DRDO successfully test-fired the air-to-air Python-5 missile.
रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन यानि डीआरडीओ ने बुधवार को एक बयान जारी करते हुए जानकारी दी कि स्वदेशी पाइथन-5 मिसाइल का परीक्षण किया जोकि कामयाब रहा। इसके बाद अब स्वदेश में बने हल्के लड़ाकू विमान तेजस की हवा से हवा में मार करने की हथियार क्षमता में 5वीं पीढ़ी का पाइथन-5 प्रक्षेपास्त्र जुड़ गया है। डीआरडीओ ने बताया कि इस परीक्षण का लक्ष्य तेजस पर पहले से ही एकीकृत डर्बी बियॉन्ड विजुअल रेंड (बीवीआर) एएएम की बढ़ी हुई क्षमता को सत्यापित करना था। संगठन ने कहा कि मंगलवार को गोवा में किए गए इस परीक्षण प्रक्षेपण से विभिन्न चुनौतीपूर्ण परिदृश्यों में इसके प्रदर्शन के प्रमाणन के लिए प्रक्षेपास्त्र परीक्षणों की श्रृंखला पूरी हुई।
रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन ने अपने बयान में कहा कि डर्बी प्रक्षेपास्त्र ने तेज गति से हवा में करतब दिखा रहे लक्ष्य पर सीधा प्रहार किया और पाइथन-5 मिसाइल ने भी 100 प्रतिशत लक्ष्य पर वार किया। इस तरह इसने अपनी पूर्ण क्षमताओं को प्रमाणित किया। डीआरडीओ की जानकारी के अनुसार, इन परीक्षणों ने अपने सभी लक्षित उद्देश्यों को पूरा किया।
आपको जानकारी के लिए बता दें कि इन परीक्षणों से पहले बंगलूरू में तेजस में लगी विमानन प्रणाली के साथ मिसाइल के एकीकृत होने के आकलन के लिए व्यापक हवाई परीक्षण किए गए थे। इनमें लड़ाकू विमान तेजस की वैमानिकी, फायर-नियंत्रण रडार, प्रक्षेपास्त्र आयुध आपूर्ति प्रणाली, विमान नियंत्रण प्रणाली शामिल हैं।
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