लाइफस्टाइल

सालभर में 73 हजार प्लास्टिक के टुकड़े खा रहा है प्रत्येक व्यक्ति: ताज़ा रिसर्च

हाल में स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देशवासियों से सिंगल यूज़ प्लास्टिक का इस्तेमाल बंद करने का आह्वान किया था। पीएम मोदी के इसके दुरगामी ख़तरों को ध्यान में रखते हुए यह बात कहीं। हालिया एक जानकारी के अनुसार, हर इंसान प्रतिदिन अंजाने में माइक्रोप्लास्टिक के 200 टुकड़े खा जाता है। इसके कारण आंतों में इंफेक्शन फैल रहा है जो लोगों को बीमार कर देता है। ऑस्ट्रिया की वियना मेडिकल यूनिवर्सिटी और एनवायरमेंट एजेंसी ऑफ़ ऑस्ट्रिया द्वारा जारी एक ताज़ा शोध यह चौंकाने वाली जानकारी सामने आई है।

जहरीले रसायन में बदल रहे प्लास्टिक के बारीक कण

हालिया शोध में सामने आया है कि प्लास्टिक के बारीक कण मानव शरीर में पहुंचकर जहरीले रसायन में बदल जाते हैं। वियना मेडिकल यूनिवर्सिटी का रिसर्च बताता है कि एक व्यक्ति सालभर में प्लास्टिक के 73 हजार बारीक कण निगल जाता है। वियना मेडिकल यूनिवर्सिटी और एनवायरमेंट एजेंसी ऑफ़ ऑस्ट्रिया ने विश्वभर के कई देशों में रिसर्च कर यह रिपोर्ट तैयार की है। रिसचर्स ने इटली, फ़िनलैंड, जापान, और यूनाइटेड किंगडम के कुछ लोगों पर यह रिसर्च किया था।

रिसर्च के अनुसार, इंसान के शरीर में माइक्रोप्लास्टिक पहुंचने का सबसे मुख्य जरिया सी-फ़ूड और बोतलबंद पानी के रूप में सामने आया है। इनका सेवन करने के कारण हर दिन इंसान की आंतों में माइक्रोप्लास्टिक का एक बड़ा हिस्सा पहुंच रहा है। शरीर के लिए घातक यह प्लास्टिक आंतों में इंफेक्शन पैदा कर रहा है।

एनवायरमेंट से जुड़ी एक वेबसाइट अर्थ.कॉम पर प्रकाशित एक रिपोर्ट के अनुसार, इस रिसर्च के प्रमुख शोधकर्ता डॉ. फिलिप श्वॉबल का कहना है कि प्रत्येक दिन एक इंसान माइक्रोप्लास्टिक के 200 टुकड़ों का सेवन कर लेता है। दरअसल, समुद्री जीव समुद्र में फेंके जाने वाले कचरे को खा जाते हैं और बाद में जब इंसान सी-फ़ूड का सेवन करता है तो यही प्लास्टिक खाने के जरिए शरीर में पहुंच जाता है।

पहली बार स्टूल टेस्ट को बनाया अध्ययन का जरिया

रिसचर्स को लोगों पर शोध के दौरान औसतन प्रति दस ग्राम मानव मल में 20 माइक्रोप्लास्टिक के टुकड़े मिले थे। रिसर्चर डॉ. फिलिप का कहना है कि शोध में पहली बार स्टूल टेस्ट को अध्ययन का जरिया बनाया गया है। इससे मानव मल के अध्ययन में शरीर में पहुंची प्लास्टिक की मात्रा का पता चल सका है। ​कई रिसचर्स पिछले लंबे समय से इस विषय पर शोध कर रहे थे कि प्लास्टिक मानव शरीर में कैसे पहुंचता हैं?

Read: जानिए किस मामले में एनकांउटर के दो साल बाद गैंगस्टर आनंदपाल को मिली उम्रकैद की सज़ा?

शोध में यह बात सामने आई कि प्लास्टिक के महीन कण शरीर में पहुंचकर जहरीले रसायन में बदल सकते हैं। ये ब्लड सर्कुलेशन के जरिए लिवर समेत शरीर के कई हिस्सों में आसानी से पहुंच जाते हैं। डॉ. फिलिप के अनुसार, मल में माइक्रोप्लास्टिक की मात्रा मिलने के पीछे प्लास्टिक की बोतलों में बंद वॉटर बड़ा जिम्मेदार है।

Raj Kumar

Leave a Comment

Recent Posts

रोहित शर्मा ने कप्‍तान हार्दिक पांड्या को बाउंड्री पर दौड़ाया।

रोहित शर्मा ने सनराइजर्स हैदराबाद के खिलाफ फील्डिंग की सजावट की और कप्‍तान हार्दिक पांड्या…

7 months ago

राजनाथ सिंह ने अग्निवीर स्कीम को लेकर दिया संकेत, सरकार लेगी बड़ा फैसला

अग्निवीर स्कीम को लेकर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने एक बड़ा बयान दिया है। उन्होंने…

7 months ago

सुप्रीम कोर्ट का CAA पर रोक लगाने से इनकार, केंद्र सरकार से मांगा जवाब

सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को नागरिकता संशोधन कानून (CAA) रोक लगाने से इनकार कर दिया…

8 months ago

प्रशांत किशोर ने कि लोकसभा चुनाव पर बड़ी भविष्यवाणी

चुनाव रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर बड़ी भविष्यवाणी की है। प्रशांत…

8 months ago

सुधा मूर्ति राज्यसभा के लिए नामित, PM मोदी बोले – आपका स्वागत है….

आज अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के दिन राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने इंफोसिस के चेयरमैन नारायण मूर्ति…

8 months ago

कोलकाता हाई कोर्ट के पूर्व जस्टिस अभिजीत गंगोपाध्याय ने थामा भाजपा दामन, संदेशखाली पर बोले – महिलाओं के साथ बुरा हुआ है…

कोलकाता हाई के पूर्व जस्टिस अभिजीत गंगोपाध्याय भाजपा में शामिल हो गए है। उन्होंने हाल…

8 months ago