Death of former Prime Minister Lal Bahadur Shastri remains a mystery till date, read his priceless thoughts.
आजाद भारत के दूसरे प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री की आज 11 जनवरी को 57वीं पुण्यतिथि है। यह एक ऐसा नाम है जिन्होंने देश को आजादी दिलाने में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया था। बहुत ही कम लोग इस बात से वाकिफ़ हैं कि 2 अक्टूबर गांधी जयंती के दिन ही शास्त्री जी की जयंती भी आती है। शास्त्री जी का जन्म 2 अक्टूबर, 1904 को मुगलसराय में हुआ था। वर्ष 1920 में लाल बहादुर शास्त्री भारत की स्वतंत्रता की लड़ाई में शामिल हो गए थे। वे गांधीवादी विचारधारा के समर्थक थे। यही वजह थी कि शास्त्री आजादी की लड़ाई के दौरान गांधी के ‘असहयोग आंदोलन’ का हिस्सा बने।
देश में खाद्यान्न संकट के दौरान उन्होंने लोगों को जगाने के लिए ‘जय जवान, जय किसान’ का नारा दिया था। शास्त्री ने देश में दुग्ध उत्पादक बढ़ाने में के लिए सफेद क्रांति और खाद्यान्न उत्पादक बढ़ाने के लिए हरित क्रांति को प्रोत्साहन दिया था। 11 जनवरी, 1966 को प्रधानमंत्री पद पर रहते हुए उनकी उज़्बेकिस्तान के ताशकंद शहर में बड़े रहस्यमयी तरीके से मौत हो गईं। उनकी मौत का सच आज तक भी देश के सामने नहीं आ पाया है। इस मौके पर पढ़िए लाल बहादुर शास्त्री जी के सुविचार…
“जय जवान जय किसान”
”हमारी ताकत और मजबूती के लिए सबसे जरूरी काम है लोगो में एकता स्थापित करना।”
”कानून का सम्मान किया जाना चाहिए ताकि हमारे लोकतंत्र की बुनियादी संरचना बरक़रार रहे और हमारा लोकतंत्र भी मजबूत बने।”
”देश की तरक्की के लिए हमे आपस में लड़ने के बजाए गरीबी, बीमारी और अज्ञानता से लड़ना होगा।”
”हम खुद के लिए ही नही बल्कि पूरे विश्व की शांति, विकास और कल्याण में विश्वास रखते हैं।”
”यदि हम लगातार लड़ते रहेंगे तो हमारी ही जनता को लगातार भारी परेशानियों का सामना करना पड़ेगा, हमे लड़ने के बजाय गरीबी, बीमारी और अशिक्षा से लड़ना चाहिए।”
”देश के प्रति निष्ठा सभी निष्ठाओं से पहले आती है. और यह पूर्ण निष्ठा है क्योंकि इसमें कोई प्रतीक्षा नहीं कर सकता कि बदले में उसे क्या मिलता है।”
”यदि कोई भी व्यक्ति हमारे देश में अछूत कहा जाता है तो भारत को अपना सर शर्म से झुकाना पड़ेगा।”
“यदि कोई भी व्यक्ति हमारे देश में अछूत कहा जाता है तो भारत को अपना सर शर्म से झुकाना पड़ेगा।”
”जो शासन करते हैं उन्हें देखना चाहिए कि लोग प्रशासन पर किस तरह प्रतिक्रिया करते हैं, अंतत: जनता ही मुखिया होती है।”
Read: विश्व हिंदी दिवस: जानिए 10 जनवरी को ही क्यों मनाया जाता है World Hindi Day
रोहित शर्मा ने सनराइजर्स हैदराबाद के खिलाफ फील्डिंग की सजावट की और कप्तान हार्दिक पांड्या…
अग्निवीर स्कीम को लेकर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने एक बड़ा बयान दिया है। उन्होंने…
सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को नागरिकता संशोधन कानून (CAA) रोक लगाने से इनकार कर दिया…
चुनाव रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर बड़ी भविष्यवाणी की है। प्रशांत…
आज अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के दिन राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने इंफोसिस के चेयरमैन नारायण मूर्ति…
कोलकाता हाई के पूर्व जस्टिस अभिजीत गंगोपाध्याय भाजपा में शामिल हो गए है। उन्होंने हाल…
Leave a Comment