पूरी दुनिया में कोरोना के कहर से कोई सा सेक्टर बच नहीं पाया है और अब विमानन सेक्टर भी भारी परेशानियों से जूझ रहा है। दरअसल कोरोना की वजह से उडान सेवाएं पूरी तरह बंद होने के कारण दुनिया में करीब 16 हजार से ज्यादा विमान जमीन पर ही रूके हुए हैं और इस वजह से इन्हें चलाने वाली कंपनियों को कई तरह की आर्थिक परेशानियों का डर सता रहा है। जानिये विस्तार से-
कोरोना की वजह से कई देशों में उडान सेवाएं पूरी तरह बंद हैं। इस वजह से करीब 16 हजार विमान जमीन पर ही रूके पडे हैं जिन्हें हवाईपट्टी व स्टोरेज आदि जगहों पर पार्क किया जा रहा है। गौरतलब है कि विमानों को एयरपोर्ट पर खड़े करने का शुल्क भी कंपनियों को देना पडता है। ऐसे में कंपनियों के विमान अगर इसी तरह कई दिनों तक और खडे रहे और पार्किंग शुल्क कम नहीं किया गया तो इससे विमानन कंपनियों को उपर बहुत ज्यादा आर्थिक भार आएगा जिससे इन कंपनियों की आर्थिक रूपी कमर टूट जाने की नौबत आ सकती है।
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जानकारों के अनुसार अगर विमान लंबे समय से जमीन पर खड़ा हुआ है तो अन्य कई प्रमुख चीजों का भी बहुत ध्यान रखना पडता है। सबसे ज्यादा मेहनत विमानों के मेंटेनेेंस को लेकर होती है। इस प्रक्रिया के तहत विमानों के इंजन को चालू करना पडता है और सभी चीजों को पुन: सक्रिय करना पडता है। इसके अलावा फ्लाइट कंट्रोल की जांच,केबिन की सफाई,विमानों के टायर का ध्यान,लैंडिंग गियर को जंग से बचाने सहित बहुत चीजों का प्रमुखता से ध्यान व जांच करनी पडती है और इस कार्य में भी काफी मेहनत व धन खर्च होता है।
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