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स्विगी और जोमैटो जैसी फूड एग्रीगेटर्स की मनमानी पर लगाम लगाने की तैयारी में है FHRAI

स्विगी और जोमैटो जैसी फूड सर्विस एग्रीगेटर्स (FSA) के बाजार में आने के बाद लोगों को भले ही सस्ता खाना उपलब्ध हो रहा हो, लेकिन इसे लेकर फेडरेशन ऑफ होटल एंड रेस्टोरेंट एसोसिएशन ऑफ इंडिया (FHRAI) और एफएसए के बीच विवादों ने जन्म ले लिया है। एफएचआरएआई ने इस विवाद को सुलझाने के लिए छह ​प्वाइंट पर स्विगी और जोमैटो जैसी फूड सर्विस एग्रीगेटर्स के आमने-सामने बात करेगा।

इन मुद्दों पर फूड सर्विस एग्रीगेटर्स से बात करेगा FHRAI

कुछ दिनों पहले रेस्टोरेंट और होटल एसोसिएशन यानी FHRAI ने फूड सर्विस एग्रीगेटर्स द्वारा बिजनस को लेकर अनैतिक प्रथाओं को बढ़ावा देने पर दोनों में विवाद बढ़ गया। जिसके पर कुछ बिंदुओं पर लेकर समझौता होने की उम्मीद है। इस पर FHRAI के वाइस प्रेसिडेंट गुर बख्शीश सिंह कोहली ने कहा है कि ‘हम पूरी तरह एक साफ सुथरी व्यवस्था के अनुरूप बिजनस करने के पक्ष में हैं, एक ऐसा बिजनस जो सभी को साथ लेकर चले।’

उन्होंने यह भी कहा कि उनके संगठन ने बातचीत के छह प्रमुख बिंदु तय किए हैं। इनमें फूड सर्विस एग्रीगेटर के एसोसिएशनों से संपर्क करने से लेकर मुनाफे के बांटने और ग्राहकों को अनुचित छूट देकर लुभाने की उनकी नीति पर बातचीत शामिल है।

एसोसिएशन ने कहा है कि FSA एक तरह से रेस्तराओं की पुलिसिंग शुरू कर देती हैं। इस पर भी बात होगी। यही नहीं एफएसए रेस्टोरेंट्स के मध्य अनैतिक रूप से कम्पीटिशन को बढ़ा रही है। हम इस मुद्दे पर भी उनसे बात करेंगे। टैक्सेशन और कानूनी पहलू से जुड़ी शिकायतों पर भी बात होगी।

इन बातों पर बढ़ा विवाद FSA और FHRAI में

बता दें कि कुछ दिनों पहले रेस्टोरेंट और होटल एसोसिएशन यानी FHRAI और फूड सर्विस एग्रीगेटर्स के बीच ग्राहकों को ज्यादा कमीशन, ज्यादा छूट, पेमेंट की शर्तें और मनमाने ढंग से लागू अतिरिक्त शुल्क जैसी अनैतिक प्रथाओं को बढ़ाने पर FSA और FHRAI के बीच विवाद पैदा हो गया।

FHRAI ने जोमैटो और स्विगी जैसे फूड सर्विस एग्रीगेटरों को इन मुद्दों पर जमकर लताड़ा था। होटल और रेस्टोरेंट की कई क्षेत्रीय एसोसिएशन की ओर से FHRAI को आए दिन शिकायतें मिलती थी। इन शिकायतों को ध्यान में रख कर कार्रवाई करते हुए FHRAI ने जोमैटो, स्विगी, नियरबाई, Dineout Prius Heights, EasyDiner और मैजिकपिन को लेटर के माध्यम से सूचित किया। FHRAI ने इन एग्रीगेटर कंपनियों से कहा था कि जल्द ही बातचीत करके फायदेमंद नतीजे पर पहुंचना सबके लिए जरूरी है।

उसने इन कंपनियों द्वारा ‘अनैतिक कारोबार’ को दिए जा रहे बढ़ावे की समीक्षा करने की मांग करते हुए कहा कि ये कंपनियां सिर्फ टेक्नोलॉजी पार्टनर बनकर करोड़ों उद्यमियों की महत्वाकांक्षाओं के साथ खिलवाड़ नहीं कर सकते।

गुर बख्शीश सिंह ने कहा था दुर्भाग्य से इस अनैतिक और आवश्यकता से अधिक छूट देने के तरीके ने हॉस्पिटैलिटी इंडस्ट्री को चिंताजनक स्थिति में लाकर खड़ा कर दिया। इन एग्रीगेटर्स के खिलाफ सबसे अधिक शिकायत एकतरफा कॉन्ट्रैक्ट की आती है। ये कॉन्ट्रैक्ट इंडस्ट्री में एक समान नहीं होते है और बड़े ब्रांड्स के मुकाबले स्टार्टअप्स को ज्यादा नुकसान पहुंचाते हैं। ये हावी होने और शोषण करने वाला रवैया है।

Rakesh Singh

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