Countries and Cities where the use of public transport is absolutely free.
हाल में आम आदमी पार्टी आप के प्रमुख और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल ने दिल्ली मेट्रो में महिलाओं के लिए मुफ्त़ यात्रा की घोषणा की। हालांकि, दिल्ली सरकार महिलाओं के लिए मुफ्त़ यात्रा सुविधा अगले 2-3 महीनों में शुरु करेगी। अगर ऐसा हकीक़त में हो जाता है तो देश में दिल्ली ऐसा पहला शहर होगा, जहां महिलाओं को मुफ़्त में पब्लिक ट्रांसपोर्ट की सुविधा मिलेगी। देश में इस तरह की व्यवस्था पहली बार होने जा रही है लेकिन दुनिया के कई ऐसे देश हैं जहां पर लोगों के लिए काफी पहले से ही मुफ़्त पब्लिक ट्रांसपोर्ट की सुविधा शुरु की जा चुकी है। आइये हम आपको दुनिया के ऐसे देश और शहरों से रूबरू कराते हैं जहां पब्लिक ट्रांसपोर्ट पूरी तरह से मुफ़्त है..
लक्जमबर्ग दुनिया का पहला ऐसा देश है जहां पूरे देश में पब्लिक ट्रांसपोर्ट को मुफ़्त कर दिया गया है। लक्जमबर्ग ने अपने यहां वर्ष 2020 से पब्लिक ट्रांसपोर्ट को पूरी तरह से शुल्क मुक्त करने की घोषणा कर दी है। हालांकि, यूरोप के कुछ शहरों में इस तरह की सेवा पहले ही चालू की जा चुकी है, लेकिन पूरे देश के तौर पर ऐसी घोषणा करने वाला लक्जमबर्ग दुनिया का पहला देश बन गया है। यहां पर पब्लिक को ऐसी सुविधा उपलब्ध कराने के पीछे सरकार का मकसद ज्यादा से ज्यादा लोगों को पब्लिक ट्रांसपोर्ट में सफर करवाना है, जिससे शहर-देश का प्रदूषण कम हो सके। इस योजना को जमीन पर उतारने के लिए लक्जमबर्ग ने तैयारी कर ली है।
पश्चिमी यूरोपीय देश जर्मनी ने भी अपने यहां कुछ शहरों में पब्लिक ट्रांसपोर्ट फ्री करने का फैसला किया है। जर्मनी ने अपने देश में सबसे पहले मुफ़्त सफ़र की योजना के लिए अपने शहर हेरनबर्ग, बॉन, एसेन, मैनहेम और रॉटलिंगन को चुना है। इन शहरों को चुने जाने के पीछे का कारण है कि ये देश के सबसे ज्यादा प्रदूषित शहर हैं।
यूरोपीय देश बेल्जियम के हस्सेल्ट शहर में वर्ष 1997 में ही पब्लिक ट्रांसपोर्ट को मुफ़्त कर दिया गया। बता दें, हस्सेल्ट शहर लिम्बर्ग प्रांत की राजधानी है। यहां पर सरकार द्वारा फ्री ट्रेवल का निर्णय लेने से 2006 तक यात्रियों की तादाद में 13 गुना तक का इजाफा हुआ था। फिर मुफ़्त यात्रा योजना को 19 साल बाद खत्म कर दिया गया, लेकिन अब भी 19 साल से कम उम्र के लोग फ्री में ट्रेवल करते हैं। बताया जाता है कि इससे इस देश ने प्रदूषण पर काबू पाने में बड़ी कामयाबी हासिल की थी।
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वहीं, एस्टोनिया की राजधानी टालिन में 6 साल पहले साल यानी 2013 में फ्री पब्लिक ट्रांसपोर्ट लागू किया गया।टालिन में मुफ़्त यात्रा का लाभ सिर्फ इसी शहर के वाशिंदों को मिलता है, जबकि देश के अन्य हिस्से से यहां आने वाले देशवासियों को शहर की बसों, ट्रॉली बसों, ट्रेन और ट्राम के इस्तेमाल के लिए किराया चुकाना पड़ता है। फ्री ट्रेवल सर्विस का लाभ उठाने के लिए वहां के लोगों को नागरिक के तौर पर रजिस्टर कराना होता है और ग्रीन कार्ड के लिए 2 पाउंड देने होते हैं।
दिल्ली के मतदाताओं ख़ासकर महिला मतदाताओं को लुभाने के लिए दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल ने सभी डीटीसी बसों में और मेट्रो ट्रेनों में फ्री ट्रेवल योजना की घोषणा की है। केजरीवाल ने कहा कि इस के लिए सब्सिडी किसी पर थोपी नहीं जाएगी। कुछ महिलाएं अपनी आर्थिक समस्याओं के चलते मेट्रो ट्रेन में सफर नहीं कर पाती हैं। मुफ़्त यात्रा का नियम लागू होने के बाद ऐसी महिलाएं भी मेट्रो व बसों में सफर कर सकेंगी। ऐसे में दिल्ली में अगर महिलाओं के लिए मुफ्त यात्रा की सुविधा शुरू हुई तो प्रदूषण से राहत मिलना तय है, क्योंकि प्रदूषण में वाहनों की भूमिका ज्यादा होती है। यह अलग बात है कि आप पार्टी के प्रमुख और दिल्ली सीएम केजरीवाल इसका राजनीतिक लाभ उठाना चाहते हैं।
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