नागरिक उड्डयन महानिदेशालय यानि डीजीसीए ने उड़ान सेवाओं को ज्यादा सुरक्षित बनाने के लिए एक बड़ा फैसला लेते हुए एयरलाइंस कर्मियों का ड्रग टेस्ट अनिवार्य कर दिया है। अब अगर कोई एयरलाइंस कर्मी पॉजिटिव पाया जाता है, तो उसे नशा मुक्ति केंद्र भेजा जाएगा। नागरिक उड्डयन महानिदेशालय ने अपने इस फैसले को लेकर सभी एयरलाइंस कंपनियों को दिशा-निर्देश भी जारी कर दिए हैं।
डीजीसीए के ताज़ा दिशा-निर्देशों के तहत, भारत में सेवा दे रही सभी एयरलाइंस कंपनियों को अपने फ्लाइट क्रू व एयर ट्रैफिक कंट्रोलर स्टाफ का ड्रग टेस्ट खुद कराना होगा। किसी कर्मी के पॉजिटिव पाए जाने की स्थिति में उसे ड्यूटी से हटाकर नशा मुक्ति केंद्र भेजना होगा। दिशा-निर्देशों के अनुसार, एयरलाइन कंपनियों को अपने करीब 10 फीसदी स्टाफ का रेंडम ड्रग टेस्ट करना अनिवार्य किया गया है।
नागरिक उड्डयन महानिदेशालय द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक, दुनियाभर में इन साइकोएक्टिव पदार्थों जैसे- कोकीन व गांजा का उपयोग और उपलब्धता लगातार बढ़ रही है। जो उड्डयन क्षेत्र के लिए भी गहन चिंतन की बात है। डीजीसीए ने यह कदम उड़ान सेवाओं को और ज्यादा सुरक्षित बनाने के लिए उठाया है। हालांकि, महानिदेशालय के ये नए दिशा-निर्देश 31 जनवरी, 2022 से लागू होंगे। यानि नए नियमों को लागू करने के लिए एयरलाइंस कंपनियों के पास करीब 4 महीने का वक्त अभी बाकी है।
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