CRPF Foundation Day: Know story of becoming CRPF from Crown Representative Force
27 जुलाई का दिन भारतीय इतिहास में एक महत्वपूर्ण दिन है। आज ही के दिन यानि 27 जुलाई को वर्ष 1939 में भारत के सबसे बड़े अर्धसैनिक बल केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल (केरिपु बल) की स्थापना मध्य प्रदेश के नीमच में हुईं। हालांकि, इसकी स्थापना सीआरपी यानि क्राउन रिप्रेजेंटेटिव पुलिस के नाम से अंग्रेजों ने की थी। लेकिन आज़ादी के बाद 28 दिसंबर, 1949 को देश के पहले गृह मंत्री सरदार वल्लभभाई पटेल ने सीआरपी की सेवाओं को कायम रखते हुए इसका नाम बदलकर सीआरपीएफ दिया। चूंकि, क्राउन रिप्रेजेंटेटिव पुलिस अंग्रेजों द्वारा दिया गया नाम था, जिसे परिवर्तित कर भारत सरकार द्वारा केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) किया गया।
केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल भारत सरकार के गृह मंत्रालय के अधीन काम करता है। सेना के साथ बॉर्डर की सुरक्षा के अलावा देश के आतंरिक मामलों से निपटने के लिए अर्द्ध सैनिक बल सीआरपीएफ एक अहम भूमिका निभाता रहा है। वर्तमान में इसमें सैनिकों की संख्या सवा 3 लाख से ज्यादा बताई जाती है।
सीआरपीएफ में 246 बटालियन है, जो हर ज़रूरी मोर्चे पर अपनी पूरी मुस्तैदी से तैनात रहती है। यह अर्धसैनिक बल हर तरह के ऑपरेशन को अंजाम देने में सक्षम माना जाता है। फिर चाहे देश में कानून-व्यवस्था बिगड़ने की बात हो, शांतिपूर्वक चुनाव सम्पन्न करवाने की बात हो, कोई भी आपातकाल की स्थिति हो या नक्सलियों से निपटना हो। सभी जगह सीआरपीएफ पूरी तैयारी और प्रभाव से साथ काम करने में दक्ष है।
उल्लेखनीय है कि सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) और भारत-तिब्बत सुरक्षा बल (आईटीबीपी) की स्थापना से पहले बॉर्डर की सुरक्षा की ज़िम्मेदारी सीआरपीएफ के जिम्मे थी। पाकिस्तान से लगने वाली पश्चिमी सीमा हो पूर्व में चीन से लगने वाला बॉर्डर, दोनों ही जगह सीआरपीएफ ने अपना काम बखूबी निभाया और देश को दुश्मन की बुरी नज़रों से बचाया रखा।
केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल की कोबरा स्पेशल फोर्स के कमांडो की गिनती भारत के बेहतरीन कमांडो में की जाती है। कोबरा कमांडो छद्म युद्ध, जंगल के क्षेत्रो में ऑपरेशन को अंजाम देने और नक्सल विरोधी ऑपरेशन में सक्षम होते हैं। हर तरह की ट्रेनिंग और आधुनिक हथियारों से लैस ये कमांडो मुश्किल से मुश्किल लक्ष्य को को आसानी से पूरा कर लेते हैं। गौरतलब है कि सीआरपीएफ की 10 कोबरा बटालियन हैं। सीआरपीएफ की ब्रांड एम्बेसडर बैडमिंटन खिलाड़ी पीवी सिंधु हैं। सीआरपीएफ की वर्ष 1962, वर्ष 1965 और वर्ष 1971 के युद्ध में अहम भूमिका रही है। सीआरपीएफ कई बार यूएन (UN) के मिशन पर भी भेजी जा चुकी है।
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