हलचल

मेवाड़ के पूर्व राजपरिवार ने एक चाय वाले की बेटी को घर बुलाकर क्यों सम्मानित किया, जानिए घटना का सच

राजपूताने की धरती पर फिर पन्ना धाय के त्याग को याद किया जा रहा है, आखिर इतिहास का यह पन्ना आधुनिक चमक-धमक के बीच क्यों चर्चा का विषय बन गया। पर यह भी सच इस आधुनिकता ने ही इस पन्ने को सोशल मीडिया पर हमारे बीच में चर्चा का कारण बनाया है। जी हां हम बात कर रहें हैं आठवीं की छात्रा नेहा वैष्णव की। जिसने सोचा भी नहीं होगा कि उसके कविता पाठ का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होगा और वह इतनी चर्चित होगी। पन्ना धाय पर लिखी एक कविता सुनाने पर इतने पुरस्कार मिलेंगे। उसे न केवल मेवाड़ के पूर्व राजघराने के सदस्यों ने अपने निवास पर बुलाकर सम्मानित किया, बल्कि कई संस्थाओं ने बतौर पुरस्कार उसकी झोली रुपयों से भर दी।

कौन थी पन्ना धाय और क्या त्याग किया था मेवाड़ के लिए –
पन्ना धाय राणा साँगा के पुत्र राणा उदयसिंह की धाय माँ थीं। पन्ना धाय किसी राजपरिवार की सदस्य नहीं थीं।
राणा साँगा के पुत्र उदयसिंह को माँ के स्थान पर दूध पिलाने के कारण पन्ना ‘धाय मां’ कहलाई थी। पन्ना का पुत्र चन्दन और राजकुमार उदयसिंह साथ-साथ बड़े हुए थे। उदयसिंह को पन्ना ने अपने पुत्र के समान पाला था।
जब मेवाड़ में सत्ता के लिए संघर्ष चल रहा था तो दासी का पुत्र बनवीर महाराजा बनना चाहता था। उसने राणा के वंशजों को एक-एक कर मार डाला। बनवीर एक रात महाराजा विक्रमादित्य की हत्या करके उदयसिंह को मारने के लिए उसके महल की ओर चल पड़ा। एक विश्वस्त सेवक द्वारा पन्ना धाय को इसकी पूर्व सूचना मिल गई। पन्ना राजवंश और अपने कर्तव्यों के प्रति सजग थी व उदयसिंह को बचाना चाहती थी।

पन्ना धाय ने उदयसिंह को एक बांस की टोकरी में सुलाकर उसे झूठी पत्तलों से ढककर एक विश्वास पात्र सेवक के साथ महल से बाहर भेज दिया। बनवीर को धोखा देने के उद्देश्य से अपने पुत्र को उदयसिंह के पलंग पर सुला दिया। बनवीर रक्तरंजित तलवार लिए उदयसिंह के कक्ष में आया और उसके बारे में पूछा। पन्ना ने उदयसिंह के पलंग की ओर संकेत किया जिस पर उसका पुत्र सोया था। बनवीर ने पन्ना के पुत्र को उदयसिंह समझकर मार डाला।

पन्ना अपनी आँखों के सामने अपने पुत्र के वध को अविचलित रूप से देखती रही। बनवीर को पता न लगे इसलिए वह आंसू भी नहीं बहा पाई। बनवीर के जाने के बाद अपने मृत पुत्र की लाश को चूमकर राजकुमार को सुरक्षित स्थान पर ले जाने के लिए निकल पड़ी। स्वामिभक्त वीरांगना पन्ना धन्य हैं! जिसने अपने कर्तव्य-पूर्ति में अपनी आँखों के तारे पुत्र का बलिदान देकर मेवाड़ राजवंश को बचाया।

नेहा का परिचय व वीडियो से अचानक सुर्खियों में आना –
बेटे चंदन के बलिदान और पन्ना धाय के त्याग पर कविता पाठ करने वाली नेहा राजसमंद जिले के रेलमगरा के राजकीय कस्तूरबा गांधी विद्यालय में आठवीं की छात्रा है। नेहा एक गरीब परिवार से है और उसके पिता चाय का ठेला लगाकर परिवार का भरण-पोषण करते हैं। सुविधाओं के अभाव में पली-बढ़ी नेहा पढ़ाई और खेल में भी अव्वल है।
नेहा हाल ही संभागस्तरीय कविता पाठ प्रतियोगिता में भाग लेने के लिए डूंगरपुर जिले के सागवाड़ा स्थित स्व. भीखा भाई राजकीय वरिष्ठ उपाध्याय विद्यालय गई थी। वहां उसने वीर व त्याग की मूर्त माता पन्ना धाय के जीवन पर ऐसी ओजमय कविता की प्रस्तुति दी जिससे सुनने वालों के कान में मानो रस घुल गया।
इस प्रस्तुति का वीडियो देखते ही देखते वायरल हो गया। इसमें नेहा निर्णायकों के अलावा स्कूल के ही स्टाफ और बच्चों के सामने भाव-विभोर होकर ऐसे दिखाई दे रही है जैसे वह किसी कवि सम्मेलन के बड़े मंच पर सैकड़ों श्रोताओं के सामने अपनी कला का प्रदर्शन कर रही हो।
नेहा के शिक्षक मुकेश वैष्णव बताते हैं कि प्रशिक्षक राधेश्याम वैष्णव, घनश्याम दमामी व प्रभारी लक्ष्मी रेगर के सानिध्य में उसने प्रतियोगिता में हिस्सा लेकर संभाग स्तर पर प्रथम स्थान हासिल किया।

नेहा के मुताबिक शिक्षकों ने इस कविता पाठ की तैयारी किसी और छात्रा से करवाई थी लेकिन प्रतियोगिता से पहले उस छात्रा की तबीयत खराब होने से उसे इस कविता पाठ का मौका मिल गया। नेहा अचानक मिली अपनी प्रसिद्धि का श्रेय अपने गुरुजनों और परिवारजनों को देती हैं।

पूर्व राजपरिवार ने बुलाया घर, किया सम्मानित
नेहा के कविता पाठ की गूंज जब उदयपुर में मेवाड़ राजघराने के सदस्यों के कानों तक पहुंच गई। जिसके बाद महाराणा उदयसिंह के वंशज और पूर्व मेवाड़ राजघराने के सदस्य महेंद्र सिंह मेवाड़ ने उसे समोर बाग स्थित अपने घर बुलाया। नेहा अपने गुरु के साथ वहां पहुंची। उसने महेंद्रसिंह मेवाड़, पूर्व महारानी निरूपमा कुमारी और उनके बेटे विश्वराजसिंह को भी पन्नाधाय के बलिदान की कविता सुनाई। पूर्व राजपरिवार के सदस्यों ने उसकी जमकर प्रशंसा की। नेहा ने बेटियों को बचाने पर भी एक अच्छी कविता सभी को सुनाई। नेहा की इस प्रतिभा को देखकर उसका सम्मान किया गया।
यही नहीं, महेंद्र सिंह मेवाड़ ने नेहा के स्कूल में बच्चों के लिए कम्प्यूटर लैब शुरू करने की घोषणा भी की। पन्नाधाय सेवा संस्थान के संस्थापक अध्यक्ष और पन्नाधाय वंशज भूपेंद्र सिंह धायभाई और उनकी टीम, निरंजन गुर्जर सियाखेड़ी, मुकेश गुर्जर तथा उदयपुर शहर की एक दर्जन से अधिक संस्थाओं ने नेहा को प्रोत्साहनस्वरूप नकद राशि देकर सम्मानित किया।
नेहा को मिले सम्मान से उसके पिता बेहद खुश हैं। उन्होंने कहा कि बेटी तो उनके लिए लक्ष्मी बन गई। वह जितना 10 साल में भी नहीं कमा पाते, उतना पैसा बेटी की एक ही कविता से चर्चित होने के साथ पुरस्कार के रूप में लेकर आ गई। वे अपनी बेटी को उच्च शिक्षा दिलाएंगे।

Rakesh Singh

Leave a Comment

Recent Posts

रोहित शर्मा ने कप्‍तान हार्दिक पांड्या को बाउंड्री पर दौड़ाया।

रोहित शर्मा ने सनराइजर्स हैदराबाद के खिलाफ फील्डिंग की सजावट की और कप्‍तान हार्दिक पांड्या…

9 months ago

राजनाथ सिंह ने अग्निवीर स्कीम को लेकर दिया संकेत, सरकार लेगी बड़ा फैसला

अग्निवीर स्कीम को लेकर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने एक बड़ा बयान दिया है। उन्होंने…

9 months ago

सुप्रीम कोर्ट का CAA पर रोक लगाने से इनकार, केंद्र सरकार से मांगा जवाब

सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को नागरिकता संशोधन कानून (CAA) रोक लगाने से इनकार कर दिया…

9 months ago

प्रशांत किशोर ने कि लोकसभा चुनाव पर बड़ी भविष्यवाणी

चुनाव रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर बड़ी भविष्यवाणी की है। प्रशांत…

9 months ago

सुधा मूर्ति राज्यसभा के लिए नामित, PM मोदी बोले – आपका स्वागत है….

आज अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के दिन राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने इंफोसिस के चेयरमैन नारायण मूर्ति…

10 months ago

कोलकाता हाई कोर्ट के पूर्व जस्टिस अभिजीत गंगोपाध्याय ने थामा भाजपा दामन, संदेशखाली पर बोले – महिलाओं के साथ बुरा हुआ है…

कोलकाता हाई के पूर्व जस्टिस अभिजीत गंगोपाध्याय भाजपा में शामिल हो गए है। उन्होंने हाल…

10 months ago