‘मुगल-ए-आजम’, ‘अशोका’, ‘जोधा-अकबर’, ‘पद्दमावत’ जैसी ऐतिहासिक बॉलीवुड फिल्मों की लिस्ट में एक और नाम जुड़ने जा रहा है। जिसकी घोषणा हालिया अक्षय कुमार ने अपने जन्मदिन के अवसर पर टीजर जारी करते हुए की है। ‘पृथ्वीराज’ की अनाउंसमेंट के बाद से ही यह फिल्म सिने प्रेमियों के लिए कौतूहल का विषय बनी हुई है। पृथ्वीराज चौहान की वीरता के किस्सों से इतिहास लदा पड़ा है। देश में शायद ही ऐसा कोई शख्स हो जो पृथ्वीराज चौहान की शख्सियत से वाकिफ ना हो। पहली बार उनकी वीरता और शौर्य बड़े पर्दे पर देखने को मिलेगी।
फिल्म इसलिए भी ज्यादा सुर्खियों में है क्योंकि इस फिल्म का निर्देशन छोटे पर्दे के चाणक्य कहे जाने वाले डॉ. चंद्रप्रकाश द्विवेदी कर रहे हैं। बता दें कि ये वही शख्सियत है जिन्हें ऐतिहासिक ड्रामा में महारत हासिल हैं। द्विवेदी को 90 के दशक के एपिक शो ‘चाणक्य’ के लिए जाना जाता है। द्विवेदी ने इस शो का निर्देशन करने के साथ ही इसमें अभिनय भी किया था। इस पोस्ट में हम बात करेंगे डॉ. चंद्रप्रकाश द्विवेदी के बारे में जिन्होंने मेडिकल की पढ़ाई छोड़ थिएटर की दुनिया में कदम रखा। चंद्रप्रकाश द्विवेदी का जन्म साल 1960 में राजस्थान के सिरोही दोदूआ गांव में हुआ। द्विवेदी बचपन से ही पढ़ने में होशियार थे।
स्कूली शिक्षा पूरी होने के बाद द्विवेदी जब मेडिकल की पढ़ाई कर रहे थे तो उसी दौरान उनका रूझान थिएटर और साहित्य की ओर हो गया। आपको जानकर हैरानी हो मगर द्विवेदी ने मेडिकल की पढ़ाई छोड़कर इस क्षेत्र में कदम रखा। डॉ चंद्रप्रकाश द्विवेदी ने भारतीय अर्थनीति और राजनीति के महागुरू कौटिल्य यानि चाणक्य की जीवनी पर आधारित धारावाहिक ‘चाणक्य’ का निर्देशन किया। इस धारावाहिक का प्रसारण दूरदर्शन पर शुरू हुआ। जिसमें द्विवेदी ने अपने अभिनय का जौहर दिखाया। इस धारावाहिक को दर्शकों ने इतना पसंद किया कि इसे उस दौर का ऐतिहासिक एपिक शो कहा जाता है। जो आज भी ऐतिहासिक धारावाहिकों की लिस्ट में शामिल किया जाता है।
‘चाणक्य’ धारावाहिक ने कई थिएटर कलाकारों की जिंदगी संवारने का काम किया। जब द्विवेदी ने इस धारावाहिक को बनाने का फैसला लिया तब उन्होने तय किया कि वे इस शो में नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा से एक्टिंग की ट्रेनिंग लेने वालों को ही इसमें प्राथमिकता देंगे। उन्होंने इस धारावाहिक में उस दौर के संजय मिश्रा, दीपराज राणा जैसे नवोदित कलाकारों को लिया जिनका नाम आज इंडस्ट्री के बेहतरीन कलाकारों में शामिल किया जाता है।
‘चाणक्य’ की जबरदस्त सफलता के बाद द्विवेदी ने ‘मृत्युंजय’, ‘एक और महाभारत’, ‘उपनिशषद गंगा’ जैसे शो बनाए। जिन्हें दर्शकों द्दारा काफी पसंद किया गया। छोटे पर्दे पर मिली लोकप्रियता के बाद द्विवेदी ने बॉलीवुड में हाथ आजमाया। साल 2003 में द्विवेदी ने बॉलीवुड फिल्म ‘पिंजर’ का निर्देशन किया। जो भारत के विभाजन के समय हिंदू-मुसलमानों की समस्याओं पर आधारित थी। यह फिल्म मशहूर लेखिका अमृता प्रीतम के उपन्यास पर आधारित थी। यह फिल्म उर्मिला मातोंडकर, मनोज वाजपेयी, ईशा कोप्पिकर, जैसे कलाकारों से सजी हुई थी। द्विवेदी ने ‘जेड प्लस’, ‘मोहल्ला अस्सी’ जैसी फिल्मों का निर्देशन किया। द्विवेदी को बॉलीवुड फिल्मों से वो फेम नहीं मिला जो उनके निर्देशन में बने टीवी शो से मिला।
द्विवेदी ने बॉलीवुड की चुनिंदा फिल्में निर्देशित की है मगर उसके बावजूद उन्हें बॉलीवुड में कुछ खास सफलता नहीं मिल पाई। ऐसे में उनके लिए बॉलीवुड की अपकमिंग फिल्म ‘पृथ्वीराज’ एक बड़ी चुनौती साबित होगी। भले ही ऐतिहासिक ड्रामा में द्विवेदी पारंगत हो मगर उनका फिल्मी सफर कुछ खास नहीं रहा। ऐसे में यह देखना वाकई दिलचस्प होगा कि द्विवेदी फिल्म की सफलता के लिए कौनसी चाणक्य नीति अपनाते हैं।
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