पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव के बीच तृणमूल प्रमुख और राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के लिए एक भाषण को लेकर मुश्किल खड़ी हो गई है। दरअसल, निर्वाचन आयोग ने ममता बनर्जी को उनके द्वारा तीन अप्रैल को दिए गए एक भाषण को लेकर नोटिस भेजा है। इस नोटिस में आयोग ने उन्हें 48 घंटे में जवाब देने के लिए कहा है। आपको बता दें कि ममता बनर्जी ने तीन अप्रैल को एक जनसभा को संबोधित करते हुए मुस्लिम वोटों का बंटवारे ना होने देने की इस्लाम धर्म के लोगों से अपील की थी।
भारतीय जनता पार्टी ने टीएमसी प्रमुख ममता बनर्जी के बयान को लेकर पांच अप्रैल को चुनाव आयोग में शिकायत देकर उनपर तुष्टिकरण का आरोप लगाया था। इसके बाद केंद्रीय चुनाव आयोग ने ममता बनर्जी के उस बयान को आपत्तिजनक बताया है। निर्वाचन आयोग कहा कि उनका भाषण जन प्रतिनिधित्व कानून और आचार संहिता के प्रावधानों का उल्लंघन करता है। वहीं, ममता ने उनपर लगे मुस्लिम तुष्टिकरण के आरोपों को खारिज किया। उन्होंने पांच अप्रैल को एक जनसभा में कहा था कि कुछ लोग कहते हैं कि मैंने मुस्लिमों का तुष्टिकरण किया है। मैं उन्हें बताना चाहूंगी कि जब से मैं यहां हूं हिंदू और मुस्लिम अच्छे से रह रहे हैं। अगर मैं नहीं होती तो ऐसा नहीं होता।
इससे पहले हाल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक रैली में ममता बनर्जी को उनके बयान पर घेरते हुए कहा कि दीदी, अभी हाल में आपने कहा कि सभी मुसलमान एक हो जाओ, वोट बंटने मत दो, लेकिन अगर हमने ये कहा होता कि सारे हिंदू एकजुट हो जाओ, भाजपा को वोट दो तो हमें चुनाव आयोग के 8-10 नोटिस मिल गए होते। अखबारों में हमारे खिलाफ कई एडिटोरियल लिखे जाते।
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