देश में कोरोना संकट व लंबे समय से चल रहे लॉकडाउन की वजह से अर्थव्यवस्था को तगडा झटका लगा है। इस दौरान लोगों को पैसों की जरूरत है और सरकार चाहती है कि लोगों को लोन मिले लेकिन बैंक लोन देने से कतरा रहे हैं। जानिये आखिर क्या है पूरा मामला-
मीडिया रिपोर्टस के अनुसार आर्थिक पैकेज की घोषणा के बाद सरकार चाहती है कि अर्थव्यवस्था को उबारने के लिए कर्ज की आसान उपलब्धता लोगों के लिए बनी रहे मगर बैंक इस समय कर्ज देने से कतरा रहे हैं और पैसा कर्ज पर देने की बजाय आरबीआई में रखना ज्यादा बेहतर व सुरक्षित मान रहे हैं।
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गौरतलब है कि देश में कोरोना संकट व करीब दो महीने से लॉकडाउन रहने के चलते हर क्षेत्र में आर्थिक गतिविधियां पूरी तरह ठप हो गई हैं। मीडिया रिपोर्टस के अनुसार इस दौरान कर्ज वापसी की कम उम्मीद के चलते कई बैंक कर्ज देने में पूरी तरह इच्छुक नहीं लग रहे हैं इसलिए बैंक लोन देकर जोखिम लेने से कतरा रहे हैं।
एक रिपोर्टस के अनुसार देश में बैंकों के पास पैसे की कोई कमी नहीं है लेकिन इसके वावजूद भी कोरोना संकट के माहौल में बैंक छोटी कंपनियों को लोन देने को तैयार नहीं दिख रहे हैं। एक तरफ आरबीआई लोन देने के लिए बैंको को प्रोत्साहित कर रहा है तो दूसरी तरफ बैंक इस काम में रूचि लेते नहीं दिखाई दे रहे हैं। मीडिया में आ रही खबरों के अनुसार वाणिज्यिक बैंकों ने बडी राशि आरबीआई के पास जमा कर रखी है। इसलिए सरकार को आगे आना पड़ा और कंपनियों को राहत देते हुए सरकार ने एमएसएमई सेक्टर व गैर-पारंपरिक कर्जदाताओं के लिए बाजार में नकदी बढ़ाकर व सरल ऋण के जरिये 62 अरब डॉलर की राशि की राहत दी थी।
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