों को हाथ की छोटी उंगली के बराबर गिलोय के तने का रस और बेल के एक पत्ते के साथ थोड़ी सी हल्दी मिलाकर एक चम्मच रस का प्रतिदिन सेवन करना चाहिए। इससे डायबिटीज की समस्या को नियंत्रित किया जा सकता है। इसके अलावा यह शरीर के मेटाबॉलिज़्म को बढ़ाने का काम भी करता है।
गिलोय में ख़ास प्रकार के एंटीऑक्सिडेंट गुण पाए जाते हैं, जो शरीर को घातक रोगों से लड़ने में मदद करता है। गिलोय किडनी और लिवर से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने और खून को साफ करने का काम भी करती है। इसका नियमित रूप से जूस पीने से रोग प्रतिरोधक क्षमता में इजाफ़ा होता है। इसके अलावा गिलोय मानसिक तनाव दूर करने में लाभदायक है। स्ट्रेस से व्यक्ति मोटापे की समस्या से जुझने लगता है, ऐसे में गिलोय का जूस मानसिक संतुलन बने रहने में सहायक है।
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गिलोय को आयुर्वेद में गर्म तासीर का माना जाता है। यह तैलीय होने के साथ साथ स्वाद में कडवा और हल्की झनझनाहट लाने वाला होता है। इसमें गठिया रोग से लड़ने के अलावा शरीर शोधन के भी गुण होते हैं। इसके इस्तेमाल से सांस संबंधी रोग जैसे दमा और खांसी में बड़ी राहत मिलती हैं। गिलोय को नीम और आंवला के साथ मिलाकर इस्तेमाल करने से त्वचा संबंधी रोग जैसे एग्जिमा और सोराइसिस दूर हो सकते हैं। इसके अलावा गिलोय को बुखार, आखों की रोशनी बढ़ाने, खून की कमी दूर करने, पीलिया और कुष्ठ रोगों के इलाज में भी कारगर माना जाता है।
नोट: कृप्या गिलोय का इस्तेमाल डॉक्टर या विशेषज्ञ की सलाह पर करें।
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