Birth Anniversary: Dr. Homi Jehangir Bhabha was the father of India's nuclear energy program.
महान भारतीय वैज्ञानिक डॉ. होमी जहांगीर भाभा की आज 114वीं जयंती है। वे अपने समय में दुनियाभर में ख़ासे मशहूर व्यक्ति थे। डॉ. भाभा को भारत के परमाणु ऊर्जा कार्यक्रम का जनक माना जाता है। इन्होंने देश के परमाणु कार्यक्रम के भावी स्वरूप की इतनी मजबूत नींव रखीं कि भारत आज विश्व के प्रमुख परमाणु संपन्न देशों में गिना जाता है। होमी जहांगीर भाभा का जन्म 30 अक्टूबर, 1909 को महाराष्ट्र के मुंबई में एक समृद्ध पारसी परिवार में हुआ था। डॉ. भाभा न सिर्फ महान वैज्ञानिक थे, बल्कि वह शास्त्रीय संगीत, नृत्य और चित्रकला में भी गहन रुचि रखते थे। इन्हें भारत सरकार द्वारा ‘पद्मभूषण’ अवॉर्ड से नवाजा गया। इस खास अवसर पर जानिए डॉ. भाभा के जीवन के बारे में कुछ अनसुनी बातें…
होमी जहांगीर भाभा ने जेआरडी टाटा की मदद से मुंबई में ‘टाटा इंस्टिट्यूट ऑफ फंडामेंटल रिसर्च’ की स्थापना की और वर्ष 1945 में वो इसके निदेशक भी बने थे। इसके बाद वर्ष 1948 में इन्होंने भारतीय परमाणु ऊर्जा आयोग की स्थापना की और अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा मंचों पर भारत का प्रतिनिधित्व भी किया। डॉ. होमी जहांगीर भाभा ही थे, जिन्होंने देश के आजाद होने के बाद दुनिया के विभिन्न देशों में रह रहे भारतीय वैज्ञानिकों से वापस भारत लौटने की अपील की थी। भाभा को नोबेल पुरस्कार विजेता सर सीवी रमन भारत का ‘लियोनार्दो द विंची’ बुलाते थे।
डॉ. भाभा शांतिपूर्ण कार्यों के लिए परमाणु ऊर्जा के उपयोग के समर्थक थे। 60 के दशक में बहुत से विकसित देशों का ये तर्क था कि परमाणु ऊर्जा संपन्न होने से पहले विकासशील देशों को अन्य पहलुओं पर ध्यान देना चाहिए। जबकि डॉ. भाभा ने इसका दमदार तरीके से खंडन किया था। वह विकास कार्यों में परमाणु ऊर्जा के प्रयोग की वकालत करते रहे। डॉक्टर भाभा को 5 बार भौतिकी के नोबेल पुरस्कार के लिए नामांकित किया गया, परंतु विज्ञान की दुनिया का सबसे बड़ा सम्मान इस महान वैज्ञानिक को मिल नहीं पाया। शायद भारतीय होना इसकी वजह रहा।
अक्टूबर 1965 में होमी जहांगीर भाभा ने ऑल इंडिया रेडियो से घोषणा की थी कि अगर उन्हें छूट मिले तो भारत 18 महीनों में परमाणु बम बनाकर दिखा सकता है। इनका मानना था कि ऊर्जा, कृषि और मेडिसिन जैसे क्षेत्रों के लिए शांतिपूर्ण परमाणु ऊर्जा कार्यक्रम शुरू होने चाहिए। इन्होंने पंडित नेहरू को परमाणु आयोग की स्थापना के लिए राजी किया था। डॉ. होमी जहांगीर भाभा वर्ष 1950 से 1966 तक परमाणु ऊर्जा आयोग के अध्यक्ष रहे। तब वह भारत सरकार में सचिव पद पर भी थे। इनके बारे में कहा जाता है कि बेहद सादगी पसंद डॉ. होमी भाभा कभी अपने चपरासी को ब्रीफकेस उठाने नहीं देते थे, वह खुद ही उठा लिया करते।
वर्ष 1966 में मुंबई से न्यूयॉर्क जा रहा एयर इंडिया का बोइंग 707 मॉन्ट ब्लां के निकट दुर्घटनाग्रस्त हो गया था। इसकी वजह से 24 जनवरी, 1966 को डॉ. होमी जहांगीर भाभा की मौत हो गईं। हालांकि, इस विमान दुर्घटना का रहस्य आज तक नहीं खुल पाया है। एक न्यूज वेबसाइट ने अपनी रिपोर्ट में इसके संकेत दिए कि डॉ. भाभा के प्लेन क्रैश में अमेरिकी खुफिया एजेंसी CIA का हाथ था। करीब दो साल पहले एक वेबसाइट ने साल 2008 में पत्रकार ग्रेगरी डगलस और सीआईए के अधिकारी रॉबर्ट टी क्राओली के बीच हुई कथित बातचीत को फिर से पेश किया।
इस बातचीत में सीआईए अधिकारी रॉबर्ट के हवाले से कहा गया है, ‘हमारे सामने समस्या थी, भारत ने 60 के दशक में आगे बढ़ते हुए परमाणु बम पर काम शुरू कर दिया था।’ रॉबर्ट ने इस दौरान रूस का भी जिक्र किया, जो कथित तौर पर भारत की मदद कर रहा था। इसके बाद होमी जहांगीर भाभा का जिक्र आता है। CIA अधिकारी रॉबर्ट ने कहा, ‘मुझ पर भरोसा करो, वह खतरनाक थे। उनके साथ एक दुर्भाग्यपूर्ण हादसा हुआ। वह परेशानी को और बढ़ाने के लिए वियना की उड़ान में थे, तभी उनके बोइंग 707 के कार्गो में रखे बम में विस्फोट हो गया।’
Read: भारत के 10वें राष्ट्रपति के. आर. नारायणन ने विदेशी मूल की महिला से की थी शादी
रोहित शर्मा ने सनराइजर्स हैदराबाद के खिलाफ फील्डिंग की सजावट की और कप्तान हार्दिक पांड्या…
अग्निवीर स्कीम को लेकर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने एक बड़ा बयान दिया है। उन्होंने…
सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को नागरिकता संशोधन कानून (CAA) रोक लगाने से इनकार कर दिया…
चुनाव रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर बड़ी भविष्यवाणी की है। प्रशांत…
आज अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के दिन राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने इंफोसिस के चेयरमैन नारायण मूर्ति…
कोलकाता हाई के पूर्व जस्टिस अभिजीत गंगोपाध्याय भाजपा में शामिल हो गए है। उन्होंने हाल…
Leave a Comment